नई दिल्ली (इंडिया)। ‘कॉल स्पूफ’ का अर्थ होता है कि फोन की घंटी बजने के दौरान फोन करने वाले का वास्तविक नंबर नहीं, बल्कि किसी और का नंबर दिखता है।
स्पूफिंग के मामलों में विक्टिम को यह यकीन दिलाया जाता है कि कॉल किसी नमी व्यक्ति की ओर से आई है। पिछले कुछ सालों में, हमने देखा है कि इस तरीके का इस्तेमाल अक्सर लोगों को यह भरोसा दिलाने के लिए किया जाता है कि उन्हें किसी सेलिब्रिटी या ऐसे लोगों का फोन आया है, जिन्हें वो सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
मोबाइल नंबर स्पूफिंग कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है और इसका इस्तेमाल कई सालों से जालसाजों द्वारा नामी लोगों को बरगलाने के लिए किया जाता है। यह एक तरह से कॉलर आईडी की जानकारी में किया गया हेरफेर है।
अक्सर, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों द्वारा मोबाइल नंबर स्पूफिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्रिमिनल्स को ट्रैक करने या किसी नामी व्यक्ति के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जाता है।
स्पूफिंग कॉल्स की पहचान कैसे करें और इससे से कैसे सुरक्षित रहें?
कॉलर की जानकारी जानने के लिए आप कॉलर आईडी ऐप जैसे Truecaller का यूज कर सकते हैं।
ऐसा कोई एंटी-वायरस समाधान नहीं है जो स्पूफिंग से सुरक्षित रहने में मदद कर सके। कॉलर-आईडी ऐप्स को भी बरगलाया जा सकता है, इसलिए, कोई पूर्ण-प्रूफ तरीका नहीं है। सुरक्षित रहने का एक ही तरीका है कि आप पहली बार अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स को इग्नोर करें।
साथ ही, हमेशा याद रखें कि अगर कुछ सच होने के लिए बहुत अच्छा है तो शायद वह है। उदाहरण के लिए, अचानक प्रधान मंत्री या एलोन मस्क का फोन आना। और अगर आपको लगता है कि आपको किसी प्रमुख शख्सियत का फोन आ सकता है तो अपने बारे में ज्यादा जानकारी न दें। भूलने की बात नहीं है, अगर कॉल करने वाला आपको कॉल के दौरान किसी भी नंबर को प्रेस करने के लिए कहता है तो अत्यधिक संदेहास्पद हो और तुरंत डिस्कनेक्ट कर दें।