बता दें कि राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले बजट में इस योजना का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपनी चौथी सालगिरह पर महिलाओं को मोबाइल बांटना शुरू करने की योजना बना रही है। सरकार को दिसंबर में चार साल होंगे।
राजस्थान सरकार राज्य की 1.33 करोड़ महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने के अपने वादे पर अमल करने की दिशा में आगे बढ़ गई है। सरकार ने दो दिन पहले इसके लिए टेंडर जारी कर दिया और 23 मई को 3 बजे बोली लगाई जाएगी। वहीं 1 जुलाई को टेक्निकल विड खुलेगी।
सरकार ने टेंडर में कई शर्तें भी लगाई हैं। इनके अनुसार, जिस भी कंपनी को टेंडर मिलता है, उसे डिलीवरी के समय केवल 30 प्रतिशत भुगतान ही किया जाएगा। इसके एक साल बाद 35 प्रतिशत पैसे का भुगतान किया जाएगा, वहीं तीसरे साल में बाकी के बचे हुए 35 प्रतिशत पैसे का भुगतान किया जाएगा।
राजस्थान सरकार के अनुसार, स्मार्टफोन का वितरण जिला और ब्लॉक स्तर पर किया जाएगा। स्मार्टफोन लेने के लिए महिलाओं को KYC करवाना होगा। इसका समय और जगह IT विभाग तय करेगा।
मुफ्त में सुविधाएं और सामान देने वाली योजनाओं पर उठ रहा है सवाल
गौरतलब है कि गहलोत सरकार ऐसे समय पर महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने जा रही है जब देशभर में ऐसी योजनाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे सरकारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है और राजकोषीय घाटे में वृद्धि होती है।
वहीं ऐसी योजनाओं का समर्थन करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि ये योजनाओं समाज के गरीब और वंचित वर्ग को लाभ पहुंचाती हैं और उन्हें आगे बढ़ने का मौका देती हैं।