विज्ञापन उद्योग के स्व-नियामक निकाय भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने कहा कि विज्ञापन मानक के नियमों का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब विज्ञापन पॉलिसी के मुताबिक नस्ल, जाति, स्त्री-पुरुष भेदभाव या राष्ट्रीयता के आधार पर किसी का भी मजाक करना शामिल नहीं है। मालूम हो कि ये नियम बहुत पहले से लागू थे लेकिन अब इनका दायरा बढ़ा दिया गया है।
ASCI ने कहा कि उसे उभरते हुए समाज और उपभोक्ताओं की बदलती चिंताओं के साथ तालमेल बिठाना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विज्ञापन अपेक्षाओं के अनुरूप रहे। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एक ऑफिशियल बयान में कहा गया कि ‘अब इसमें लिंग पहचान (gender identity), यौन आकर्षण (sexual attraction), शरीर का आकार (body shape), आयु (age), शारीरिक और मानसिक स्थितियों जैसे संभावित भेदभाव या मजाक को अब संहिता में शामिल किया गया है। इन आधारों पर अब अगर विज्ञापनों में मजाक उड़ाया जाता है तो नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।’
ASCI ने क्या कहा?
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने बनाए गए नियमों में साफ कहा है कि किसी भी विज्ञापन में शरीर का आकार, उम्र। शारीरिक और मानसिक स्थितियों से जुड़े किसी भी भेदभाव को नहीं किया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।