पोटाकेबिनों में मलेरिया का कहर, 3 दिन में 2 बच्चियों की मौत

-मो. इमरान खान भोपालपटनम, 14 जुलाई (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। पोटाकेबिनों मे मलेरिया का कहर बरपा है। तीन दिन में 2 मासूम बच्चियों की मौत हुई है। तारलागुड़ा के बाद संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा की शनिवार-रविवार की दरमियानी रात मलेरिया से पीडि़त वैदिका जव्वा की इलाज के दौरान मौत हो गई है। पोटाकेबिन अध्यनरत बच्ची को मलेरिया पॉजिटिव होने के बाद 11 जुलाई को मद्देड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। उसकी तबीयत में सुधार न होने से उसे शनिवार की देर शाम जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ वे बेहोशी के हालत में थी, इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। ज्ञात हो कि आदिवासी बहुल इलाके में बरसात की शुरुआत में मलेरिया का कहर शुरू हो गया है, लेकिन ब्लॉक स्तर पर अधिकारी लापरवाह नजर आ रहे हैं। पिछली घटनाओं को देखकर इन्होंने कोई सबक नहीं लिया है और लगातार घटनाएं हो रही है। इधर स्वास्थ्य विभाग ने भी कई गांवों में मलेरिया दवाई का छिडक़ाव नहीं किया है, इनका काम भी धीमा चल रहा है। लापरवाही बन रही मौत का कारण जिले के आवासीय संस्थाओं में शिक्षा सत्र के प्रारंभिक महीने में छात्र छात्राओं को मलेरिया के साथ-साथ मौसमी बीमारियां जकड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधाएं के अभाव के अलावा बिस्तरों की गन्दगी का भी सामना करना पड़ रहा है। आवासीय संस्थाओं में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण का अभाव भी इसका कारण है। एक ही घर के दो बच्चे मलेरिया पीडि़त पोटाकेबिन में बच्ची की मौत के बाद मलेरिया पीडि़त बच्चों के परिजन डरे सहमे से हैं। संगमपल्ली पोटाकेबिन में अध्ययनरत वैशाली यालम, अंजली यालम दोनों सगी बहनें मलेरिया से ग्रसित हैं। वे बच्चों को अपने घर ले जाकर इलाज करवाने की जिद पर अड़े रहे, जैसे तैसे समझाइश के बाद डॉक्टरो ने इलाज जारी रखा है। लापरवाही बरती जा रही है-विधायक मंडावी विधायक विक्रम मंडावी ने तारलागुड़ा व संगमपल्ली पोटाकेबिन में दो छात्राओं की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। विधायक विक्रम ने कहा कि इन बच्चों की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिले में आदिवासी बच्चों की मौत बहुत ही दुखद घटना है और जो बच्चे अस्पताल में भर्ती है, प्रशासन उन बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराये। राज्य में भाजपा की सरकार में आदिवासी बच्चों की मौत व आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं। जिले स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है। इन सब मामलों को विधानसभा में प्रश्न उठाया जाएगा।

पोटाकेबिनों में मलेरिया का कहर, 3 दिन में 2 बच्चियों की मौत
-मो. इमरान खान भोपालपटनम, 14 जुलाई (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। पोटाकेबिनों मे मलेरिया का कहर बरपा है। तीन दिन में 2 मासूम बच्चियों की मौत हुई है। तारलागुड़ा के बाद संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा की शनिवार-रविवार की दरमियानी रात मलेरिया से पीडि़त वैदिका जव्वा की इलाज के दौरान मौत हो गई है। पोटाकेबिन अध्यनरत बच्ची को मलेरिया पॉजिटिव होने के बाद 11 जुलाई को मद्देड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। उसकी तबीयत में सुधार न होने से उसे शनिवार की देर शाम जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ वे बेहोशी के हालत में थी, इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। ज्ञात हो कि आदिवासी बहुल इलाके में बरसात की शुरुआत में मलेरिया का कहर शुरू हो गया है, लेकिन ब्लॉक स्तर पर अधिकारी लापरवाह नजर आ रहे हैं। पिछली घटनाओं को देखकर इन्होंने कोई सबक नहीं लिया है और लगातार घटनाएं हो रही है। इधर स्वास्थ्य विभाग ने भी कई गांवों में मलेरिया दवाई का छिडक़ाव नहीं किया है, इनका काम भी धीमा चल रहा है। लापरवाही बन रही मौत का कारण जिले के आवासीय संस्थाओं में शिक्षा सत्र के प्रारंभिक महीने में छात्र छात्राओं को मलेरिया के साथ-साथ मौसमी बीमारियां जकड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधाएं के अभाव के अलावा बिस्तरों की गन्दगी का भी सामना करना पड़ रहा है। आवासीय संस्थाओं में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण का अभाव भी इसका कारण है। एक ही घर के दो बच्चे मलेरिया पीडि़त पोटाकेबिन में बच्ची की मौत के बाद मलेरिया पीडि़त बच्चों के परिजन डरे सहमे से हैं। संगमपल्ली पोटाकेबिन में अध्ययनरत वैशाली यालम, अंजली यालम दोनों सगी बहनें मलेरिया से ग्रसित हैं। वे बच्चों को अपने घर ले जाकर इलाज करवाने की जिद पर अड़े रहे, जैसे तैसे समझाइश के बाद डॉक्टरो ने इलाज जारी रखा है। लापरवाही बरती जा रही है-विधायक मंडावी विधायक विक्रम मंडावी ने तारलागुड़ा व संगमपल्ली पोटाकेबिन में दो छात्राओं की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। विधायक विक्रम ने कहा कि इन बच्चों की मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जिले में आदिवासी बच्चों की मौत बहुत ही दुखद घटना है और जो बच्चे अस्पताल में भर्ती है, प्रशासन उन बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराये। राज्य में भाजपा की सरकार में आदिवासी बच्चों की मौत व आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं। जिले स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है। इन सब मामलों को विधानसभा में प्रश्न उठाया जाएगा।