इलेक्ट्रिक कार की बैटरी चार मिनट और 37 सेकंड में 80 फ़ीसदी तक चार्ज हुई

ब्रिटेन की स्टार्टअप कंपनी न्योबोल्ट द्वारा विकसित एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी अपने पहले लाइव टेस्टिंग में चार मिनट और 37 सेकंड में 10 फ़ीसदी से 80 फ़ीसदी तक चार्ज हो गई. बेडफ़ोर्ड में विशेष रूप से डिज़ाइन की गई कॉन्सेप्ट स्पोर्ट्स कार के साथ बैटरी का परीक्षण किया गया. इंडस्ट्री में ऐसी तकनीक विकसित करने की कोशिश की जा रही है जिससे बैटरी मिनटों में पूरी तरह चार्ज हो जाए. यह इन्ही प्रयासों का हिस्सा है. ब्रिटेन में भारतीय व्यक्ति डॉ. साई शिवरेड्डी द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप कंपनी नियोबोल्ट ने इस बैटरी का निर्माण किया है. इसके लिए 350kW डीसी सुपरफास्ट चार्जर की ज़रूरत होगी. इसे इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तेजी से चार्ज करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. मौजूदा टेस्ला सुपरचार्जर एक कार की बैटरी को 15-20 मिनट में 80% तक चार्ज कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ाने के लिए कथित रेंज एंग्जायटी को समाप्त करना ज़रूरी है . साथ ही उन्होंने चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर में सुधार के महत्व पर भी ज़ोर दिया. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सतत ऊर्जा इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर पॉल शियरिंग ने बीबीसी को बताया, ऐसी तकनीक विकसित करना जो लोगों को अधिक तेजी से कार चार्ज करने में सक्षम बनाए, चार्जिंग का समय कार में ईंधन भरने में लगने वाले समय जितना हो - वास्तव में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, लोग फास्ट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर चाहते हैं. चाहे लोग कोई भी कार इस्तेमाल कर रह हों, वो इसे अधिक तेजी से चार्ज करना चाहता है. न्योबोल्ट के सह-संस्थापक डॉ. साई शिवरेड्डी ने बीबीसी को बताया कि वह परिणामों से खुश हैं लेकिन यह परीक्षण आसान नहीं था. पहली बार इसका परीक्षण इंडस्ट्री के जानकारों के सामने किया गया है. इस दौरान कई अड़चनें भी सामने आईं. जैसे- हीटवेव, कॉन्सेप्ट कार के कूलिंग सिस्टम में समस्या और एक ऑन-साइट चार्जर शामिल था जो न्योबोल्ट द्वारा नहीं बनाया गया था. इन वजहों से कंपनी प्रयोगशाला वाले रिज़ल्ट नहीं दोहरा सकी. प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में कहा गया है कि बैटरी छह मिनट में 0 फ़ीसदी से 100 फ़ीसदी तक चार्ज हो सकती है.(bbc.com/hindi)

इलेक्ट्रिक कार की बैटरी चार मिनट और 37 सेकंड में 80 फ़ीसदी तक चार्ज हुई
ब्रिटेन की स्टार्टअप कंपनी न्योबोल्ट द्वारा विकसित एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी अपने पहले लाइव टेस्टिंग में चार मिनट और 37 सेकंड में 10 फ़ीसदी से 80 फ़ीसदी तक चार्ज हो गई. बेडफ़ोर्ड में विशेष रूप से डिज़ाइन की गई कॉन्सेप्ट स्पोर्ट्स कार के साथ बैटरी का परीक्षण किया गया. इंडस्ट्री में ऐसी तकनीक विकसित करने की कोशिश की जा रही है जिससे बैटरी मिनटों में पूरी तरह चार्ज हो जाए. यह इन्ही प्रयासों का हिस्सा है. ब्रिटेन में भारतीय व्यक्ति डॉ. साई शिवरेड्डी द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप कंपनी नियोबोल्ट ने इस बैटरी का निर्माण किया है. इसके लिए 350kW डीसी सुपरफास्ट चार्जर की ज़रूरत होगी. इसे इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को तेजी से चार्ज करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. मौजूदा टेस्ला सुपरचार्जर एक कार की बैटरी को 15-20 मिनट में 80% तक चार्ज कर सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ाने के लिए कथित रेंज एंग्जायटी को समाप्त करना ज़रूरी है . साथ ही उन्होंने चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर में सुधार के महत्व पर भी ज़ोर दिया. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में सतत ऊर्जा इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर पॉल शियरिंग ने बीबीसी को बताया, ऐसी तकनीक विकसित करना जो लोगों को अधिक तेजी से कार चार्ज करने में सक्षम बनाए, चार्जिंग का समय कार में ईंधन भरने में लगने वाले समय जितना हो - वास्तव में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, लोग फास्ट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर चाहते हैं. चाहे लोग कोई भी कार इस्तेमाल कर रह हों, वो इसे अधिक तेजी से चार्ज करना चाहता है. न्योबोल्ट के सह-संस्थापक डॉ. साई शिवरेड्डी ने बीबीसी को बताया कि वह परिणामों से खुश हैं लेकिन यह परीक्षण आसान नहीं था. पहली बार इसका परीक्षण इंडस्ट्री के जानकारों के सामने किया गया है. इस दौरान कई अड़चनें भी सामने आईं. जैसे- हीटवेव, कॉन्सेप्ट कार के कूलिंग सिस्टम में समस्या और एक ऑन-साइट चार्जर शामिल था जो न्योबोल्ट द्वारा नहीं बनाया गया था. इन वजहों से कंपनी प्रयोगशाला वाले रिज़ल्ट नहीं दोहरा सकी. प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में कहा गया है कि बैटरी छह मिनट में 0 फ़ीसदी से 100 फ़ीसदी तक चार्ज हो सकती है.(bbc.com/hindi)