कान फिल्म महोत्सव में 'ला सिनेफ' पुरस्कार की दौड़ में मेरठ में जन्मीं मानसी माहेश्वरी

कान, 23 मई। मेरठ में जन्मीं मानसी माहेश्वरी फ्रांस में आयोजित 77वें कान फिल्म महोत्सव में ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और वह अपनी एनिमेटेड फिल्म के लिए प्रतिष्ठित ला सिनेफ पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गई हैं। मानसी ब्रिटेन के नेशनल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल (एनएफटीएस) से स्नातक हैं। मानसी की नौ मिनट लंबी एनिमेटेड फिल्म बनीहुड को बृहस्पतिवार को फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया। मानसी ने अपनी फिल्म को लेकर कहा, बनीहुड एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है जिसमें मैं अपने और अपनी मां के बारे में एक वयस्क कहानी बताती हूं। फिल्म का शीर्षक बदलाव के उस चरण को संदर्भित करता है जो बचपन और वयस्कता को अलग करता है। फिल्म यह समझने का प्रयास करती है कि लोगों को झूठ बोलने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है। मानसी ने एनएफटीएस से इस साल निर्देशन-एनीमेशन में एक पाठ्यक्रम में स्नातक किया है। एनएफटीएस में दाखिला लेने से पहले, मानसी राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी), दिल्ली में निटवेअर डिजाइन की छात्रा थीं। पाठ्यक्रम के दौरान, उन्होंने अपनी कलात्मक प्रतिभा को बढ़ाया और एनिमेटेड लघु फिल्में बनाना शुरू कर दिया।(भाषा)

कान फिल्म महोत्सव में 'ला सिनेफ' पुरस्कार की दौड़ में मेरठ में जन्मीं मानसी माहेश्वरी
कान, 23 मई। मेरठ में जन्मीं मानसी माहेश्वरी फ्रांस में आयोजित 77वें कान फिल्म महोत्सव में ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और वह अपनी एनिमेटेड फिल्म के लिए प्रतिष्ठित ला सिनेफ पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो गई हैं। मानसी ब्रिटेन के नेशनल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल (एनएफटीएस) से स्नातक हैं। मानसी की नौ मिनट लंबी एनिमेटेड फिल्म बनीहुड को बृहस्पतिवार को फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया। मानसी ने अपनी फिल्म को लेकर कहा, बनीहुड एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है जिसमें मैं अपने और अपनी मां के बारे में एक वयस्क कहानी बताती हूं। फिल्म का शीर्षक बदलाव के उस चरण को संदर्भित करता है जो बचपन और वयस्कता को अलग करता है। फिल्म यह समझने का प्रयास करती है कि लोगों को झूठ बोलने की आवश्यकता क्यों महसूस होती है। मानसी ने एनएफटीएस से इस साल निर्देशन-एनीमेशन में एक पाठ्यक्रम में स्नातक किया है। एनएफटीएस में दाखिला लेने से पहले, मानसी राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी), दिल्ली में निटवेअर डिजाइन की छात्रा थीं। पाठ्यक्रम के दौरान, उन्होंने अपनी कलात्मक प्रतिभा को बढ़ाया और एनिमेटेड लघु फिल्में बनाना शुरू कर दिया।(भाषा)