गुजरात में मिला तीन साल से लापता जेसीबी ऑपरेटर:मानसिक संतुलन खोने के बाद भटक गया था

बैतूल के एक गांव से लापता जेसीबी ऑपरेटर गुजरात के सोमनाथ में मिला है। तीन साल पहले गुम हुआ यह युवक फिलहाल भुज की एक संस्था में है। दैनिक भास्कर की पड़ताल के बाद उसके परिजन मिल गए है। जिन्हें जल्द ही बैतूल लाया जाएगा। गुजरात के भुज में मानसिक दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था मानव ज्योत की सीनियर सोशल वर्कर रितु वर्मा ने बताया की सोमनाथ गुजरात की सहयोगी संस्था को यह व्यक्ति सड़क पर भटकता हुआ मिला था। जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नही है। एक माह पहले वह भुज स्थानांतरित किया गया था, जिसका संस्था में इलाज किया जा रहा है। युवक पहले खुद को बैरागढ़ भोपाल का बता रहा था। उसकी लगातार काउंसलिंग करने पर उसने बैतूल, मुल्ताई और उसके बाद गांव का नाम वंडली बताया। वह खुद का नाम संतोष बता रहा था। जबकि उसने जानकारी दी थी की वह तीन साल पहले काम के सिलसिले में गुजरात आया था और भटक गया। संस्था ने किया भास्कर से संपर्क इस युवक के मिलने के बाद संस्था ने दैनिक भास्कर डिजिटल बैतूल से संपर्क किया। युवक के बताए अनुसार गांव वडली के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मासोद पुलिस चौकी प्रभारी बसंत आहके से संपर्क किया गया। जिन्होंने गांव में पूछताछ की तो लापता युवक की जानकारी मिल गई। सरपंच ने कराई वीडियो काल पर बात वंडली के सरपंच संदीप सिंह सिसोदिया तक जब युवक की जानकारी पहुंची तो उन्होंने युवक की पड़ताल करते हुए उसके परिजनों से वीडियो काल पर उसकी बात कराई। सरपंच के मुताबिक गुजरात में मिला युवक राजेश सोलंकी जेसीबी ऑपरेटर था। वह तीन साल पहले लापता हो गया था। उसका मानसिक संतुलन ठीक नही था, वह गांव में भी भटकता रहता था। उसके घर में वृद्ध माता-पिता है, और 5 बहनों की शादी हो चुकी है। डिप्रेशन की वजह से उसकी यह हालत हुई ही। परिजन उसे जल्द वापस लाने गुजरात जायेंगे।। गुजरात के भुज में मानसिक दिव्यांग और बिछड़े लोगो के लिए काम कर रही संस्था मानव ज्योत की मातृ संस्था श्री रामदेव सेवाश्रम है। मानव ज्योत के अध्यक्ष प्रबोध एच मुनवर में बताया की संस्था पिछले 20 साल से काम कर रही है। जिसने बिछड़े हुए 1821 लोगो को घर वापस पहुंचाया है। मानसिक रूप से दिव्यांग लोगो को आश्रय और इलाज भी संस्था करवाती है। संस्था अब तक 221 बच्चो, 440 वृद्ध जनों को उनके घर वापस पहुंचा चुकी है। घर से भागी , बिछड़ी 505 किशोरी और युवतियों को भी पुनः परिजनों से मिलवाया है। संस्था 711 बेसहारा मृतकों की अंत्येष्टि भी कर चुकी है।

बैतूल के एक गांव से लापता जेसीबी ऑपरेटर गुजरात के सोमनाथ में मिला है। तीन साल पहले गुम हुआ यह युवक फिलहाल भुज की एक संस्था में है। दैनिक भास्कर की पड़ताल के बाद उसके परिजन मिल गए है। जिन्हें जल्द ही बैतूल लाया जाएगा। गुजरात के भुज में मानसिक दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था मानव ज्योत की सीनियर सोशल वर्कर रितु वर्मा ने बताया की सोमनाथ गुजरात की सहयोगी संस्था को यह व्यक्ति सड़क पर भटकता हुआ मिला था। जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नही है। एक माह पहले वह भुज स्थानांतरित किया गया था, जिसका संस्था में इलाज किया जा रहा है। युवक पहले खुद को बैरागढ़ भोपाल का बता रहा था। उसकी लगातार काउंसलिंग करने पर उसने बैतूल, मुल्ताई और उसके बाद गांव का नाम वंडली बताया। वह खुद का नाम संतोष बता रहा था। जबकि उसने जानकारी दी थी की वह तीन साल पहले काम के सिलसिले में गुजरात आया था और भटक गया। संस्था ने किया भास्कर से संपर्क इस युवक के मिलने के बाद संस्था ने दैनिक भास्कर डिजिटल बैतूल से संपर्क किया। युवक के बताए अनुसार गांव वडली के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मासोद पुलिस चौकी प्रभारी बसंत आहके से संपर्क किया गया। जिन्होंने गांव में पूछताछ की तो लापता युवक की जानकारी मिल गई। सरपंच ने कराई वीडियो काल पर बात वंडली के सरपंच संदीप सिंह सिसोदिया तक जब युवक की जानकारी पहुंची तो उन्होंने युवक की पड़ताल करते हुए उसके परिजनों से वीडियो काल पर उसकी बात कराई। सरपंच के मुताबिक गुजरात में मिला युवक राजेश सोलंकी जेसीबी ऑपरेटर था। वह तीन साल पहले लापता हो गया था। उसका मानसिक संतुलन ठीक नही था, वह गांव में भी भटकता रहता था। उसके घर में वृद्ध माता-पिता है, और 5 बहनों की शादी हो चुकी है। डिप्रेशन की वजह से उसकी यह हालत हुई ही। परिजन उसे जल्द वापस लाने गुजरात जायेंगे।। गुजरात के भुज में मानसिक दिव्यांग और बिछड़े लोगो के लिए काम कर रही संस्था मानव ज्योत की मातृ संस्था श्री रामदेव सेवाश्रम है। मानव ज्योत के अध्यक्ष प्रबोध एच मुनवर में बताया की संस्था पिछले 20 साल से काम कर रही है। जिसने बिछड़े हुए 1821 लोगो को घर वापस पहुंचाया है। मानसिक रूप से दिव्यांग लोगो को आश्रय और इलाज भी संस्था करवाती है। संस्था अब तक 221 बच्चो, 440 वृद्ध जनों को उनके घर वापस पहुंचा चुकी है। घर से भागी , बिछड़ी 505 किशोरी और युवतियों को भी पुनः परिजनों से मिलवाया है। संस्था 711 बेसहारा मृतकों की अंत्येष्टि भी कर चुकी है।