ओडिशा ने स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के बारे में केंद्र के आंकड़े पर आपत्ति जताई
ओडिशा ने स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के बारे में केंद्र के आंकड़े पर आपत्ति जताई...
ओडिशा ने स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के बारे में केंद्र के आंकड़े पर आपत्ति जताई
भुवनेश्वर
ओडिशा सरकार ने राज्य में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान को लेकर आपत्ति जताई है और केंद्र से पारंपरिक 'प्लस-2' (12वीं) पाठ्यक्रम के अलावा अन्य व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को भी शामिल कर शैक्षणिक वर्ष 2022-23 अवधि के लिए नए आंकड़े जारी करने का आग्रह किया है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया लोकसभा में प्रधान के जवाब के बाद आई, जहां उन्होंने उल्लेख किया था कि 2021-22 में ओडिशा में कक्षा 10 की पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की दर 49.9 प्रतिशत थी जो देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक थी।
ओडिशा के स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री सुदाम मारांडी ने प्रधान को लिखे एक पत्र में यह आपत्ति जताई।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ''केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया जाता है कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए 'यूडीआईएसई प्लस' (एकीकृत शिक्षा जिला सूचना प्रणाली) में दर्ज आंकड़े जल्द से जल्द जारी किये जाएं और अन्य संस्थानों जैसे आईटीआई (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) आदि में छात्रों का नामांकन किया जाए जो 'यूडीआईएसई प्लस' के अंतर्गत नहीं आते हैं। स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की दरों और शिक्षा में राज्य की प्रगति के तथ्यात्मक एवं व्यावहारिक मूल्यांकन के लिए 'यूडीआईएसई प्लस' के तहत उपलब्ध आंकड़े के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।''
मारांडी ने पत्र में चिंता व्यक्त की है कि प्रधान की लिखित प्रतिक्रिया ने जनसंचार माध्यमों, मीडिया में भ्रम पैदा किया है।
पत्र में कहा गया है, ''अगर पारंपरिक 'प्लस 2' पाठ्यक्रमों के अलावा विभिन्न संस्थानों में नामांकित उन 1.4 लाख छात्रों को ध्यान में रखा जाए तो ओडिशा के मामले में छात्रों की स्कूल छोड़ने की दर काफी कम हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र से बार-बार अनुरोध किया है।
पत्र में कहा गया है कि इसके अलावा उल्लेख किया गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से संबंधित 'यूडीआईएसई प्लस' के आंकड़े भारत सरकार के पास महीनों पहले ही जमा कर दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि 'यूडीआईएसई प्लस' में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के शैक्षणिक वर्ष में स्कूल छोड़ने की दर में लगभग 20 प्रतिशत की भारी कमी आई है।
महाराष्ट्र: ठाणे में इस वर्ष 11 महीनों में मादक पदार्थ से संबंधित मामलों में 859 लोग गिरफ्तार
ठाणे में 11 महीनों में अब तक पकड़े गए 859 आरोपी, करोड़ों का माल बरामद
ठाणे
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में इस वर्ष एक जनवरी से 28 नवंबर तक मादक पदार्थ संबंधित अपराधों में 859 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 723 मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान तस्करों से 4.01 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ और अन्य वस्तुएं जब्त की गई।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पंजाबराव उगले की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नशा विरोधी समन्वय समिति की हालिया बैठक के दौरान अधिकारियों ने ये आंकड़े बताए। इस बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ठाणे पुलिस की मादक पदार्थ रोधी प्रकोष्ठ के निरीक्षक संजय शिंदे ने कहा, ‘ठाणे जिले में इस वर्ष एक जनवरी से 28 नवंबर के बीच मादक पदार्थ से संबंधित कुल 723 अपराध दर्ज किए गए थे। इन मामलों में 859 लोगों को गिरफ्तार किया गया और तस्करों से 4,01,94,718 रुपये के मादक पदार्थ और अन्य सामान जब्त किए गए।’
उगले ने बैठक के दौरान अधिकारियों को बंद पड़ी रासायनिक इकाइयों का निरीक्षण तेज करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मेडिकल स्टोर चिकित्सकों की सलाह के बिना खांसी की दवाई और इस तरह की अन्य दवाओं की बिक्री न करें।
उन्होंने अधिकारियों से जिले के विभिन्न जल निकायों के ''लैंडिंग स्थलों'' पर कड़ी निगरानी रखने को कहा।
शिंदे के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने निर्देश दिया है कि अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले नशे के आदी लोगों का विवरण संकलित किया जाए और इसका उपयोग मादक पदार्थों के तस्करों की पहचान के लिए किया जाए।