जबलपुर में बोले पूर्व सांसद कंकर मुंजारे:सरकार की इच्छाशक्ति नहीं है कि नक्सली खत्म हो, परेशान होकर लोग बन रहे है नक्सली
जबलपुर में बोले पूर्व सांसद कंकर मुंजारे:सरकार की इच्छाशक्ति नहीं है कि नक्सली खत्म हो, परेशान होकर लोग बन रहे है नक्सली
सरकार जो दावा कर रही है कि बालाघाट से नक्सली खत्म हो चुके है, ये झूठ है, ये सरकार नक्सली खत्म नहीं कर सकती। सरकार की इच्छाशक्ति भी नहीं है कि ये नक्सली को खत्म कर सके। ये कहना है पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक कंकर मुंजारे का। जबलपुर पहुंचे पूर्व सांसद ने कहा कि मध्यप्रदेश के अंदर जो भी व्यवस्था है, वह पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। सड़ गई है। बदबू मार रही है। किसानों से लूट हो रही है। बाद में जब यहीं किसान परेशानी सहते-सहते हाथों में हथियार उठाकर नक्सली बन जाएगें। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि बालाघाट के लांजी में धान चोरी करते हुए हमने और कुछ युवाओं ने रंगे हाथों पकड़ा था, तो पुलिस-प्रशासन ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाते हुए जेल भिजवा दिया। बालाघाट के कुछ युवाओं को भी पुलिस ने परेशान किया है। हो सकता है कि इन्हें गुस्सा आए, और नाराज होकर ये जंगल चले आए, और हाथों में बंदूक उठा ले। पूर्व सांसद ने कहा कि ये सरकार नक्सलवाद खत्म करने की वजह, इसे बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर शासन बालाघाट के लोगों को मूलभूत सुविधा देगी, शासन की योजनाओं का लाभ देगी, भ्रष्टाचार खत्म कर दो, गांव में अस्पताल खोले , लोगो को रोजगार दो, सिंचाई के लिए पानी दो तो फिर कहां से नक्सली आएंगे। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे का कहना है कि नक्सली सिस्टम के खिलाफ लड़ रहा है, उनकी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, और ना ही उन्हें चुनाव लड़ना है, चुनाव जीतना है, या फिर उन्हें सरकार बनाना है। उन्होंने कहा कि हम भी सिस्टम के खिलाफ लड़ रहे है, तो हमें बिना वजह जेल में डाल दिए। मैं तीन बार का विधायक रहा हूं, एक बार सांसद रहा हूं। इसके बाद भी झूठे मामले में फंसाकर जेल में डाल रहे हो। पूर्व सांसद का कहना है कि आप जांच करे, अगर हमने मारपीट की तो हमारे खिलाफ केस बना दो, पर झूठा मत फंसाओ। हाल ही में बालाघाट के रुपझर जंगल में नक्सलियों के द्वारा फेंके गए दो पेज वाले पर्चे पुलिस को मिले है। पर्चे में किसानों को बरगलाने वाली बातें लिखी है। यह पर्चा प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) एमएमसी स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता की ओर से लिखा गया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि बैनर लगाने और पर्चा चिपकाने वाले लोग कौन है।
सरकार जो दावा कर रही है कि बालाघाट से नक्सली खत्म हो चुके है, ये झूठ है, ये सरकार नक्सली खत्म नहीं कर सकती। सरकार की इच्छाशक्ति भी नहीं है कि ये नक्सली को खत्म कर सके। ये कहना है पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक कंकर मुंजारे का। जबलपुर पहुंचे पूर्व सांसद ने कहा कि मध्यप्रदेश के अंदर जो भी व्यवस्था है, वह पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। सड़ गई है। बदबू मार रही है। किसानों से लूट हो रही है। बाद में जब यहीं किसान परेशानी सहते-सहते हाथों में हथियार उठाकर नक्सली बन जाएगें। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि बालाघाट के लांजी में धान चोरी करते हुए हमने और कुछ युवाओं ने रंगे हाथों पकड़ा था, तो पुलिस-प्रशासन ने झूठा मुकदमा दर्ज करवाते हुए जेल भिजवा दिया। बालाघाट के कुछ युवाओं को भी पुलिस ने परेशान किया है। हो सकता है कि इन्हें गुस्सा आए, और नाराज होकर ये जंगल चले आए, और हाथों में बंदूक उठा ले। पूर्व सांसद ने कहा कि ये सरकार नक्सलवाद खत्म करने की वजह, इसे बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर शासन बालाघाट के लोगों को मूलभूत सुविधा देगी, शासन की योजनाओं का लाभ देगी, भ्रष्टाचार खत्म कर दो, गांव में अस्पताल खोले , लोगो को रोजगार दो, सिंचाई के लिए पानी दो तो फिर कहां से नक्सली आएंगे। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे का कहना है कि नक्सली सिस्टम के खिलाफ लड़ रहा है, उनकी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, और ना ही उन्हें चुनाव लड़ना है, चुनाव जीतना है, या फिर उन्हें सरकार बनाना है। उन्होंने कहा कि हम भी सिस्टम के खिलाफ लड़ रहे है, तो हमें बिना वजह जेल में डाल दिए। मैं तीन बार का विधायक रहा हूं, एक बार सांसद रहा हूं। इसके बाद भी झूठे मामले में फंसाकर जेल में डाल रहे हो। पूर्व सांसद का कहना है कि आप जांच करे, अगर हमने मारपीट की तो हमारे खिलाफ केस बना दो, पर झूठा मत फंसाओ। हाल ही में बालाघाट के रुपझर जंगल में नक्सलियों के द्वारा फेंके गए दो पेज वाले पर्चे पुलिस को मिले है। पर्चे में किसानों को बरगलाने वाली बातें लिखी है। यह पर्चा प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) एमएमसी स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता की ओर से लिखा गया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि बैनर लगाने और पर्चा चिपकाने वाले लोग कौन है।