निडर मानसिकता के साथ खेला, साहसिक फैसले लिए: यशस्वी जायसवाल

पर्थ, 24 नवंबर। भारत के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट में शानदार शतकीय पारी के लिए निर्भीक मानसिकता और साहसिक फैसले लेने की काबिलियत को अहम बताया। जायसवाल ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी दूसरी ही पारी में 161 रन बनाए और केएल राहुल (77 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 201 रन जोड़कर भारत को 533 रन का लक्ष्य देने की नींव रखी। जायसवाल ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, यह मेरे लिए बहुत विशेष पल था। मैं हमेशा से ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना चाहता था और इसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। यह पारी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, मैं हमेशा निडर मानसिकता के साथ खेलना चाहता था। मुझे खुद पर भरोसा है और मैं साहसिक फैसले लेता हूं। इसलिए ऑस्ट्रेलिया में इतने बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ खेलना एक अद्भुत अनुभव था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ शतक बनाना बहुत खास है। पहली पारी में आठ गेंद खेलकर शून्य पर आउट होने वाले जायसवाल ने कहा कि उनका फोकस ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों की नयी गेंद के स्पैल के खिलाफ डटे रहने पर था। उन्होंने कहा, पहली पारी में विकेट थोड़ा ज्यादा सीम कर रहा था। दूसरी पारी में हम चर्चा कर रहे थे कि नयी गेंद को बेहतर तरीके से कैसे खेला जाए, कौन सी गेंद छोड़नी है और कौन सी खेलनी है। इसलिए टीम के लिए यह महत्वपूर्ण था कि मैं नयी गेंद को बेहतर तरीके से खेलूं। जायसवाल ने कहा कि उन्होंने दूसरी पारी के लिए छोटा लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना बड़ा शतक बना पाऊंगा क्योंकि मेरे लक्ष्य छोटे थे, मैं सत्र दर सत्र पूरा करना चाह रहा था। फिर मैंने (केएल) राहुल भाई के साथ अच्छी साझेदारी की। साझेदारी के दौरान वो मेरा मार्गदर्शन कर रहे थे इसलिए यह मददगार रहा। (भाषा)

निडर मानसिकता के साथ खेला, साहसिक फैसले लिए: यशस्वी जायसवाल
पर्थ, 24 नवंबर। भारत के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहे पहले टेस्ट में शानदार शतकीय पारी के लिए निर्भीक मानसिकता और साहसिक फैसले लेने की काबिलियत को अहम बताया। जायसवाल ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अपनी दूसरी ही पारी में 161 रन बनाए और केएल राहुल (77 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 201 रन जोड़कर भारत को 533 रन का लक्ष्य देने की नींव रखी। जायसवाल ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, यह मेरे लिए बहुत विशेष पल था। मैं हमेशा से ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना चाहता था और इसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। यह पारी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, मैं हमेशा निडर मानसिकता के साथ खेलना चाहता था। मुझे खुद पर भरोसा है और मैं साहसिक फैसले लेता हूं। इसलिए ऑस्ट्रेलिया में इतने बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ खेलना एक अद्भुत अनुभव था। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ शतक बनाना बहुत खास है। पहली पारी में आठ गेंद खेलकर शून्य पर आउट होने वाले जायसवाल ने कहा कि उनका फोकस ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों की नयी गेंद के स्पैल के खिलाफ डटे रहने पर था। उन्होंने कहा, पहली पारी में विकेट थोड़ा ज्यादा सीम कर रहा था। दूसरी पारी में हम चर्चा कर रहे थे कि नयी गेंद को बेहतर तरीके से कैसे खेला जाए, कौन सी गेंद छोड़नी है और कौन सी खेलनी है। इसलिए टीम के लिए यह महत्वपूर्ण था कि मैं नयी गेंद को बेहतर तरीके से खेलूं। जायसवाल ने कहा कि उन्होंने दूसरी पारी के लिए छोटा लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतना बड़ा शतक बना पाऊंगा क्योंकि मेरे लक्ष्य छोटे थे, मैं सत्र दर सत्र पूरा करना चाह रहा था। फिर मैंने (केएल) राहुल भाई के साथ अच्छी साझेदारी की। साझेदारी के दौरान वो मेरा मार्गदर्शन कर रहे थे इसलिए यह मददगार रहा। (भाषा)