प्रियदर्शिनी ने एनएमडीसी में निदेशक (कार्मिक) का पदभार संभाला

छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 3 मार्च। प्रियदर्शिनी गद्दम ने शुक्रवार को एनएमडीसी में निदेशक (कार्मिक) का पदभार ग्रहण किया। इस्पात मंत्रालय द्वारा उन्हें कंपनी के बोर्ड पर कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति से पूर्व वे एनएमडीसी कार्पोरेट कार्यालय, हैदराबाद और एनएमडीसी स्टील लिमिटेड, नगरनार दोनों में मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक और प्रशासन) और कार्मिक प्रमुख के पद पर कार्यरत थीं । 1992 में अधिशासी प्रशिक्षु के रूप में एनएमडीसी में कार्यग्रहण के पश्चात वे निरंतर कंपनी में आगे बढ़ती रहीं और एक नेता के रूप में उभरीं, जिससे कि खनन उद्योग में महिलाओं के लिए नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त हुआ, अपने तीन दशकों से अधिक की लंबी सेवा के दौरान प्रियदर्शिनी ने एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करता है और एनएमडीसी में कर्मचारी कल्याण के उच्चतम मानक स्थापित करते हुए समाज के उपेक्षित वर्ग के लोगों को एक समान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कंपनी में औद्योगिक संबंध, भर्ती, चिकित्सा नीतियों और हितधारक प्रबंधन की प्रक्रियाओं और कार्यविधियों को सुव्यवस्थित किया है। उन्होंने सीपीएसई के वेतन संशोधन के अंतर्गत दूसरे वेतन संशोधन आयोग में एनएमडीसी का प्रतिनिधित्व किया है और तब से वेतन समझौतों में ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त किए हैं। प्रियदर्शिनी का नेतृत्व एनएमडीसी स्टील लिमिटेड में अग्रणी रहा, जहां उन्होंने आर एंड आर नीति को लागू किया, समुदाय के लिए कौशल विकास पहलों का समर्थन किया और एनएसएल में अग्निशमन विभाग, व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शीघ्रता के साथ स्थापित किया, जिनमें से सभी ने कार्यबल की समग्र भलाई और सुरक्षा में योगदान दिया। वे उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद की पूर्व छात्रा रहीं हैं और उनके पास एलएलबी सहित सामाजिक कार्य (कार्मिक प्रबंधन और औद्योगिक संपर्क) में स्नातकोत्तर डिग्री है। श्रीमती प्रियदर्शिनी के निदेशक (कार्मिक) होने पर एनएमडीसी उत्पादन का उच्चतर लक्ष्य स्थापित करने और उद्योग की सामूहिक संवृद्धि की ओर उन्मुख हो रहा है।

प्रियदर्शिनी ने एनएमडीसी में निदेशक (कार्मिक) का पदभार संभाला
छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 3 मार्च। प्रियदर्शिनी गद्दम ने शुक्रवार को एनएमडीसी में निदेशक (कार्मिक) का पदभार ग्रहण किया। इस्पात मंत्रालय द्वारा उन्हें कंपनी के बोर्ड पर कार्यकारी निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति से पूर्व वे एनएमडीसी कार्पोरेट कार्यालय, हैदराबाद और एनएमडीसी स्टील लिमिटेड, नगरनार दोनों में मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक और प्रशासन) और कार्मिक प्रमुख के पद पर कार्यरत थीं । 1992 में अधिशासी प्रशिक्षु के रूप में एनएमडीसी में कार्यग्रहण के पश्चात वे निरंतर कंपनी में आगे बढ़ती रहीं और एक नेता के रूप में उभरीं, जिससे कि खनन उद्योग में महिलाओं के लिए नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त हुआ, अपने तीन दशकों से अधिक की लंबी सेवा के दौरान प्रियदर्शिनी ने एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करता है और एनएमडीसी में कर्मचारी कल्याण के उच्चतम मानक स्थापित करते हुए समाज के उपेक्षित वर्ग के लोगों को एक समान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कंपनी में औद्योगिक संबंध, भर्ती, चिकित्सा नीतियों और हितधारक प्रबंधन की प्रक्रियाओं और कार्यविधियों को सुव्यवस्थित किया है। उन्होंने सीपीएसई के वेतन संशोधन के अंतर्गत दूसरे वेतन संशोधन आयोग में एनएमडीसी का प्रतिनिधित्व किया है और तब से वेतन समझौतों में ऐतिहासिक परिणाम प्राप्त किए हैं। प्रियदर्शिनी का नेतृत्व एनएमडीसी स्टील लिमिटेड में अग्रणी रहा, जहां उन्होंने आर एंड आर नीति को लागू किया, समुदाय के लिए कौशल विकास पहलों का समर्थन किया और एनएसएल में अग्निशमन विभाग, व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शीघ्रता के साथ स्थापित किया, जिनमें से सभी ने कार्यबल की समग्र भलाई और सुरक्षा में योगदान दिया। वे उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद की पूर्व छात्रा रहीं हैं और उनके पास एलएलबी सहित सामाजिक कार्य (कार्मिक प्रबंधन और औद्योगिक संपर्क) में स्नातकोत्तर डिग्री है। श्रीमती प्रियदर्शिनी के निदेशक (कार्मिक) होने पर एनएमडीसी उत्पादन का उच्चतर लक्ष्य स्थापित करने और उद्योग की सामूहिक संवृद्धि की ओर उन्मुख हो रहा है।