विहसन्त सागर और विश्वसाम्य सागर का भिंड आगमन:जैन समाज ने किया स्वागत; बोले- यह शरीर अपना नहीं, सौतेला है

भिंड में मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर और श्रवण मुनि विश्व साम्य सागर का शनिवार सुबह श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बैंड-बाजों के साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। जैनमुनि के मंदिर आगमन पर महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रीति से उनकी मंगल अगवानी की और पाद प्रक्षालन किया। इसमें महिलाओं और बच्चों ने भी उत्साह से भाग लिया। धर्म और भक्ति का संदेश मंगल प्रवचन में विहसन्त सागर महाराज ने जीवन को सार्थक बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "यह शरीर भी अपना नहीं है, यह सौतेला है और समय आने पर दगा देगा। आत्मा ही सच्ची साथी है, इसलिए पुण्य के कार्य करें। सांसों की कोई गारंटी नहीं है, जब तक जीवन है, भक्ति-भजन में लगें।" श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी कार्यक्रम में समाज के राजेंद्र जैन, संजीव जैन, अवनीश जैन (दिल्ली), मनोज जैन, चक्रेश जैन, नरेश जैन, और कमलेश जैन समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

विहसन्त सागर और विश्वसाम्य सागर का भिंड आगमन:जैन समाज ने किया स्वागत; बोले- यह शरीर अपना नहीं, सौतेला है
भिंड में मेडिटेशन गुरु उपाध्याय विहसन्त सागर और श्रवण मुनि विश्व साम्य सागर का शनिवार सुबह श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बैंड-बाजों के साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। जैनमुनि के मंदिर आगमन पर महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रीति से उनकी मंगल अगवानी की और पाद प्रक्षालन किया। इसमें महिलाओं और बच्चों ने भी उत्साह से भाग लिया। धर्म और भक्ति का संदेश मंगल प्रवचन में विहसन्त सागर महाराज ने जीवन को सार्थक बनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "यह शरीर भी अपना नहीं है, यह सौतेला है और समय आने पर दगा देगा। आत्मा ही सच्ची साथी है, इसलिए पुण्य के कार्य करें। सांसों की कोई गारंटी नहीं है, जब तक जीवन है, भक्ति-भजन में लगें।" श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी कार्यक्रम में समाज के राजेंद्र जैन, संजीव जैन, अवनीश जैन (दिल्ली), मनोज जैन, चक्रेश जैन, नरेश जैन, और कमलेश जैन समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।