RTI एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी पर फिर धमकाने का आरोप:शिकायतकर्ता का दावा- थाने में रिपोर्ट दर्ज की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
RTI एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी पर फिर धमकाने का आरोप:शिकायतकर्ता का दावा- थाने में रिपोर्ट दर्ज की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
ग्वालियर में हाल ही में अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ गाली-गलौज और जिंदा जलाने की धमकी देने के मामले में कानूनी शिकंजे का सामना कर रहे RTI एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी के खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में आलोक रघुवंशी नाम के व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर आशीष पर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया है। आलोक रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने महलगांव के सर्वे क्रमांक 1306 पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आशीष चतुर्वेदी ने उन्हें धमकाया। मामला चंदवनी नहर से जुड़ा हुआ आलोक रघुवंशी ने पुलिस को यह भी बताया कि यह मामला नाका चंदवनी की नहर से जुड़ा हुआ है। नहर की लंबाई और चौड़ाई करीब तीन से साढ़े तीन बीघा है और यह उनके गांव के सर्वे नंबर 1306 में आता है। नहर पर कई लोगों का कब्जा है। कमिश्नर ने इस शिकायत को एसडीएम के पास टाइम लिमिट में भेजा था। 15 फरवरी 2024 को, जब रघुवंशी इस मामले में एसडीएम कार्यालय गए थे, तो लौटते समय उन्हें एक अनजान व्यक्ति ने पर्ची दी, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था। उस नंबर पर बात करने को कहा गया। पर्ची पर दिए गए नंबर पर जब उन्होंने कॉल किया, तो फोन आशीष चतुर्वेदी ने उठाया। शिकायतकर्ता बोला- जान से मारने की धमकी दी आलोक रघुवंशी का दावा है कि फोन पर आशीष चतुर्वेदी ने अपने रसूख की धौंस जमाते हुए कहा, "मैं आशीष चतुर्वेदी बोल रहा हूं, मुझे पूरा प्रदेश जानता है। मुख्यमंत्री भी मुझसे डरते हैं। शिकायत वापस ले लो, वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा। तेरी अंतड़ियां सड़क पर पड़ी मिलेंगी।" शिकायतकर्ता के मुताबिक, उससे शिकायत वापस लेने के लिए कहा गया और विरोध करने पर उसकी हत्या करने की धमकी दी गई। इसकी शिकायत उन्होंने विश्वविद्यालय थाने पहुंचकर पुलिस से की थी। हालांकि, पुलिस आशीष चतुर्वेदी के डर के कारण चुप रही और कोई कार्रवाई नहीं की। घटना 2024 की, जांच के आधार पर कार्रवाई होगी सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। शिकायत फरवरी 2024 की घटना से जुड़ी है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी RTI कार्यकर्ता ने SAF जवानों से भी की थी गाली-गलौज ग्वालियर में दो दिन पहले SAF जवानों से गाली-गलौज और जिन्दा जलाने की धमकी देने पर पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। घटना झांसी रोड थाना क्षेत्र के चंद्रबदनी की है। इस मामले में कई SAF जवानों ने थाने में शिकायत की थी। चार-पांच महीने की ड्यूटी में सुरक्षा जवान अपमानित हुए न्यू आवासीय परिसर 13 बटालियन निवासी रामू सिंह कुशवाह पुत्र फूलसिंह कुशवाह मूल रूप से भिण्ड के रहने वाले और एसएएफ में पदस्थ है। साल 2022 में उनकी ड्यूटी आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में लगाई गई थी। अपने शिकायत में रामू कुशवाह ने बताया है कि वह तथा उसके साथी चार से पांच माह उसकी तैनाती में रहे, इस दौरान आरटीआई कार्यकर्ता उनसे घरेलू काम करता था और ना करने पर अपमानित करता था, जिससे वह प्रताडि़त रहे और उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई है। इस मामले को लेकर दो दिन पहले इस घटना के ऑडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। पूरी खबर पढ़ें...
ग्वालियर में हाल ही में अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ गाली-गलौज और जिंदा जलाने की धमकी देने के मामले में कानूनी शिकंजे का सामना कर रहे RTI एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी के खिलाफ शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में आलोक रघुवंशी नाम के व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर आशीष पर हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया है। आलोक रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने महलगांव के सर्वे क्रमांक 1306 पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आशीष चतुर्वेदी ने उन्हें धमकाया। मामला चंदवनी नहर से जुड़ा हुआ आलोक रघुवंशी ने पुलिस को यह भी बताया कि यह मामला नाका चंदवनी की नहर से जुड़ा हुआ है। नहर की लंबाई और चौड़ाई करीब तीन से साढ़े तीन बीघा है और यह उनके गांव के सर्वे नंबर 1306 में आता है। नहर पर कई लोगों का कब्जा है। कमिश्नर ने इस शिकायत को एसडीएम के पास टाइम लिमिट में भेजा था। 15 फरवरी 2024 को, जब रघुवंशी इस मामले में एसडीएम कार्यालय गए थे, तो लौटते समय उन्हें एक अनजान व्यक्ति ने पर्ची दी, जिस पर एक मोबाइल नंबर लिखा था। उस नंबर पर बात करने को कहा गया। पर्ची पर दिए गए नंबर पर जब उन्होंने कॉल किया, तो फोन आशीष चतुर्वेदी ने उठाया। शिकायतकर्ता बोला- जान से मारने की धमकी दी आलोक रघुवंशी का दावा है कि फोन पर आशीष चतुर्वेदी ने अपने रसूख की धौंस जमाते हुए कहा, "मैं आशीष चतुर्वेदी बोल रहा हूं, मुझे पूरा प्रदेश जानता है। मुख्यमंत्री भी मुझसे डरते हैं। शिकायत वापस ले लो, वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा। तेरी अंतड़ियां सड़क पर पड़ी मिलेंगी।" शिकायतकर्ता के मुताबिक, उससे शिकायत वापस लेने के लिए कहा गया और विरोध करने पर उसकी हत्या करने की धमकी दी गई। इसकी शिकायत उन्होंने विश्वविद्यालय थाने पहुंचकर पुलिस से की थी। हालांकि, पुलिस आशीष चतुर्वेदी के डर के कारण चुप रही और कोई कार्रवाई नहीं की। घटना 2024 की, जांच के आधार पर कार्रवाई होगी सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। शिकायत फरवरी 2024 की घटना से जुड़ी है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी RTI कार्यकर्ता ने SAF जवानों से भी की थी गाली-गलौज ग्वालियर में दो दिन पहले SAF जवानों से गाली-गलौज और जिन्दा जलाने की धमकी देने पर पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। घटना झांसी रोड थाना क्षेत्र के चंद्रबदनी की है। इस मामले में कई SAF जवानों ने थाने में शिकायत की थी। चार-पांच महीने की ड्यूटी में सुरक्षा जवान अपमानित हुए न्यू आवासीय परिसर 13 बटालियन निवासी रामू सिंह कुशवाह पुत्र फूलसिंह कुशवाह मूल रूप से भिण्ड के रहने वाले और एसएएफ में पदस्थ है। साल 2022 में उनकी ड्यूटी आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में लगाई गई थी। अपने शिकायत में रामू कुशवाह ने बताया है कि वह तथा उसके साथी चार से पांच माह उसकी तैनाती में रहे, इस दौरान आरटीआई कार्यकर्ता उनसे घरेलू काम करता था और ना करने पर अपमानित करता था, जिससे वह प्रताडि़त रहे और उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई है। इस मामले को लेकर दो दिन पहले इस घटना के ऑडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। पूरी खबर पढ़ें...