कर्नाटक में बंधक मैनपाट के मजदूरों की सकुशल घर वापसी

छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 19 मई। जिला एवं पुलिस प्रशासन की टीम की सक्रियता से कर्नाटक में बंधक के रूप में काम कर रहे मैनपाट के चार ग्रामीणों की सकुशल घर वापसी रविवार को हुई। ज्ञात हो कि जिले के मैनपाट क्षेत्र के चार ग्रामीण कर्नाटक के कुसल नगर बेला कुपा में श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे थे। इन ग्रामीणों को मैनपाट के एले नामक व्यक्ति द्वारा ज्यादा मजदूरी वेतन का लालच देकर ले जाया गया था। किंतु वहां ले जाकर उन्हें कम वेतन दिया जा रहा था। साथ ही मालिक के द्वारा गृह जिले वापस नहीं आने दिया जा रहा था। दबाव बनाकर बंधक श्रमिकों के रूप में काम कर रहे लोगों में राकेश, विजय, सागर, शिवचरण शामिल हैं। ग्राम कोट कापापारा थाना सीतापुर के निवासी राकेश ने किसी तरह अपने बड़े भाई संतोष कुमार से संपर्क किया और घर वापस आने में आ रही कठिनाई से अवगत कराया। जिस पर संतोष ने प्रशासन से संपर्क कर किया और उन्होंने ग्रामीणों के सुरक्षित घर वापसी के सम्बन्ध में आवेदन दिया। कलेक्टर विलास भोसकर के संज्ञान में घटना की जानकारी आते ही उन्होंने प्रशासनिक टीम को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए, जिस पर अमल करते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन की टीम के संयुक्त प्रयास से मात्र 4 दिवस के भीतर रविवार को सभी ग्रामीण सुरक्षित अपने घर पहुंच चुके हैं।

कर्नाटक में बंधक मैनपाट के मजदूरों की सकुशल घर वापसी
छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर, 19 मई। जिला एवं पुलिस प्रशासन की टीम की सक्रियता से कर्नाटक में बंधक के रूप में काम कर रहे मैनपाट के चार ग्रामीणों की सकुशल घर वापसी रविवार को हुई। ज्ञात हो कि जिले के मैनपाट क्षेत्र के चार ग्रामीण कर्नाटक के कुसल नगर बेला कुपा में श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे थे। इन ग्रामीणों को मैनपाट के एले नामक व्यक्ति द्वारा ज्यादा मजदूरी वेतन का लालच देकर ले जाया गया था। किंतु वहां ले जाकर उन्हें कम वेतन दिया जा रहा था। साथ ही मालिक के द्वारा गृह जिले वापस नहीं आने दिया जा रहा था। दबाव बनाकर बंधक श्रमिकों के रूप में काम कर रहे लोगों में राकेश, विजय, सागर, शिवचरण शामिल हैं। ग्राम कोट कापापारा थाना सीतापुर के निवासी राकेश ने किसी तरह अपने बड़े भाई संतोष कुमार से संपर्क किया और घर वापस आने में आ रही कठिनाई से अवगत कराया। जिस पर संतोष ने प्रशासन से संपर्क कर किया और उन्होंने ग्रामीणों के सुरक्षित घर वापसी के सम्बन्ध में आवेदन दिया। कलेक्टर विलास भोसकर के संज्ञान में घटना की जानकारी आते ही उन्होंने प्रशासनिक टीम को तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए, जिस पर अमल करते हुए जिला एवं पुलिस प्रशासन की टीम के संयुक्त प्रयास से मात्र 4 दिवस के भीतर रविवार को सभी ग्रामीण सुरक्षित अपने घर पहुंच चुके हैं।