छत्तीसगढ़ी में पढें - सुनो भाई उधो - तीजा के बिहान भर सरी सरी लुगरा

एसो दू ठन सावन के महीना परगे. नंगत के गेड़ी चढ़िन, मचिन लइका-सियान सबो. बुढ़वा मन घला मातगे रिहिन हे. खसलती उमर घला ओकर मन के कुछु नइ बिगाड़ सकिस. सोशल मीडिया मं तो एक दिन देखेंव पचास साल के एक झन माईलोगिन घला गेड़ी मन चढ़के अइसे दउड़ रिहिसे ते देखइया मन बक्खागे, माथा चकरागे. के हे लगिन- अरे फलानिन ल देख तो देख, अचम्भा देखे ले मिलिस ओ दिन.

छत्तीसगढ़ी में पढें - सुनो भाई उधो - तीजा के बिहान भर सरी सरी लुगरा
एसो दू ठन सावन के महीना परगे. नंगत के गेड़ी चढ़िन, मचिन लइका-सियान सबो. बुढ़वा मन घला मातगे रिहिन हे. खसलती उमर घला ओकर मन के कुछु नइ बिगाड़ सकिस. सोशल मीडिया मं तो एक दिन देखेंव पचास साल के एक झन माईलोगिन घला गेड़ी मन चढ़के अइसे दउड़ रिहिसे ते देखइया मन बक्खागे, माथा चकरागे. के हे लगिन- अरे फलानिन ल देख तो देख, अचम्भा देखे ले मिलिस ओ दिन.