छत्तीसगढ़ महतारी स्थल बना ऑटो स्टैंड

कर्मचारी का चालान, पुलिस का चालान नहीं छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 26 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी का कलेक्टोरेट परिसर विभिन्न प्रयोगों का कार्यालय बन चुका है। छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा अब ऑटो स्टैंड बन चुकी है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने आरोप लगाया है कि यातायात पुलिस का प्रयोगशाला बना जिलाधीश कार्यालय अब छत्तीसगढ़ महतारी की गरिमा और सम्मान के अनुरूप उनको देखने व प्रणाम करने जगह इसलिए बाकी नहीं है क्योंकि शास्त्री चौक से हटकर कलेक्ट्रेट मुख्य द्वार पर ऑटो स्टैंड बन चुका है। इसी प्रकार कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी चालानी कार्यवाही में पक्षपात पूर्ण कार्यवाही का आरोप लग रहा है। श्री झा ने कहा है कि राजधानी के मुख्य कार्यालय जिसमें कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दोनों बैठते हैं, वहां छत्तीसगढ़ में सैयां भए कोटवार तो डर काहे का कहावत चरितार्थ किया जा रहा है। पुलिस विभाग के कर्मचारियों की गाडिय़ां सीधे अंदर जाती है उसे ना रोका जाता, ना चालान काटा जाता है। लेकिन कलेक्टोरेट के कर्मचारी अधिकारी यदि बिना हेलमेट के जाते हैं तो 500 चालान काटा जा रहा है। श्री झा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की है कि कलेक्टर कार्यालय के कुशासन को बंद कर तत्काल सुशासन स्थापित किया जाए। अन्यथा भूपेश बघेल एवं डॉ रमन सिंह की सरकार इसी चालानी कार्यवाही में नौ दो ग्यारह हो गई थी।

छत्तीसगढ़ महतारी स्थल बना ऑटो स्टैंड
कर्मचारी का चालान, पुलिस का चालान नहीं छत्तीसगढ़ संवाददाता रायपुर, 26 फरवरी। छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी का कलेक्टोरेट परिसर विभिन्न प्रयोगों का कार्यालय बन चुका है। छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा अब ऑटो स्टैंड बन चुकी है। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने आरोप लगाया है कि यातायात पुलिस का प्रयोगशाला बना जिलाधीश कार्यालय अब छत्तीसगढ़ महतारी की गरिमा और सम्मान के अनुरूप उनको देखने व प्रणाम करने जगह इसलिए बाकी नहीं है क्योंकि शास्त्री चौक से हटकर कलेक्ट्रेट मुख्य द्वार पर ऑटो स्टैंड बन चुका है। इसी प्रकार कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी चालानी कार्यवाही में पक्षपात पूर्ण कार्यवाही का आरोप लग रहा है। श्री झा ने कहा है कि राजधानी के मुख्य कार्यालय जिसमें कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दोनों बैठते हैं, वहां छत्तीसगढ़ में सैयां भए कोटवार तो डर काहे का कहावत चरितार्थ किया जा रहा है। पुलिस विभाग के कर्मचारियों की गाडिय़ां सीधे अंदर जाती है उसे ना रोका जाता, ना चालान काटा जाता है। लेकिन कलेक्टोरेट के कर्मचारी अधिकारी यदि बिना हेलमेट के जाते हैं तो 500 चालान काटा जा रहा है। श्री झा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मांग की है कि कलेक्टर कार्यालय के कुशासन को बंद कर तत्काल सुशासन स्थापित किया जाए। अन्यथा भूपेश बघेल एवं डॉ रमन सिंह की सरकार इसी चालानी कार्यवाही में नौ दो ग्यारह हो गई थी।