दीपावली पर जमकर फूटे पटाखे, घर-आंगन दीयों से रहे रौशन

नए परिधानों में परंपरागत हुई पूजा-अर्चना, बांटी खुशियां छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 2 नवंबर। दीपावली पर्व पर इस बार दो दिनों तक लोगों ने जमकर पटाखे फोडक़र खुशियां मनाई। घर-आंगन में रंगोली बना दीप जलाकर घरों को रौशन किया। लोगों ने नए परिधानों में परंपरागत रूप से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को दीपावली पर्व की बधाईयां देने का क्रम चलता रहा। पर्व पर युवतियों के अलावा महिलाओं एवं युवाओं ने परिवार के साथ दीप पर्व को परंपरागत रूप से मनाया। शुभ मुहूर्त पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। शाम होते ही घर और आंगन में कतारबद्ध दीये प्रज्जवलित किए गए। इसके अलावा कृत्रिम रौशनी से भी घरों को आकर्षक रूप दिया गया। इसके बाद पटाखों की गंूज पूरे क्षेत्र में सुनाई दी। दिवाली पर्व पर घरों में जहां उत्साह का माहौल रहा। वहीं पटाखों को जलाने बच्चों समेत युवतियों में भी उत्साह दिखाई दिया। पर्व को लेकर लोगों ने घरों में पूजा-अर्चना करने के पश्चात मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। इधर, अंचल में भी किसानों ने भी पर्व को लेकर पूरी तैयारी की थी। घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ ही खेतों में भी पूजा-अर्चना की। दिवाली के अवसर पर बच्चों के साथ परिवार वालों ने पटाखे का आनंद उठाया। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के द्वारों में खूबसूरत रंगोली बनाई गई। महिलाएं-युवतियों ने रंगोली के जरिये मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी की। घरों में मां लक्ष्मी की सामूहिक पूजा की गई। पटाखों की गंूज से हर गली-मोहल्लों में शोरगुल आधी रात तक रहा। पटाखों के बाजार में भी इस बार काफी चहल-पहल रही। बच्चों के लिए परिवार वालों ने चकरी, अनारदाना, बुलेट बम सहित छोटे-आकार के पटाखों को खरीदा। पिछले कुछ साला में पटाखों के प्रति हर किसी का रूझान बढ़ा है। बाजार में लक्ष्मी पूजा के दिन काफी गहमा-गहमी रही। मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए उपयोगी सामग्रियों की खरीदी की गई। शाम को सामूहिक रूप से घरों में मां लक्ष्मी की आराधना की गई। घरों में दिवाली के लिए स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए गए। मिठाईयों की हर घर में तरह-तरह का प्रकार देखा गया। विभिन्न मिठाईयों का स्वाद लेकर एक-दूसरे को दिवाली पर्व की शुभकामनाएं दी गई। इस बीच शहर के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। आदतन अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने पहले से ही धरपकड़ अभियान छेड़ रखा था। नतीजतन शहर में बदमाशों पर पुलिस ने पूरी तरह से शिकंजा कस दिया था। दिवाली के धूम-धड़ाके के बीच गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना एवं विसर्जन का माहौल बना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना के लिए पूरा गांव जुटा। लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन दिवाली पर खानपान में लोग मस्त रहे। लजीजदार भोजन में एक-दूसरे को आमंत्रित किया गया। गैर हिन्दू लोगों को घरों में आमंत्रित कर स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। दिवाली पर पारंपरिक रूप से खीर-पुड़ी के साथ-साथ अन्य मिठाईयों को परोसा गया। आनंदपूर्वक त्यौहार मनाकर लोगों ने मिसाल पेश की। दिवाली पर बिखरी खुशियां परिवार वालों की मौजूदगी से दोगुनी हो गई। त्यौहार के मद्देनजर घरों में ही मनोरंजन के साधन जुटाए गए। परिवार वालों के साथ पूरा वक्त देकर लोगों ने इस त्यौहार का भरपूर मजा लिया। समय व्यतीत करने के लिए सामूहिक गीत-संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया। कल दिनभर घरों में आगंतुकों के आने-जाने का दौर चलता रहा। गोवर्धन पूजा की धूम दीपावली पर्व के दूसरे यानी शनिवार को लोग के घरों में जहां गोवर्धन पूजा का दौर शुरू हो गया, वहीं यादव समाज के लोगों में उत्साह का माहौल है। इसुबह से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। वहीं गौमाता को नहलाकर पूजा कर खिचड़ी खिलाई । यादव समाज के लोग शाम के समय एकत्रित होकर भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को गोवर्धन पूजा की बधाई देंगे। इधर, घरों में आज अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करने की तैयारी सुबह से शुरू हो गई। वहीं शाम के समय सामाजिक लोगों द्वारा मड़ई निकालकर और दोहा पारते हुए गोवर्धन पूजा करेंगे। कल बहनें मनाएंगी भाई दूज दीपावली पर्व के बाद कल रविवार को शहर समेत अंचल में बहनें भाई दूज त्यौहार मनाएंगी। इस पर्व पर बहनें पारंपरिक रूप से आरती कर भाईयों की लंबी उम्र की कामना करेंगी। परंपरागत रूप से भाईदूज पर्व पर बहनें भाईयों के माथे में तिलक लगाकर मुंह मीठा कराएंगी। घरों में कल भाई-बहनों के बीच इस पर्व पर हंसी-ठिठोली का दौर जारी रहेगा। भाईयों को मनचाहा तोहफा देने की भी तैयारी बहनों द्वारा की जा रही है। मड़ई-मेले का दौर दिवाली पर्व की समाप्ति के बाद मड़ई मेले का दौर शुरू हो जाएगा। मडई-मेले को परंपरागत रूप से हर गांव में मनाया जाता है। तकरीबन 3 महीने तक पूरे क्षेत्र में मड़ई और मेले का सिलसिला चलता रहेगा। धान कटाई के बाद मड़ई-मेले का क्रम तेज हो जाएगा। शहर के सबसे बड़े पुराने बस स्टैंड में मां काली माई मंडई का आयोजन होगा। बस स्टैंड में वर्षों से मां काली के नाम पर दिवाली के बाद यह आयोजन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मड़ई-मेले को काफी महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मड़ई-मेले में पारिवारिक वातावरण के बीच गांव के लोग एक-दूसरे से आत्मीय संबंध बढ़ाने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। यही वजह है कि गांव में मड़ई मेले का अब भी महत्व बरकरार है।

दीपावली पर जमकर फूटे पटाखे, घर-आंगन दीयों से रहे रौशन
नए परिधानों में परंपरागत हुई पूजा-अर्चना, बांटी खुशियां छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 2 नवंबर। दीपावली पर्व पर इस बार दो दिनों तक लोगों ने जमकर पटाखे फोडक़र खुशियां मनाई। घर-आंगन में रंगोली बना दीप जलाकर घरों को रौशन किया। लोगों ने नए परिधानों में परंपरागत रूप से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को दीपावली पर्व की बधाईयां देने का क्रम चलता रहा। पर्व पर युवतियों के अलावा महिलाओं एवं युवाओं ने परिवार के साथ दीप पर्व को परंपरागत रूप से मनाया। शुभ मुहूर्त पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। शाम होते ही घर और आंगन में कतारबद्ध दीये प्रज्जवलित किए गए। इसके अलावा कृत्रिम रौशनी से भी घरों को आकर्षक रूप दिया गया। इसके बाद पटाखों की गंूज पूरे क्षेत्र में सुनाई दी। दिवाली पर्व पर घरों में जहां उत्साह का माहौल रहा। वहीं पटाखों को जलाने बच्चों समेत युवतियों में भी उत्साह दिखाई दिया। पर्व को लेकर लोगों ने घरों में पूजा-अर्चना करने के पश्चात मंदिरों में पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। इधर, अंचल में भी किसानों ने भी पर्व को लेकर पूरी तैयारी की थी। घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ ही खेतों में भी पूजा-अर्चना की। दिवाली के अवसर पर बच्चों के साथ परिवार वालों ने पटाखे का आनंद उठाया। मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के द्वारों में खूबसूरत रंगोली बनाई गई। महिलाएं-युवतियों ने रंगोली के जरिये मां लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए पूरी तैयारी की। घरों में मां लक्ष्मी की सामूहिक पूजा की गई। पटाखों की गंूज से हर गली-मोहल्लों में शोरगुल आधी रात तक रहा। पटाखों के बाजार में भी इस बार काफी चहल-पहल रही। बच्चों के लिए परिवार वालों ने चकरी, अनारदाना, बुलेट बम सहित छोटे-आकार के पटाखों को खरीदा। पिछले कुछ साला में पटाखों के प्रति हर किसी का रूझान बढ़ा है। बाजार में लक्ष्मी पूजा के दिन काफी गहमा-गहमी रही। मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए उपयोगी सामग्रियों की खरीदी की गई। शाम को सामूहिक रूप से घरों में मां लक्ष्मी की आराधना की गई। घरों में दिवाली के लिए स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए गए। मिठाईयों की हर घर में तरह-तरह का प्रकार देखा गया। विभिन्न मिठाईयों का स्वाद लेकर एक-दूसरे को दिवाली पर्व की शुभकामनाएं दी गई। इस बीच शहर के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। आदतन अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने पहले से ही धरपकड़ अभियान छेड़ रखा था। नतीजतन शहर में बदमाशों पर पुलिस ने पूरी तरह से शिकंजा कस दिया था। दिवाली के धूम-धड़ाके के बीच गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना एवं विसर्जन का माहौल बना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना के लिए पूरा गांव जुटा। लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन दिवाली पर खानपान में लोग मस्त रहे। लजीजदार भोजन में एक-दूसरे को आमंत्रित किया गया। गैर हिन्दू लोगों को घरों में आमंत्रित कर स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। दिवाली पर पारंपरिक रूप से खीर-पुड़ी के साथ-साथ अन्य मिठाईयों को परोसा गया। आनंदपूर्वक त्यौहार मनाकर लोगों ने मिसाल पेश की। दिवाली पर बिखरी खुशियां परिवार वालों की मौजूदगी से दोगुनी हो गई। त्यौहार के मद्देनजर घरों में ही मनोरंजन के साधन जुटाए गए। परिवार वालों के साथ पूरा वक्त देकर लोगों ने इस त्यौहार का भरपूर मजा लिया। समय व्यतीत करने के लिए सामूहिक गीत-संगीत का कार्यक्रम भी रखा गया। कल दिनभर घरों में आगंतुकों के आने-जाने का दौर चलता रहा। गोवर्धन पूजा की धूम दीपावली पर्व के दूसरे यानी शनिवार को लोग के घरों में जहां गोवर्धन पूजा का दौर शुरू हो गया, वहीं यादव समाज के लोगों में उत्साह का माहौल है। इसुबह से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। वहीं गौमाता को नहलाकर पूजा कर खिचड़ी खिलाई । यादव समाज के लोग शाम के समय एकत्रित होकर भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को गोवर्धन पूजा की बधाई देंगे। इधर, घरों में आज अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करने की तैयारी सुबह से शुरू हो गई। वहीं शाम के समय सामाजिक लोगों द्वारा मड़ई निकालकर और दोहा पारते हुए गोवर्धन पूजा करेंगे। कल बहनें मनाएंगी भाई दूज दीपावली पर्व के बाद कल रविवार को शहर समेत अंचल में बहनें भाई दूज त्यौहार मनाएंगी। इस पर्व पर बहनें पारंपरिक रूप से आरती कर भाईयों की लंबी उम्र की कामना करेंगी। परंपरागत रूप से भाईदूज पर्व पर बहनें भाईयों के माथे में तिलक लगाकर मुंह मीठा कराएंगी। घरों में कल भाई-बहनों के बीच इस पर्व पर हंसी-ठिठोली का दौर जारी रहेगा। भाईयों को मनचाहा तोहफा देने की भी तैयारी बहनों द्वारा की जा रही है। मड़ई-मेले का दौर दिवाली पर्व की समाप्ति के बाद मड़ई मेले का दौर शुरू हो जाएगा। मडई-मेले को परंपरागत रूप से हर गांव में मनाया जाता है। तकरीबन 3 महीने तक पूरे क्षेत्र में मड़ई और मेले का सिलसिला चलता रहेगा। धान कटाई के बाद मड़ई-मेले का क्रम तेज हो जाएगा। शहर के सबसे बड़े पुराने बस स्टैंड में मां काली माई मंडई का आयोजन होगा। बस स्टैंड में वर्षों से मां काली के नाम पर दिवाली के बाद यह आयोजन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मड़ई-मेले को काफी महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मड़ई-मेले में पारिवारिक वातावरण के बीच गांव के लोग एक-दूसरे से आत्मीय संबंध बढ़ाने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। यही वजह है कि गांव में मड़ई मेले का अब भी महत्व बरकरार है।