नक्सलगढ़ के चिंतावागु नदी में जवानों ने बनाया रोप-वे

दर्जन भर गांव के ग्रामीणों को मिलेगा फ़ायदा मो. इमरान खान भोपालपटनम, 6 जून (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। नक्सलगढ़ इलाके के चिंतावागु नदी को पार करना अब आसान होगा। बीजापुर जिले में पदस्थ पुलिस कैम्प की मदद से 200 मीटर रोप-पे बनकर तैयार हो चुका है। बरसात में ग्रामीण और जवान इससे नदी पार कर सकेंगे। ज्ञात हो कि चिंतावागु नदी के उस पार के ग्रामीण बरसात के दिनों में जिला मुख्यालय से कट जाते थे, यह इलाका पूरी तरह टापू में तब्दील हो जाता था। हालांकि इस नदी में पुल का काम किया जा रहा है, लेकिन इसको बनकर तैयार होने में अभी और वक्त लगेगा। इस वर्ष बरसात के पहले बन पाना मुश्किल है। एक तरफ देखे तो इस इलाके में नक्सलियों की तूती बोलती थी, अब यह नदी के उस पार कैम्प खुल गया है। हाल ही में 16 जनवरी को जवानो के कैम्प पर जबरदस्त हमला हुआ था। पूरी रात नक्सली कैम्प पर गोला बारूद फेंकते रहे। पूरी रणनीति के साथ नक्सली पूरी रात लड़ते रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जवानों ने डटकर मुकाबला किया था। सरकार नक्सलियों के खौफ को मिटाने अंदरूनी गांवों में कैम्प स्थापित कर रही है और लगातार नक्सलियों पर अटैक भी कर रही है। इस इलाके में पुल के बन जाने से लोगों को कई हद तक राहत मिलेगी। फिलहाल, रोप-वे बनने के बाद ग्रामीणों में भी खुशी की लहर जागी है। इस काम में आईटीबीपी के इंजीनियरों ने सहायता की है। सीआरपीएफ के बड़े अधिकारियो कि योजना से यह काम सफल हो पाया है बताया जाता है कि इस काम मे 17 कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत कर महज एक महीने में ही 2 सौ मीटर लंबा रोपवे को बनाया है। ग्रामीणों को मिलेगा फ़ायदा इस पुल के बन जाने से पामेड़ इलाके के धर्मावरम सपेडे, पेदाधर्मा, कंचाल, जिदपल्ली, राउतपारा, भट्टिगुड़ा, कवरागटा, के ग्रामीणों बारिश में चिन्तावागु नदी को आसानी से पार कर पामेड़ तक जा सकेंगे। इस बरसात में यह रोप-वे ग्रामीणों को राहत पहुंचाएगा। बरसात में सफर हुआ आसान भारी बरसात में ग्रामीणों को सफर करना आसान हो गया है। ग्रामीण अब रोप वे की मदद से उफनती नहीं को पार कर गांव आना-जाना कर सकते हैं। बरसात के शुरुआती महीने में इस नदी में पानी आना शुरू हो जाता है और 3-4 चार महीने तक उफान पर रहता है। भारी नदी के उफान की वज़ह से पूरा इलाका टापू बन जाता है।

नक्सलगढ़ के चिंतावागु नदी में जवानों ने बनाया रोप-वे
दर्जन भर गांव के ग्रामीणों को मिलेगा फ़ायदा मो. इमरान खान भोपालपटनम, 6 जून (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। नक्सलगढ़ इलाके के चिंतावागु नदी को पार करना अब आसान होगा। बीजापुर जिले में पदस्थ पुलिस कैम्प की मदद से 200 मीटर रोप-पे बनकर तैयार हो चुका है। बरसात में ग्रामीण और जवान इससे नदी पार कर सकेंगे। ज्ञात हो कि चिंतावागु नदी के उस पार के ग्रामीण बरसात के दिनों में जिला मुख्यालय से कट जाते थे, यह इलाका पूरी तरह टापू में तब्दील हो जाता था। हालांकि इस नदी में पुल का काम किया जा रहा है, लेकिन इसको बनकर तैयार होने में अभी और वक्त लगेगा। इस वर्ष बरसात के पहले बन पाना मुश्किल है। एक तरफ देखे तो इस इलाके में नक्सलियों की तूती बोलती थी, अब यह नदी के उस पार कैम्प खुल गया है। हाल ही में 16 जनवरी को जवानो के कैम्प पर जबरदस्त हमला हुआ था। पूरी रात नक्सली कैम्प पर गोला बारूद फेंकते रहे। पूरी रणनीति के साथ नक्सली पूरी रात लड़ते रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जवानों ने डटकर मुकाबला किया था। सरकार नक्सलियों के खौफ को मिटाने अंदरूनी गांवों में कैम्प स्थापित कर रही है और लगातार नक्सलियों पर अटैक भी कर रही है। इस इलाके में पुल के बन जाने से लोगों को कई हद तक राहत मिलेगी। फिलहाल, रोप-वे बनने के बाद ग्रामीणों में भी खुशी की लहर जागी है। इस काम में आईटीबीपी के इंजीनियरों ने सहायता की है। सीआरपीएफ के बड़े अधिकारियो कि योजना से यह काम सफल हो पाया है बताया जाता है कि इस काम मे 17 कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत कर महज एक महीने में ही 2 सौ मीटर लंबा रोपवे को बनाया है। ग्रामीणों को मिलेगा फ़ायदा इस पुल के बन जाने से पामेड़ इलाके के धर्मावरम सपेडे, पेदाधर्मा, कंचाल, जिदपल्ली, राउतपारा, भट्टिगुड़ा, कवरागटा, के ग्रामीणों बारिश में चिन्तावागु नदी को आसानी से पार कर पामेड़ तक जा सकेंगे। इस बरसात में यह रोप-वे ग्रामीणों को राहत पहुंचाएगा। बरसात में सफर हुआ आसान भारी बरसात में ग्रामीणों को सफर करना आसान हो गया है। ग्रामीण अब रोप वे की मदद से उफनती नहीं को पार कर गांव आना-जाना कर सकते हैं। बरसात के शुरुआती महीने में इस नदी में पानी आना शुरू हो जाता है और 3-4 चार महीने तक उफान पर रहता है। भारी नदी के उफान की वज़ह से पूरा इलाका टापू बन जाता है।