बड़वाले महादेव मंदिर में मां पार्वती की मुंह दिखाई:आज होगा रिसेप्शन, 56 भोग के साथ होगी महाआरती

भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर में शिव-पार्वती विवाह महोत्सव के तहत शनिवार को मां गौरा की मुंह दिखाई की रस्म पूरी की गई। इस दौरान सिर्फ महिलाओं को प्रवेश मिला, जिन्होंने मां गौरा का सोलह श्रृंगार कर घूंघट उठाने की रस्म निभाई। महिलाओं ने गीतों पर नृत्य किया और मां गौरा को उपहार भेंट किए। मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालु महिलाओं को बूंदी, बताशा और सुहाग सामग्री का वितरण किया। मंदिर समिति के संजय अग्रवाल और प्रमोद नेमा ने बताया कि रविवार को बाबा बटेश्वर और मां पार्वती का रिसेप्शन होगा, जिसमें भोलेनाथ और मां गौरा का दूल्हा दुल्हन के रूप में विशेष श्रृंगार कर 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद भंडारा और प्रसादी वितरण होगा। 21 दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन 11 मार्च को होगा। इस दिन माता की विदाई और प्रदोष उत्सव का आयोजन किया जाएगा। 1998 से चली आ रही परंपरा मंदिर समिति के प्रमोद नेमा ने बताया कि वर्ष 1998 में पहली बार मां गौरा की मुंह दिखाई की रस्म शुरू हुई थी। यह परंपरा बड़वाले महादेव मंदिर औऱ भवानी मंदिर समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाती है । 21 दिवसीय महोत्व का शुभारंभ गणेश पूजन के साथ होता है। वहीं होली के प्रदोष पर समापन किया जाता है। 4 मार्च को प्रदोष पर मां गौरी की विदाई यात्रा निकाली जाएगी। मां पार्वती को पुष्पों से सजी डोली में बैठाकर पुराना शहर के चौक से होते हुए सोमवारा जय भवानी मंदिर ले जाया जाएगा।

बड़वाले महादेव मंदिर में मां पार्वती की मुंह दिखाई:आज होगा रिसेप्शन, 56 भोग के साथ होगी महाआरती
भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर में शिव-पार्वती विवाह महोत्सव के तहत शनिवार को मां गौरा की मुंह दिखाई की रस्म पूरी की गई। इस दौरान सिर्फ महिलाओं को प्रवेश मिला, जिन्होंने मां गौरा का सोलह श्रृंगार कर घूंघट उठाने की रस्म निभाई। महिलाओं ने गीतों पर नृत्य किया और मां गौरा को उपहार भेंट किए। मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालु महिलाओं को बूंदी, बताशा और सुहाग सामग्री का वितरण किया। मंदिर समिति के संजय अग्रवाल और प्रमोद नेमा ने बताया कि रविवार को बाबा बटेश्वर और मां पार्वती का रिसेप्शन होगा, जिसमें भोलेनाथ और मां गौरा का दूल्हा दुल्हन के रूप में विशेष श्रृंगार कर 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद भंडारा और प्रसादी वितरण होगा। 21 दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन 11 मार्च को होगा। इस दिन माता की विदाई और प्रदोष उत्सव का आयोजन किया जाएगा। 1998 से चली आ रही परंपरा मंदिर समिति के प्रमोद नेमा ने बताया कि वर्ष 1998 में पहली बार मां गौरा की मुंह दिखाई की रस्म शुरू हुई थी। यह परंपरा बड़वाले महादेव मंदिर औऱ भवानी मंदिर समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाती है । 21 दिवसीय महोत्व का शुभारंभ गणेश पूजन के साथ होता है। वहीं होली के प्रदोष पर समापन किया जाता है। 4 मार्च को प्रदोष पर मां गौरी की विदाई यात्रा निकाली जाएगी। मां पार्वती को पुष्पों से सजी डोली में बैठाकर पुराना शहर के चौक से होते हुए सोमवारा जय भवानी मंदिर ले जाया जाएगा।