मुख्यमंत्री द्वारा अंबिकापुर निगम को 23 करोड़ देने की घोषणा के पांच महीने बाद भी नहीं मिली राशि
मुख्यमंत्री द्वारा अंबिकापुर निगम को 23 करोड़ देने की घोषणा के पांच महीने बाद भी नहीं मिली राशि
नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा नगरवासी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे
छत्तीसगढ़ संवाददाता
अम्बिकापुर, 15 मई । मुख्यमंत्री द्वारा शहर की सडक़ों के निर्माण के लिए 23 करोड़ देने की घोषणा के पांच महीने बाद भी नगर निगम को राशि नहीं मिली है। कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और जनता के साथ छल बताते हुए जल्द राशि जारी न करने पर भविष्य में मुख्यमंत्री के अम्बिकापुर दौरे पर विरोध प्रदर्शन की बात कही है।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नगर निगम चुनाव के पहले दिसम्बर 2024 में अम्बिकापुर की जनसभा में नगर निगम क्षेत्र की सडक़ों के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए 23 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की थी। शहर की अधिकांश सडक़ें आज तक जर्जर है। इनमें बने बड़े-बड़े गड्ढे रोज दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इस वर्ष मानसून भी समय से पहले आने का अनुमान है। बरसात से पहले सडक़ों का सुधार न हुआ तो सडक़ों स्थिति और भी खराब हो जाएगी। बरसात में डामर वाली सडक़ का निर्माण संभव नहीं है,ऐसे में समय भी कम ही शेष है।
नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा नगरवासी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे
छत्तीसगढ़ संवाददाता
अम्बिकापुर, 15 मई । मुख्यमंत्री द्वारा शहर की सडक़ों के निर्माण के लिए 23 करोड़ देने की घोषणा के पांच महीने बाद भी नगर निगम को राशि नहीं मिली है। कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और जनता के साथ छल बताते हुए जल्द राशि जारी न करने पर भविष्य में मुख्यमंत्री के अम्बिकापुर दौरे पर विरोध प्रदर्शन की बात कही है।
नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नगर निगम चुनाव के पहले दिसम्बर 2024 में अम्बिकापुर की जनसभा में नगर निगम क्षेत्र की सडक़ों के पुनर्निर्माण और मरम्मत के लिए 23 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की थी। शहर की अधिकांश सडक़ें आज तक जर्जर है। इनमें बने बड़े-बड़े गड्ढे रोज दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। इस वर्ष मानसून भी समय से पहले आने का अनुमान है। बरसात से पहले सडक़ों का सुधार न हुआ तो सडक़ों स्थिति और भी खराब हो जाएगी। बरसात में डामर वाली सडक़ का निर्माण संभव नहीं है,ऐसे में समय भी कम ही शेष है।