रफ़ाह में इसराइली बमबारी पर इस्लामिक देशों के संगठन ने दी ये प्रतिक्रिया

रफ़ाह में इसराइली हवाई हमले की इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कड़ी निंदा की है और इसे फ़लस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ इसराइली बलों की जघन्य जनसंहार वाली कार्रवाई बताया है. इस हमले में कम से कम 45 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. ओआईसी (ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन) ने इसराइल के इस हमले को युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और राज्य प्रायोजित आतंकवाद बताया है. ओआईसी ने कहा है कि इस हमले के अपराधियों की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए और उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, ख़ासतौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि वह इसराइली सेना की रफ़ाह में आक्रामकता को तुरंत रोकने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों को लागू करने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाए. रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए.

रफ़ाह में इसराइली बमबारी पर इस्लामिक देशों के संगठन ने दी ये प्रतिक्रिया
रफ़ाह में इसराइली हवाई हमले की इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कड़ी निंदा की है और इसे फ़लस्तीनी नागरिकों के ख़िलाफ़ इसराइली बलों की जघन्य जनसंहार वाली कार्रवाई बताया है. इस हमले में कम से कम 45 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. ओआईसी (ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन) ने इसराइल के इस हमले को युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और राज्य प्रायोजित आतंकवाद बताया है. ओआईसी ने कहा है कि इस हमले के अपराधियों की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए और उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, ख़ासतौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि वह इसराइली सेना की रफ़ाह में आक्रामकता को तुरंत रोकने वाले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेशों को लागू करने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाए. रविवार देर शाम इसराइली सेना ने ग़ज़ा पट्टी के दक्षिणी शहर रफ़ाह में विस्थापित फ़लस्तीनियों के कैंप पर हवाई हमला किया था. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस हमले में 45 फ़लस्तीनी मारे गए.