सरकारी अस्पताल में न डॉक्टर न नर्स, तड़पती रही आदिवासी गर्भवती

जमीन पर मितानिन ने कराया प्रसव छत्तीसगढ़ संवाददाता अम्बिकापुर, 8 जून। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 घंटे तक आदिवासी गर्भवती तड़पती रही, पर न डॉक्टर न नर्स और न कोई कर्मचारी दिखा। जमीन पर मितानिन ने प्रसव कराया। गर्भवती की गांव की ही दाई ने पेट की सफाई कर दर्द से राहत दी। सरगुजा जिले के दरिमा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवानगर निवासी गर्भवती प्रियावती पैकरा (25 वर्ष) पति राजकुमार पैकरा को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह लगभग 9 बजे से पहले क्षेत्र की मितानिन राजकुमारी सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर लेकर पहुंची थी। दर्द से तड़प रही महिला को लेकर जब मितानिन स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो अस्पताल तो खुला मिला परंतु न तो वहां डॉक्टर मौजूद थे और न ही कोई स्टाफ नर्स। यही नहीं दवा वितरण कक्ष भी खाली था। अस्पताल में कोई स्टाफ नहीं होने और दूसरी ओर प्रसव पीडि़ता के दर्द से कराहने को देखते हुए मितानिन ने कई जिम्मेदार अधिकारियों को फोन लगाया परंतु समय रहते कोई भी नहीं पहुंचे। दर्द से तड़पती महिला की स्थिति खराब होती जा रही थी। किसी तरह अस्पताल के अंदर खुली जमीन पर महिला ने मितानिन की मदद से बच्चे को जन्म दिया। बच्चा तो बाहर निकल गया परंतु प्रसव पीडि़ता का पेट पूरी तरह से साफ नहीं हो सका था। इससे बच्चे और महिला दोनों की जान को खतरा बढ़ चुका था। बच्चों की सांस भी रुक सकती थी। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की अव्यवस्था को देखते हुए प्रसव पीडि़ता के परिजन गांव से दाई को बुलाकर लाए। लगभग 1 घंटे तक तड़पती गर्भवती की गांव की ही दाई ने पेट की सफाई कर दर्द से राहत दी। सेक्टर प्रभारी से मांगे हैं स्पष्टीकरण-बीएमओ क्षेत्र के बीएमओ डॉ. पी एन राजवाड़े ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। उन्होंने सेक्टर प्रभारी वी के पटेल से पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। ड्यूटी का समय सुबह 8 बजे से रहता है जिसमें 2 आरएमए, एक स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट ड्रेसर वार्ड बॉय सभी की ड्यूटी रहती है। ड्यूटी के समय लगभग सभी नदारद आखिर किस कारण से थे। इन सभी का जवाब मांगा गया है।

सरकारी अस्पताल में न डॉक्टर न नर्स, तड़पती रही आदिवासी गर्भवती
जमीन पर मितानिन ने कराया प्रसव छत्तीसगढ़ संवाददाता अम्बिकापुर, 8 जून। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 घंटे तक आदिवासी गर्भवती तड़पती रही, पर न डॉक्टर न नर्स और न कोई कर्मचारी दिखा। जमीन पर मितानिन ने प्रसव कराया। गर्भवती की गांव की ही दाई ने पेट की सफाई कर दर्द से राहत दी। सरगुजा जिले के दरिमा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवानगर निवासी गर्भवती प्रियावती पैकरा (25 वर्ष) पति राजकुमार पैकरा को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह लगभग 9 बजे से पहले क्षेत्र की मितानिन राजकुमारी सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर लेकर पहुंची थी। दर्द से तड़प रही महिला को लेकर जब मितानिन स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो अस्पताल तो खुला मिला परंतु न तो वहां डॉक्टर मौजूद थे और न ही कोई स्टाफ नर्स। यही नहीं दवा वितरण कक्ष भी खाली था। अस्पताल में कोई स्टाफ नहीं होने और दूसरी ओर प्रसव पीडि़ता के दर्द से कराहने को देखते हुए मितानिन ने कई जिम्मेदार अधिकारियों को फोन लगाया परंतु समय रहते कोई भी नहीं पहुंचे। दर्द से तड़पती महिला की स्थिति खराब होती जा रही थी। किसी तरह अस्पताल के अंदर खुली जमीन पर महिला ने मितानिन की मदद से बच्चे को जन्म दिया। बच्चा तो बाहर निकल गया परंतु प्रसव पीडि़ता का पेट पूरी तरह से साफ नहीं हो सका था। इससे बच्चे और महिला दोनों की जान को खतरा बढ़ चुका था। बच्चों की सांस भी रुक सकती थी। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की अव्यवस्था को देखते हुए प्रसव पीडि़ता के परिजन गांव से दाई को बुलाकर लाए। लगभग 1 घंटे तक तड़पती गर्भवती की गांव की ही दाई ने पेट की सफाई कर दर्द से राहत दी। सेक्टर प्रभारी से मांगे हैं स्पष्टीकरण-बीएमओ क्षेत्र के बीएमओ डॉ. पी एन राजवाड़े ने इस गंभीर लापरवाही को लेकर कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। उन्होंने सेक्टर प्रभारी वी के पटेल से पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। ड्यूटी का समय सुबह 8 बजे से रहता है जिसमें 2 आरएमए, एक स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट ड्रेसर वार्ड बॉय सभी की ड्यूटी रहती है। ड्यूटी के समय लगभग सभी नदारद आखिर किस कारण से थे। इन सभी का जवाब मांगा गया है।