सिवनी नगर परिषद ने कलेक्टर को लिखा पत्र:वैनगंगा नदी तट की धार्मिक भूमि को सुरक्षित रखने की मांग
सिवनी नगर परिषद ने कलेक्टर को लिखा पत्र:वैनगंगा नदी तट की धार्मिक भूमि को सुरक्षित रखने की मांग
छपारा नगर में वैनगंगा नदी तट पर स्थित धार्मिक महत्व की भूमि को सुरक्षित रखने के लिए नगर परिषद ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। नगर परिषद अध्यक्ष निशा पटेल के अनुसार, यह भूमि वार्ड क्रमांक 13, भगत सिंह वार्ड में स्थित है, जहां प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण गोल्डन टेंपल मंदिर भी स्थित है। दशहरा दंगल और दीपदान जैसे कार्यक्रम आयोजित खसरा क्रमांक 834 की 1.36 हेक्टेयर भूमि धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष महत्व रखती है। यहां जनपद कार्यालय और अन्य सरकारी भवन भी स्थित हैं। इस भूमि पर वर्ष भर मकर संक्रांति मेला, भागवत कथा, दीपदान, दशहरा दंगल और अन्य बड़े धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नगर परिषद ने चिंता व्यक्त की है कि कुछ लोग इस भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं। अतिक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील साथ ही, परिषद को यह आशंका है कि इस भूमि को विभिन्न समुदायों को सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आवंटित किया जा सकता है। परिषद का मानना है कि यह कदम अनुचित होगा क्योंकि यह भूमि बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए एकमात्र स्थान है और यहां वर्षभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। नगर परिषद ने मांग की है कि इस भूमि को सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित किया जाए और इसे अतिक्रमण से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
छपारा नगर में वैनगंगा नदी तट पर स्थित धार्मिक महत्व की भूमि को सुरक्षित रखने के लिए नगर परिषद ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। नगर परिषद अध्यक्ष निशा पटेल के अनुसार, यह भूमि वार्ड क्रमांक 13, भगत सिंह वार्ड में स्थित है, जहां प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण गोल्डन टेंपल मंदिर भी स्थित है। दशहरा दंगल और दीपदान जैसे कार्यक्रम आयोजित खसरा क्रमांक 834 की 1.36 हेक्टेयर भूमि धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष महत्व रखती है। यहां जनपद कार्यालय और अन्य सरकारी भवन भी स्थित हैं। इस भूमि पर वर्ष भर मकर संक्रांति मेला, भागवत कथा, दीपदान, दशहरा दंगल और अन्य बड़े धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। नगर परिषद ने चिंता व्यक्त की है कि कुछ लोग इस भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं। अतिक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अपील साथ ही, परिषद को यह आशंका है कि इस भूमि को विभिन्न समुदायों को सामुदायिक भवन निर्माण के लिए आवंटित किया जा सकता है। परिषद का मानना है कि यह कदम अनुचित होगा क्योंकि यह भूमि बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए एकमात्र स्थान है और यहां वर्षभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। नगर परिषद ने मांग की है कि इस भूमि को सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित किया जाए और इसे अतिक्रमण से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।