हरदा जिले में घटा गेंहू का रकबा:इस साल मक्का और चने की फसल की ओर बढ़ा किसानों का रुझान

देश में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन करने वाले हरदा जिले में इस वर्ष गेहूं का रकबा घटा है। वहीं, किसानों का रुझान अब मक्का और चने की फसल को ओर बढ़ा है। जिले में काफी समय से गेहूं की खेती किसानों के द्वारा की जा रही है, लेकिन मौसम के बदले मिजाज के असर से निर्धारित लक्ष्य से काफी कम मात्रा में इस वर्ष गेहूं की बोनी हो पायी है। क्षेत्र के किसानों का झुकाव मक्का और चने खेती की तरफ ज्यादा देखा जा रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में मक्के की फसल लहलहाती नजर आ रही है। हरदा जिले को गेहूं उत्पादन के लिए मशहूर माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षो से मौसम की बेरुखी व जमीन की उपज क्षमता में बदलाव के बीच इलाके में बढ़ते उत्पादन लागत, खाद,बीज,कीटनाशक व महंगी सिंचाई व्यवस्था के कारण यह खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। अब किसान गेहूं को छोड़ मक्का की खेती पर ज्यादा देने लगे है। बालागांव के किसान अंकित भाटी ने बताया कि गेहूं की उपज एक एकड़ में 15 से 22 क्विंटल होती है। वहीं, उसका भाव भी कम रहता है, जबकि मक्का एक एकड़ में 45 से 55 क्विंटल होती है। वहीं समर्थन मूल्य पर भाव भी 2200 रुपए क्विंटल मिल जाता है। चने की फसल भी 18 से 22 क्विंटल पैदा होती है। इस कारण अब किसानों का रुझान गेहूं की फसल से घटा है। पिछले साल एक हजार इस साल 20 हजार हेक्टेयर में लगी मक्का कृषि उप संचालक संजय यादव ने बताया कि किसानों को मक्का का दाम अच्छा मिलता है। पिछले साल जिले में एक हजार हेक्टेयर में किसानों ने मक्का की फसल लगाई थी, लेकिन इस वर्ष रकबा बढ़कर 20 हजार हेक्टेयर हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में 79 हजार हेक्टेयर में गेहूं व 89 हजार हेक्टेयर में चने की फसल लगाई गई है। बता दें कि पिछले साल जिले में 1 लाख 40 हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई थी।

हरदा जिले में घटा गेंहू का रकबा:इस साल मक्का और चने की फसल की ओर बढ़ा किसानों का रुझान
देश में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन करने वाले हरदा जिले में इस वर्ष गेहूं का रकबा घटा है। वहीं, किसानों का रुझान अब मक्का और चने की फसल को ओर बढ़ा है। जिले में काफी समय से गेहूं की खेती किसानों के द्वारा की जा रही है, लेकिन मौसम के बदले मिजाज के असर से निर्धारित लक्ष्य से काफी कम मात्रा में इस वर्ष गेहूं की बोनी हो पायी है। क्षेत्र के किसानों का झुकाव मक्का और चने खेती की तरफ ज्यादा देखा जा रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में मक्के की फसल लहलहाती नजर आ रही है। हरदा जिले को गेहूं उत्पादन के लिए मशहूर माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षो से मौसम की बेरुखी व जमीन की उपज क्षमता में बदलाव के बीच इलाके में बढ़ते उत्पादन लागत, खाद,बीज,कीटनाशक व महंगी सिंचाई व्यवस्था के कारण यह खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। अब किसान गेहूं को छोड़ मक्का की खेती पर ज्यादा देने लगे है। बालागांव के किसान अंकित भाटी ने बताया कि गेहूं की उपज एक एकड़ में 15 से 22 क्विंटल होती है। वहीं, उसका भाव भी कम रहता है, जबकि मक्का एक एकड़ में 45 से 55 क्विंटल होती है। वहीं समर्थन मूल्य पर भाव भी 2200 रुपए क्विंटल मिल जाता है। चने की फसल भी 18 से 22 क्विंटल पैदा होती है। इस कारण अब किसानों का रुझान गेहूं की फसल से घटा है। पिछले साल एक हजार इस साल 20 हजार हेक्टेयर में लगी मक्का कृषि उप संचालक संजय यादव ने बताया कि किसानों को मक्का का दाम अच्छा मिलता है। पिछले साल जिले में एक हजार हेक्टेयर में किसानों ने मक्का की फसल लगाई थी, लेकिन इस वर्ष रकबा बढ़कर 20 हजार हेक्टेयर हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में 79 हजार हेक्टेयर में गेहूं व 89 हजार हेक्टेयर में चने की फसल लगाई गई है। बता दें कि पिछले साल जिले में 1 लाख 40 हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई थी।