विदा वर्ष को खुशनुमा मनाने मनेन्द्रगढ़ की धरा पर उतरा बहुरूपियों का संसार

छत्तीसगढ़ संवाददाता मनेन्द्रगढ़, 31 दिसम्बर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बहुरूपिया कला को प्रोत्साहित करने व विदा वर्ष को खुशनुमा बनाने के उद्देश्य से क्षेत्र के समग्र विकास हेतु संकल्पित संस्था मनेंद्रगढ़ सांस्कृतिक मंच द्वारा 31 दिसम्बर को बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मंगलवार दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक बहुरूपिया कलाकारों ने अपनीभाव-भंगिमा व उत्कृष्ठ कला से नगरवासियों व बाहर से आये जनसैलाब का भरपूर मनोरंजन किया। नगर के 10 विभिन्न स्थानों पर बैठे निर्णायक गणों के द्वारा बहुरूपिया कलाकारों को जमकर परखा गया। वहीं मोबाइल निर्णायक भी शहर में घूम-घूमकर बहुरूपिया कलाकारों को परखते रहे, जहाँ उनके प्रदर्शन को देखकर निर्णायकों द्वारा अंक प्रदान किए गए। बहुरूपिया प्रतियोगिता में शिव तांडव, नेत्रहीन दंपत्ति के द्वारा छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक पदयात्रा, आदिवासी, काबुलीवाला, भगवान विष्णु का वामन अवतार, मनेंद्रगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह, कबीले वाले, किसान, मां गंगा, कछुआ, भिखारी, अघोरी शंभू, पुष्पा कभी झुकेगा नहीं, मच्छर भगाओ बीमारी बचाओ, हारे का सहारा खाटू श्याम बाबा, लव जिहाद, क्षीरसागर में विराजे भगवान विष्णु, दोस्ती, कल्कि अवतार, 2025 का रोबोट, एलपीजी गैस जयपुर हाइवे हादसा, झारखंड की छिन्नमस्तिका देवी, शार्क मछली, ब्लैक पैंथर, एक पेड़ मां के नाम आदि प्रमुख रहे। एकल व समूह में 40-40 कुल 80 प्रतिभागियों ने नगरवासियों का न केवल स्वस्थ मनोरंजन किया बल्कि सामाजिक बुराईयों को दूर करने के साथ ही जन-जागृति लाने का प्रयास किया। बहुरूपिया महोत्सव का लुत्फ उठाने उमड़े जनसमुदाय ने न केवल कलाकारों का हौसला बढ़ाया, बल्कि उनके साथ सेल्फी लेने के लिए भी लोगों की कतार लगी रही। शाम 4 बजे तक प्रतिभागियों के प्रदर्शन के बाद पुरस्कार वितरण समारोह स्थल सेंट्रल बैंक के समीप उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

विदा वर्ष को खुशनुमा मनाने मनेन्द्रगढ़ की धरा पर उतरा बहुरूपियों का संसार
छत्तीसगढ़ संवाददाता मनेन्द्रगढ़, 31 दिसम्बर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बहुरूपिया कला को प्रोत्साहित करने व विदा वर्ष को खुशनुमा बनाने के उद्देश्य से क्षेत्र के समग्र विकास हेतु संकल्पित संस्था मनेंद्रगढ़ सांस्कृतिक मंच द्वारा 31 दिसम्बर को बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मंगलवार दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक बहुरूपिया कलाकारों ने अपनीभाव-भंगिमा व उत्कृष्ठ कला से नगरवासियों व बाहर से आये जनसैलाब का भरपूर मनोरंजन किया। नगर के 10 विभिन्न स्थानों पर बैठे निर्णायक गणों के द्वारा बहुरूपिया कलाकारों को जमकर परखा गया। वहीं मोबाइल निर्णायक भी शहर में घूम-घूमकर बहुरूपिया कलाकारों को परखते रहे, जहाँ उनके प्रदर्शन को देखकर निर्णायकों द्वारा अंक प्रदान किए गए। बहुरूपिया प्रतियोगिता में शिव तांडव, नेत्रहीन दंपत्ति के द्वारा छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक पदयात्रा, आदिवासी, काबुलीवाला, भगवान विष्णु का वामन अवतार, मनेंद्रगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह, कबीले वाले, किसान, मां गंगा, कछुआ, भिखारी, अघोरी शंभू, पुष्पा कभी झुकेगा नहीं, मच्छर भगाओ बीमारी बचाओ, हारे का सहारा खाटू श्याम बाबा, लव जिहाद, क्षीरसागर में विराजे भगवान विष्णु, दोस्ती, कल्कि अवतार, 2025 का रोबोट, एलपीजी गैस जयपुर हाइवे हादसा, झारखंड की छिन्नमस्तिका देवी, शार्क मछली, ब्लैक पैंथर, एक पेड़ मां के नाम आदि प्रमुख रहे। एकल व समूह में 40-40 कुल 80 प्रतिभागियों ने नगरवासियों का न केवल स्वस्थ मनोरंजन किया बल्कि सामाजिक बुराईयों को दूर करने के साथ ही जन-जागृति लाने का प्रयास किया। बहुरूपिया महोत्सव का लुत्फ उठाने उमड़े जनसमुदाय ने न केवल कलाकारों का हौसला बढ़ाया, बल्कि उनके साथ सेल्फी लेने के लिए भी लोगों की कतार लगी रही। शाम 4 बजे तक प्रतिभागियों के प्रदर्शन के बाद पुरस्कार वितरण समारोह स्थल सेंट्रल बैंक के समीप उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।