समकालीन हिंदी कवयित्रियों में प्रतिरोध के स्वर विषय में प्रवीण कुमार यादव को मिली पीएचडी

रायपुर, 12 अगस्त। प्रगति कॉलेज के कम्युनिकेशंस विभाग के एचओडी ने बताया कि उन्हेंपं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा कला सकंाय के अंतगर्त हिन्दी विषय में समकालीन हिन्दी कवयित्रियों में प्रतिरोध के स्वर के लिए हिन्दी विषय में पीएच.डी की उपाधि प्रदान की गई है। श्री यादव ने बताया कि उन्होनें अपना शोध कार्य रायपुर के शसकीय नवीन महाविद्यालय गुढिय़ारी की सहायक प्राध्यापक डाँ. वंदना कुमार के निर्देशन में और डाँ. प्रभात रंजन सहायक प्राध्यापक के सह-निर्देशन में संत गुरू घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुरूद, धमतरी के शोध केन्द्र सें संपन्न किया। श्री यादव ने बताया कि वे17 वर्षों से पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग में सहायक प्राध्यापक है। वर्तमान में प्रगति कॉलज जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष हैं स्वतंत्र पत्रकार के रूप में वें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए निरंतर लेखन कार्य कर रहे है। इस अवसर पर डाँ. वंदना कुमार, डाँ. प्रभात रंजन, डाँ. शैल शर्मा, डाँ. मधुलता बारा,डाँ. गिरिजा शंकर गौतम, डाँ. के.एन.गजपाल, डाँ. रंजीत सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।

समकालीन हिंदी कवयित्रियों में प्रतिरोध के स्वर विषय में प्रवीण कुमार यादव को मिली पीएचडी
रायपुर, 12 अगस्त। प्रगति कॉलेज के कम्युनिकेशंस विभाग के एचओडी ने बताया कि उन्हेंपं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा कला सकंाय के अंतगर्त हिन्दी विषय में समकालीन हिन्दी कवयित्रियों में प्रतिरोध के स्वर के लिए हिन्दी विषय में पीएच.डी की उपाधि प्रदान की गई है। श्री यादव ने बताया कि उन्होनें अपना शोध कार्य रायपुर के शसकीय नवीन महाविद्यालय गुढिय़ारी की सहायक प्राध्यापक डाँ. वंदना कुमार के निर्देशन में और डाँ. प्रभात रंजन सहायक प्राध्यापक के सह-निर्देशन में संत गुरू घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कुरूद, धमतरी के शोध केन्द्र सें संपन्न किया। श्री यादव ने बताया कि वे17 वर्षों से पत्रकारिता एंव जनसंचार विभाग में सहायक प्राध्यापक है। वर्तमान में प्रगति कॉलज जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष हैं स्वतंत्र पत्रकार के रूप में वें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए निरंतर लेखन कार्य कर रहे है। इस अवसर पर डाँ. वंदना कुमार, डाँ. प्रभात रंजन, डाँ. शैल शर्मा, डाँ. मधुलता बारा,डाँ. गिरिजा शंकर गौतम, डाँ. के.एन.गजपाल, डाँ. रंजीत सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।