12 लाख कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ते का इंतजार:कर्मचारियों को 8 महीने में 3720 से 33840 रुपए का नुकसान
12 लाख कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ते का इंतजार:कर्मचारियों को 8 महीने में 3720 से 33840 रुपए का नुकसान
मध्य प्रदेश में 12 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर पिछले 8 महीने से 3% महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का इंतजार कर रहे हैं। भत्ता देने में देरी से कर्मचारियों को हर माह 465 से 4230 रुपए और 8 माह में चारों संवर्ग के कर्मचारियों को 3720 से 33840 रुपए का नुकसान हो चुका है। कर्मचारियों ने डीए-डीआर देने में देरी पर सवाल खड़े किए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि लाड़ली बहनों को हर माह 1574 करोड़ रुपए देने के लिए सरकार के पास पैसे हैं और कर्मचारियों को 180 करोड़ (प्रति माह डीए पर आने वाला खर्च) देने में आनाकानी हो रही है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को जुलाई 2024 में 3% डीए-डीआर दिया है। राज्य सरकार के वादों के मुताबिक जुलाई में ही राज्य के कर्मचारियों के लिए डीए-डीआर दिया जाना था, पर फरवरी 2025 में भी नहीं दिया गया। जबकि केंद्र सरकार मार्च में ही जनवरी 2025 से डीए-डीआर दे सकती है। इसके बाद डीए की राशि बढ़ जाएगी। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को सरकार प्रति माह 1250 रुपए दे रही है। किसानों को धान पर 175 रुपए बोनस, 5 रुपए में बिजली कनेक्शन दे रही है और महंगाई के क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाला डीए देने में रुचि नहीं है। वे कहते हैं कि कर्मचारी सरकार के मानस से बाहर होते जा रहे हैं, जो दोनों के लिए ठीक नहीं है। वे कहते हैं कि लाड़ली बहनों, किसानों को सहायता देने पर हमारी आपत्ति नहीं है। हम अपनी उपेक्षा की बात कर रहे हैं। तिवारी कहते हैं कि प्रदेश के कर्मचारी सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं, उनको महंगाई का सामना करने के लिए मिलने वाले महंगाई भत्ता/महंगाई राहत से वंचित किया जा रहा है जो कि दुखद है। बता दें कि सरकार ने कर्मचारियों को डीए-डीआर देने में देरी को अपनी परिपाटी में शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री समझें कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों के कई खर्च बढ़ने वाले हैं। उन्हें अगले एक साल के लिए अनाज का भंडारण करना है। स्कूल उसे उत्तीर्ण होने वाले बच्चों का कॉलेजों में दाखिला कराना है। इस पर मोटी राशि खर्च होती है। इसलिए डीए-डीआर के आदेश जल्द जारी कराएं।
मध्य प्रदेश में 12 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर पिछले 8 महीने से 3% महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का इंतजार कर रहे हैं। भत्ता देने में देरी से कर्मचारियों को हर माह 465 से 4230 रुपए और 8 माह में चारों संवर्ग के कर्मचारियों को 3720 से 33840 रुपए का नुकसान हो चुका है। कर्मचारियों ने डीए-डीआर देने में देरी पर सवाल खड़े किए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि लाड़ली बहनों को हर माह 1574 करोड़ रुपए देने के लिए सरकार के पास पैसे हैं और कर्मचारियों को 180 करोड़ (प्रति माह डीए पर आने वाला खर्च) देने में आनाकानी हो रही है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को जुलाई 2024 में 3% डीए-डीआर दिया है। राज्य सरकार के वादों के मुताबिक जुलाई में ही राज्य के कर्मचारियों के लिए डीए-डीआर दिया जाना था, पर फरवरी 2025 में भी नहीं दिया गया। जबकि केंद्र सरकार मार्च में ही जनवरी 2025 से डीए-डीआर दे सकती है। इसके बाद डीए की राशि बढ़ जाएगी। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी कहते हैं कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को सरकार प्रति माह 1250 रुपए दे रही है। किसानों को धान पर 175 रुपए बोनस, 5 रुपए में बिजली कनेक्शन दे रही है और महंगाई के क्षतिपूर्ति के रूप में मिलने वाला डीए देने में रुचि नहीं है। वे कहते हैं कि कर्मचारी सरकार के मानस से बाहर होते जा रहे हैं, जो दोनों के लिए ठीक नहीं है। वे कहते हैं कि लाड़ली बहनों, किसानों को सहायता देने पर हमारी आपत्ति नहीं है। हम अपनी उपेक्षा की बात कर रहे हैं। तिवारी कहते हैं कि प्रदेश के कर्मचारी सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करते हैं, उनको महंगाई का सामना करने के लिए मिलने वाले महंगाई भत्ता/महंगाई राहत से वंचित किया जा रहा है जो कि दुखद है। बता दें कि सरकार ने कर्मचारियों को डीए-डीआर देने में देरी को अपनी परिपाटी में शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री समझें कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों के कई खर्च बढ़ने वाले हैं। उन्हें अगले एक साल के लिए अनाज का भंडारण करना है। स्कूल उसे उत्तीर्ण होने वाले बच्चों का कॉलेजों में दाखिला कराना है। इस पर मोटी राशि खर्च होती है। इसलिए डीए-डीआर के आदेश जल्द जारी कराएं।