दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, जम्मू-कश्मीर को 46 हजार करोड़ की विकास सौगात देंगे

Chenab Railway Bridge

दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, जम्मू-कश्मीर को 46 हजार करोड़ की विकास सौगात देंगे

World Highest Railway Bridge: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) और देश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi Kashmir Visit) दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब या कहें चिनाब रेलवे ब्रिज (Chenab Railway Bridge) और भारत के पहले केबल-स्टे रेल ब्रिज अंजी का उद्घाटन करेंगे। साथ ही जम्मू-कश्मीर को 46 हजार करोड़ की विकास सौगात देंगे। इसके अलावे दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक पीएम सुबह करीब 11 बजे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब पुल और देश के पहले केबल स्टेड रेल ब्रिज अंजी पुल का दौरा और उद्घाटन करेंगे। करीब 12 बजे वंदेभारत ट्रेन का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा 46 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के अन्य डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। वे कटरा स्टेडियम में एक जनसभा भी करेंगे।
 
प्रधानमंत्री मोदी श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर (Katra to Kashmir Vande Bharat Express) और वापस जाने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। ये ट्रेनें निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए एक तेज, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।
 
दौरे से पहले पीएम मोदी ने किया ट्वीट
 
अपने इस दौरे से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए कल का दिन अहम है। कल 46000 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इससे बुनियादी ढांचे के विकास में जीवन स्तर में बदलाव होगा। कटरा-श्रीनगर वंदेभारत से आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि चेनाब रेलवे ब्रिज एक असाधारण उपलब्धि है।
 
कटरा में 46,000 करोड़ की सौगात
प्रधानमंत्री उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। इसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह परियोजना कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करने में मददगार है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता में तेजी लाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखेंगे। यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जो इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार (6 जून) को जम्मू कश्मीर दौरे से पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णो-कटरा पहुंचे। कटरा में सारी तैयारियों का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि शुक्रवार (6 जून) का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू से श्रीनगर की रेलवे लाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक और इंजीनियरिंग की दृष्टि से दो बड़े पुल चिनाब का पुल और अंजी पुल का भी लोकार्पण शुक्रवार (6 जून) को ही किया जाएगा। वैष्णव ने कहा, “दशकों से यह जो बड़ा सपना था जम्मू और कश्मीर को रेलवे लाइन से जोड़ने का वह सपना पूरा होगा। इसके लिए दो वंदे भारत ट्रेन जो विशेष तौर से डिजाइन की गई है। यह दोनों ट्रेन हाई एल्टीट्यूड के हिसाब से एक विशेष तौर के डिजाइन से निर्मित की गई हैं। इन दोनों ट्रेनों का भी शुक्रवार (6 जून) को ही प्रधानमंत्री फ्लैग ऑफ करेंगे।
 
चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगे 22 साल
बता दें कि कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्से से पूरे साल रेलवे के जरिए जोड़े रखने के लिए 1997 में USBRL प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। इसे पूरा होने में 28 साल से ज्यादा लग गए। चिनाब ब्रिज 43 हजार 780 करोड़ की लागत से बने इसी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का हिस्सा है। 272 किमी लंबी इस रेललाइन में 36 सुरंगें हैं। इनकी कुल 119 किमी है। इसमें शामिल 12.77 किमी लंबी T-49 टनल देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल है। इस ट्रैक पर 943 पुल हैं जिनकी कुल लंबाई 13 किमी है।
 
रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच ब्रिज बनाने के लिए 2003 में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए।कंस्ट्रक्शन और सेफ्टी से जुड़ी चुनौतियों की वजह से प्रोजेक्ट और डिजाइन का रिव्यू करके अप्रूवल लेने में ही 2009 बीत गया। फिर 2010 में इस पर काम शुरू हो सका। अगस्त, 2022 में ब्रिज का काम पूरा हुआ और फरवरी, 2023 में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ। 20 जून, 2024 को संगलदान से रियासी स्टेशन के बीच पहली बार ट्रेन का ट्रायल रन किया गया।