RGPV के सस्पेंड रजिस्ट्रार के घर ईडी का छापा:दस्तावेज-साक्ष्य जब्त किए, 199.48 करोड़ घोटाले में राजपूत समेत 5 FIR दर्ज है

भोपाल की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के घर सोमवार को ईडी की टीम ने छापा मारा। ईडी के अफसरों ने निलंबित रजिस्ट्रार के घर से दस्तावेज ओर साक्ष्य एकत्रित किए हैं।फिलहाल कार्रवाई जारी है। ईडी को रजिस्ट्रार राजपूत द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली थी। बता दें कि आरजीपीवी में रजिस्ट्रार रहते आरएस राजपूत ने 19.48 करोड़ रुपए सरकारी खाते से प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। घोटाले में गांधी नगर थाने में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे थे। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर FIR दर्ज की गई थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर किए गए हैं। मामला तब सामने आया, जब लगातार एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। इसके बाद सरकार को मामले में कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।

RGPV के सस्पेंड रजिस्ट्रार के घर ईडी का छापा:दस्तावेज-साक्ष्य जब्त किए, 199.48 करोड़ घोटाले में राजपूत समेत 5 FIR दर्ज है
भोपाल की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के घर सोमवार को ईडी की टीम ने छापा मारा। ईडी के अफसरों ने निलंबित रजिस्ट्रार के घर से दस्तावेज ओर साक्ष्य एकत्रित किए हैं।फिलहाल कार्रवाई जारी है। ईडी को रजिस्ट्रार राजपूत द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत मिली थी। बता दें कि आरजीपीवी में रजिस्ट्रार रहते आरएस राजपूत ने 19.48 करोड़ रुपए सरकारी खाते से प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। घोटाले में गांधी नगर थाने में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे थे। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर FIR दर्ज की गई थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर किए गए हैं। मामला तब सामने आया, जब लगातार एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। इसके बाद सरकार को मामले में कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।