आतंकवादीयों का लाशों का ढेर लगाने का था मंसूबा, घातक हथियार लेकर आए थे,पढ़ें कठुआ

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए हैं जबकि...

आतंकवादीयों का लाशों का ढेर लगाने का था मंसूबा, घातक हथियार लेकर आए थे,पढ़ें कठुआ

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए हैं जबकि पांच जवान घायल हुए हैं. आतंकियों की खोजबीन के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है. इस बीच सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आतंकियों ने इस हमले को अंजाम देने से पहले इलाके की रेकी की थी.

यह हमला ऐसे समय पर किया गया, जब सुरक्षाबल कठुआ के बडनोटा में तलाशी अभियान चला रहे थे. तभी आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया. सूत्रों का कहना है कि बडनोटा गांव में रोड कनेक्टिविटी सही नहीं है. यहां वाहन दस से पंद्रह किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार पर वाहन नहीं चला सकते.

लोकल गाइड ने आतंकियों को दिया खाना और छिपने में की मदद

सूत्रों का कहना है कि कच्ची सड़क होने की वजह से सेना के वाहन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. दो से तीन आतंकी और कुछ स्थानीय गाइड पहाड़ियों के ऊपर हैं. आंतकियों ने पहले सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंके और फिर फायरिंग की. यहां पहले हुए हमलों की तरह ड्राइवर को भी निशाना बनाया गया.

सूत्रों का कहना है कि इलाके में रेकी के लिए स्थानीय गाइड ने आतंकियों की मदद की थी. इन गाइडों ने आतंकियों को खाना भी मुहैया कराया था और उन्हें पनाह दी थी. हमले को अंजाम देने के बाद इन स्थानीय गाइड ने आतंकियों को छिपने में भी मदद की थी.

हमले में पाकिस्तानी आतंकी थे शामिल

सूत्रों का कहना है कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. इन आतंकियों के पास अमेरिका में बने M4 कार्बाइन राइफल, एक्सप्लोसिव डिवाइस और अन्य हथियार हैं. ऐसा भी लग रहा है कि आतंकी हमले के बाद बचकल भाग निकलने में कामयाब रहे.

हमले में 2-3 आतंकी हो सकते हैं शामिल

देर रात तक सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को कोई सफलता नहीं मिल सकी. सर्च ऑपरेशन जारी है. जंगल के अंदर आतंकी हमले की सटीक जगह का पता लगाया जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक हमले में 2 से 3 आतंकी शामिल हो सकते हैं. उम्मीद है कि आतंकियों के साथ उनके स्थानीय समर्थक भी थे, जिन्होंने उन्हें रास्ता बताने में मदद की. आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा जवानों को हताहत करने का था. वह अपने साथ अत्याधुनिक हथियार लेकर आए थे.

पैरा कमांडो चला रहे सर्च ऑपरेशन तैनात

सेना के पैरा कमांडो (एसपीएल फोर्स) को कठुआ के दूरदराज के माचिन्डी-मल्हार क्षेत्र में हवाई मार्ग से उतारा गया है. उन्हें काउंटर ऑपरेशन में तैनात किया गया है. ताकि उन आतंकवादियों के खिलाफ समय पर प्रभावी काउंटर ऑपरेशन सुनिश्चित किया जा सके. जो आतंकवादी भाग रहे हैं और क्षेत्र से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं. उनपर शिकंजा कसने की तैयारी है.

राजौरी में सेना के शिविर पर आतंकी हमला

जम्मू कश्मीर के राजौरी में दो दिन पहले ही भारतीय सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले का मामला सामने आया था. इस अटैक में आर्मी का एक जवान घायल हो गया था. आतंकवादियों ने सेना के शिविर पर गोलीबारी की थी. इस दौरान सतर्क सुरक्षा चौकी पर तैनात जवान भी ने आतंकवादियों पर गोलीबारी की थी. घटना के वक्त सेना का जवान घायल हो गया था. आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे थे.

दूसरी ओर इस हमले के कुछ घंटों बाद ही चिनिगाम गांव में गोलीबारी की एक और घटना हुई थी. सेना को लश्कर ग्रुप के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा बल उस क्षेत्र में पहुंच गए थे. दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी.  सेना को कुलगाम के इलाके में आतंकियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया इनपुट मिला था. इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान सेना के जवानों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई थी.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

रविंद्र शर्मा ने कहा कि, यह एक दुखद घटना है कि कठुआ के इलाके में हमारे चार जवान शहीद हो गए और 6 के घायल होने की जानकारी है। इस तरह की स्थिति जम्मू सूबे के हर जिले में है। सरकार आतंकवाद खत्म करने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन डोडा, राजौरी, कठुआ जैसे इलाके भी आतंकवाद से ग्रस्त होते जा रहे हैं। यह एक दुखद घटना है, सरकार को गंभीरता से देखना होगा। चुनाव के बाद अचानक इस तरह की स्थिति बनना चिंता का विषय है। सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे और बताना होगा कि इस तरह के गंभीर हालत क्यों हो रहे हैं।

इस घटना पर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी ट्वीट करते हुए कहा, कठुआ में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले में चार जवानों की शहादत और छह जवानों के घायल होने की खबर बेहद दुखद और निंदनीय है। जम्मू प्रांत में आतंकवाद का बढ़ना बेहद चिंताजनक है। हमारी संवेदनाएं घायल जवानों और उनके परिवारों के साथ हैं। सरकार को आतंकवाद से निपटने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। फिलहाल इलाके में सुरक्षाबलों की तरफ से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बीते दो माह में सेना के वाहन पर यह दूसरा आतंकी हमला है। अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों ने सेना की गाड़ी पर ग्रेनेड फेंके और इसके बाद फायरिंग शुरू कर दी। सेना के जवान रूटीन पेट्रोलिंग पर थे। इसी दौरान आतंकियों ने सेना की गाड़ी पर दोपहर करीब 3.30 बजे हमला कर दिया।