इंदौर में हेम पद्म पंचाह्निका महा महोत्सव:शंखेश्वर जैन मंदिर में सुबह से रात तक चली पूजन, दीप श्रृंगार से जगमगाया मंदिर, देर रात महाआरती

संसार में खुश रहना है तो मन पर नियंत्रण जरूरी है, जीवन में सही मार्ग पर चलना है तो देव, गुरु और धर्म की आराधना जरूरी है। पंचाह्निका महा महोत्सव में इन दिनों देवताओं का पूजन, धर्म के अनुसार आराधना और गुरु का मार्गदर्शन इन तीनों का अद्भुत अलौकिक आनंद यहां प्राप्त हो रहा है। भक्ति भी योग है, बस इसके लिए मन पर नियंत्रण का अंकुश जरूरी है जो गुरु और अरिहंत की कृपा से प्राप्त होगा। यह विचार हेम पद्म पंचाह्निका महा महोत्सव धर्म सभा में साधु साध्वियों के द्वारा धर्मसभा मे व्यक्त किए गए। पश्चिम क्षेत्र के 60 फीट रोड रतन बाग स्थित शंखेश्वर पार्श्वनाथ नवरत्न धाम मंदिर पर महा महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को आचार्य मुक्ति सागर जी महाराज, यशोविजय जी महाराज, हेमप्रज्ञा श्रीजी महाराज, मुक्तिरेखा श्रीजी महाराज, अर्चितगुणा श्रीजी महाराज, प्रेमलता श्रीजी महाराज, शुचिप्रज्ञा, मेघवर्षा श्रीजी महाराज, हर्षितप्रज्ञा श्रीजी महाराज, शीलगुर्णा श्रीजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया। आचार्यों-संतों आदि की निश्रा में दिव्य आयोजन 20 नवंबर तक जारी रहेगा। ललित सी. जैन, प्रीतेश औसतवाल, दीपक सुराना ने बताया कि सुबह से ही मंत्रोच्चारण पूजन का क्रम शुरू हुआ, जो तकरीबन 8 घंटे जारी रहा। दोपहर में हवन मे आहुतियां दी गई। रविवार को हजारों की संख्या में जैन समाज जन अर्हद् महापूजन में सहभागिता के लिए पहुंचे, दोपहर में उत्साहित समाजजन नृत्य करते भी नजर आए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से संजय नाहर, नरेंद्र बोथरा, मनोहर लाल गोखरू, राजेंद्र बरडिया, पवन सुराना, ललित सुराना, रमेश भंडारी, पारस गूगलिया आदि प्रमुख सेवा कार्यों में लग रहे।

इंदौर में हेम पद्म पंचाह्निका महा महोत्सव:शंखेश्वर जैन मंदिर में सुबह से रात तक चली पूजन, दीप श्रृंगार से जगमगाया मंदिर, देर रात महाआरती
संसार में खुश रहना है तो मन पर नियंत्रण जरूरी है, जीवन में सही मार्ग पर चलना है तो देव, गुरु और धर्म की आराधना जरूरी है। पंचाह्निका महा महोत्सव में इन दिनों देवताओं का पूजन, धर्म के अनुसार आराधना और गुरु का मार्गदर्शन इन तीनों का अद्भुत अलौकिक आनंद यहां प्राप्त हो रहा है। भक्ति भी योग है, बस इसके लिए मन पर नियंत्रण का अंकुश जरूरी है जो गुरु और अरिहंत की कृपा से प्राप्त होगा। यह विचार हेम पद्म पंचाह्निका महा महोत्सव धर्म सभा में साधु साध्वियों के द्वारा धर्मसभा मे व्यक्त किए गए। पश्चिम क्षेत्र के 60 फीट रोड रतन बाग स्थित शंखेश्वर पार्श्वनाथ नवरत्न धाम मंदिर पर महा महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को आचार्य मुक्ति सागर जी महाराज, यशोविजय जी महाराज, हेमप्रज्ञा श्रीजी महाराज, मुक्तिरेखा श्रीजी महाराज, अर्चितगुणा श्रीजी महाराज, प्रेमलता श्रीजी महाराज, शुचिप्रज्ञा, मेघवर्षा श्रीजी महाराज, हर्षितप्रज्ञा श्रीजी महाराज, शीलगुर्णा श्रीजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया। आचार्यों-संतों आदि की निश्रा में दिव्य आयोजन 20 नवंबर तक जारी रहेगा। ललित सी. जैन, प्रीतेश औसतवाल, दीपक सुराना ने बताया कि सुबह से ही मंत्रोच्चारण पूजन का क्रम शुरू हुआ, जो तकरीबन 8 घंटे जारी रहा। दोपहर में हवन मे आहुतियां दी गई। रविवार को हजारों की संख्या में जैन समाज जन अर्हद् महापूजन में सहभागिता के लिए पहुंचे, दोपहर में उत्साहित समाजजन नृत्य करते भी नजर आए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से संजय नाहर, नरेंद्र बोथरा, मनोहर लाल गोखरू, राजेंद्र बरडिया, पवन सुराना, ललित सुराना, रमेश भंडारी, पारस गूगलिया आदि प्रमुख सेवा कार्यों में लग रहे।