किसानों को केला फसल पर नहीं मिल रहा बीमा लाभ:प्राकृतिक आपदा से हर साल केले की फसल पर दो से तीन बार मंडराता है संकट
किसानों को केला फसल पर नहीं मिल रहा बीमा लाभ:प्राकृतिक आपदा से हर साल केले की फसल पर दो से तीन बार मंडराता है संकट
बुरहानपुर जिले के किसान करीब 5 साल से केला फसल पर बीमा का लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पा रही है। प्राकृतिक आपदा के कारण इस बार जिले में 5 बार केला फसल को नुकसान पहुंचा था। किसानों का कहना है कि केला उत्पादक जिला होने के कारण भी किसानों को केवल आश्वासन ही मिलता है। वहीं पिछले कुछ दिनों से किसानों को केला फसल के दाम भी सही नहीं मिल पा रहे हैं। पहले जहां केला 2 से ढाई हजार रूपए प्रति क्विंटल नीलाम हो रहा था तो वहीं अब कुछ समय से 1400 से 1900 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास ही घूम रहे हैं। दरअसल किसानों को केला फसल लगाने के बाद हर बार यह डर सताता है कि अगर प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान हुआ तो क्या होगा, क्योंकि जो मुआवजा फसल बीमा में मिलता है वह राजस्व विभाग के आरबीसी नियम 6-4 के तहत नहीं मिल पाता। इस साल प्राकृतिक आपदा से जिले में 4 बार केला फसल को नुकसान पहुंचा था। करीब 65 करोड़ का मुआवजा तीन बार खराब हुई फसलों का मिला था तो करीब 2 करोड़ से अधिक का मुआवजा हाल ही में खकनार क्षेत्र के गांवों में चली हवा, आंधी, बारिश के कारण खराब हुई केला फसल का दिया गया। केंद्र सरकार द्वारा हर साल केला फसल के बीमे के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। 2019 में इसका लाभ किसानों को मिला था, लेकिन 2020 से अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होने से किसी भी किसान को बीमा फसल का लाभ नहीं मिला। 60 हजार एकड़ में लगती है केला फसल किसानों का कहना है कि हमें सरकार नुकसान से बचाए। उन्होंने कहा 2018 में किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल रहा था, लेकिन इसके बाद से बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में फसल बीमा का लाभ मिल रहा है। मध्य प्रदेश मे फसल बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। बुरहानपुर जिले में 60 हजार एकड़ में केली की फसल लगती है। 30 हजार से अधिक किसान केले की खेती से जुड़े हैं। इसलिए फसल का बीमा होना चाहिए। हर साल आंधी, तूफान, बारिश से केला फसल को नुकसान पहुंचता है। किसानों को अपनी फसल उखाड़कर फेकना पड़ती है। नवंबर माह में एक भी दिन 2 रूपए प्रति क्विंटल नहीं बिका केला केला नीलामी बुरहानपुर स्थित कृषि उपज मंडी में होती है जहां जिलेभर से किसान पहुंचते हैं। यहां नवंबर माह में एक भी दिन केला 2 हजार रूपए क्विंटल नहीं बिका। 16 दिन से दाम 2 हजार रूपए प्रति क्विंटल के अंदर हैं। यह है स्थिति-
बुरहानपुर जिले के किसान करीब 5 साल से केला फसल पर बीमा का लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पा रही है। प्राकृतिक आपदा के कारण इस बार जिले में 5 बार केला फसल को नुकसान पहुंचा था। किसानों का कहना है कि केला उत्पादक जिला होने के कारण भी किसानों को केवल आश्वासन ही मिलता है। वहीं पिछले कुछ दिनों से किसानों को केला फसल के दाम भी सही नहीं मिल पा रहे हैं। पहले जहां केला 2 से ढाई हजार रूपए प्रति क्विंटल नीलाम हो रहा था तो वहीं अब कुछ समय से 1400 से 1900 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास ही घूम रहे हैं। दरअसल किसानों को केला फसल लगाने के बाद हर बार यह डर सताता है कि अगर प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान हुआ तो क्या होगा, क्योंकि जो मुआवजा फसल बीमा में मिलता है वह राजस्व विभाग के आरबीसी नियम 6-4 के तहत नहीं मिल पाता। इस साल प्राकृतिक आपदा से जिले में 4 बार केला फसल को नुकसान पहुंचा था। करीब 65 करोड़ का मुआवजा तीन बार खराब हुई फसलों का मिला था तो करीब 2 करोड़ से अधिक का मुआवजा हाल ही में खकनार क्षेत्र के गांवों में चली हवा, आंधी, बारिश के कारण खराब हुई केला फसल का दिया गया। केंद्र सरकार द्वारा हर साल केला फसल के बीमे के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। 2019 में इसका लाभ किसानों को मिला था, लेकिन 2020 से अब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होने से किसी भी किसान को बीमा फसल का लाभ नहीं मिला। 60 हजार एकड़ में लगती है केला फसल किसानों का कहना है कि हमें सरकार नुकसान से बचाए। उन्होंने कहा 2018 में किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल रहा था, लेकिन इसके बाद से बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में फसल बीमा का लाभ मिल रहा है। मध्य प्रदेश मे फसल बीमा का लाभ नहीं मिल रहा है। बुरहानपुर जिले में 60 हजार एकड़ में केली की फसल लगती है। 30 हजार से अधिक किसान केले की खेती से जुड़े हैं। इसलिए फसल का बीमा होना चाहिए। हर साल आंधी, तूफान, बारिश से केला फसल को नुकसान पहुंचता है। किसानों को अपनी फसल उखाड़कर फेकना पड़ती है। नवंबर माह में एक भी दिन 2 रूपए प्रति क्विंटल नहीं बिका केला केला नीलामी बुरहानपुर स्थित कृषि उपज मंडी में होती है जहां जिलेभर से किसान पहुंचते हैं। यहां नवंबर माह में एक भी दिन केला 2 हजार रूपए क्विंटल नहीं बिका। 16 दिन से दाम 2 हजार रूपए प्रति क्विंटल के अंदर हैं। यह है स्थिति-