एल्युमिनी मीट में पुरानी यादें फिर हुईं ताजा, महंत कॉलेज के सहपाठियों ने किया बड़ा मुकाम हासिल

रायपुर, 27 अगस्त। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय ने बताया कि प्रथम एल्यूमिनी मीट आयोजित हुआ इस अवसर पर महाविद्यालय में स्थापना वर्ष 1997 से लेकर 2023 तक पढक़र निकल चुके लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में पहुंचे और अपनी स्मृतियों के अंश में मौजूद कॉलेज से जुड़ी यादों को ताजा किया और एक बार फिर कॉलेज के दिन में पहुंच गए। महाविद्यालय ने बताया कि इन छात्र छात्राओं नेंं कॉलेज से मिली शिक्षा और दीक्षा को बेहद ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण बताया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि जिस तरह से कॉलेज के अध्यापकों ने प्यार और सम्मान के साथ अध्यापन कराया ऐसा शायद किसी अन्य संस्थाओं में उनको देखने नहीं मिला। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत विभाग में पदस्थ छात्र संजना शर्मा ने कहा कि स्कूल से पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचने पर कई स्वप्न मौजूद होते हैं जिन्हें साकार करने में शिक्षक महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। महाविद्यालय ने बताया कि पूर्व छात्र एवं बिजनेसमैन अंकित शुक्ला ने कहा कि सबसे अच्छे पल जीने का एक प्लेटफार्म है जहां आपको अभिभावकों से मिले प्यार का माहौल मिलता है। उनका कहना था कि फिर से पढ़ाई करने का मन बना तो महंत कॉलेज को ही स्वीकार करूंगा। कॉलेज के संस्थापक छात्र प्रलय वंडरकर ने कहा कि इस कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग रही है जो एक व्यक्तित्व निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। छात्र महेश बंजारे ने माना कि कालेज परिसर में प्रवेश करते ही फिर से यंग हो गया ऐसा अनुभव हुआ। पुलिस विभाग में पदस्थ महेश बंजारे वर्ष 2003 के छात्र रहे हैं जबकि खुशबू पोद्दार बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की छात्रा रही है, उन्होंने बताया कि कॉलेज में पुरानी यादें रही है जो फिर से ताजा हो गई।युवा राजनेता प्रदीप साहू का कहना था कि महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से पढक़र निकलने वाले छात्र आज हर मंच पर मौजूद है। सीनियर छात्रों के अनुभव रखे जाने के बाद जूनियर छात्रों ने भी स्वागत में अपनी यादों को रखा।

एल्युमिनी मीट में पुरानी यादें फिर हुईं ताजा, महंत कॉलेज के सहपाठियों ने किया बड़ा मुकाम हासिल
रायपुर, 27 अगस्त। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय ने बताया कि प्रथम एल्यूमिनी मीट आयोजित हुआ इस अवसर पर महाविद्यालय में स्थापना वर्ष 1997 से लेकर 2023 तक पढक़र निकल चुके लगभग 500 से अधिक छात्र-छात्राएं कार्यक्रम में पहुंचे और अपनी स्मृतियों के अंश में मौजूद कॉलेज से जुड़ी यादों को ताजा किया और एक बार फिर कॉलेज के दिन में पहुंच गए। महाविद्यालय ने बताया कि इन छात्र छात्राओं नेंं कॉलेज से मिली शिक्षा और दीक्षा को बेहद ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण बताया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि जिस तरह से कॉलेज के अध्यापकों ने प्यार और सम्मान के साथ अध्यापन कराया ऐसा शायद किसी अन्य संस्थाओं में उनको देखने नहीं मिला। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत विभाग में पदस्थ छात्र संजना शर्मा ने कहा कि स्कूल से पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचने पर कई स्वप्न मौजूद होते हैं जिन्हें साकार करने में शिक्षक महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं। महाविद्यालय ने बताया कि पूर्व छात्र एवं बिजनेसमैन अंकित शुक्ला ने कहा कि सबसे अच्छे पल जीने का एक प्लेटफार्म है जहां आपको अभिभावकों से मिले प्यार का माहौल मिलता है। उनका कहना था कि फिर से पढ़ाई करने का मन बना तो महंत कॉलेज को ही स्वीकार करूंगा। कॉलेज के संस्थापक छात्र प्रलय वंडरकर ने कहा कि इस कॉलेज में शिक्षकों और छात्रों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग रही है जो एक व्यक्तित्व निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। छात्र महेश बंजारे ने माना कि कालेज परिसर में प्रवेश करते ही फिर से यंग हो गया ऐसा अनुभव हुआ। पुलिस विभाग में पदस्थ महेश बंजारे वर्ष 2003 के छात्र रहे हैं जबकि खुशबू पोद्दार बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की छात्रा रही है, उन्होंने बताया कि कॉलेज में पुरानी यादें रही है जो फिर से ताजा हो गई।युवा राजनेता प्रदीप साहू का कहना था कि महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां से पढक़र निकलने वाले छात्र आज हर मंच पर मौजूद है। सीनियर छात्रों के अनुभव रखे जाने के बाद जूनियर छात्रों ने भी स्वागत में अपनी यादों को रखा।