चायना डोर से कर्मचारी का गला कटा, 8 टांके:उज्जैन में जहां 3 साल पहले गई थी युवती की जान, वहीं फिर हुआ हादसा

पतंगबाजी के शौकीन चायना डोर का उपयोग कर आम लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। गुरुवार को इंदौर के पाटीदार ब्रिज पर 53 वर्षीय प्रहलाद मोदे का गला चायना डोर से कट गया। हादसे में उनके गले से खून की धार बहने लगी। वहां से गुजर रहे लोगों ने तुरंत उनकी मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। गहरी चोट के चलते उनके गले पर 8 टांके लगाए गए। पुराना दर्द फिर हुआ ताजा यह हादसा उसी पाटीदार ब्रिज पर हुआ, जहां 3 साल पहले चायना डोर से एक छात्रा नेहा की मौत हो गई थी। प्रहलाद मोदे ने बताया कि यह दूसरी बार है जब चायना डोर से उनका गला कटा है। दो साल पहले भी इसी ब्रिज पर उनका गला कटा था, लेकिन उस समय वे बच गए थे। तब से वे हमेशा गले पर मफलर बांधकर ही ऑफिस जाते थे, लेकिन गुरुवार को मफलर पहनना भूल गए, और यह हादसा हो गया। डोर से गला और उंगलियां भी कटी प्रहलाद मोदे ने बताया कि जैसे ही डोर से गला कटा, उन्होंने तुरंत डोर को हाथ से पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान उनकी उंगलियां भी कट गईं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, लेकिन गहरी चोट के कारण वे अभी बोल नहीं पा रहे हैं। प्रतिबंध के बावजूद उपयोग जारी प्रहलाद के बेटे कुंदन ने नगर निगम और प्रशासन से अपील की है कि पाटीदार ब्रिज जैसे "हॉट स्पॉट" पर दोनों तरफ तार लगाए जाएं, ताकि इस तरह के हादसे रोके जा सकें। साथ ही, बड़े फ्लेक्स लगाकर लोगों को गाड़ी धीरे चलाने और गले को बचाने के उपाय के प्रति जागरूक किया जाए। चायना डोर पर प्रतिबंध के बावजूद इसका उपयोग हो रहा है। समय रहते ठोस कदम उठाए गए, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। ये खबर भी पढ़े... उज्जैन में चाइनीज मांझे से कटा गला, मौत:स्कूटर से जाते समय युवती की गर्दन मांझे में उलझी; वो तड़पती रही और लोग तमाशा देखते रहे

चायना डोर से कर्मचारी का गला कटा, 8 टांके:उज्जैन में जहां 3 साल पहले गई थी युवती की जान, वहीं फिर हुआ हादसा
पतंगबाजी के शौकीन चायना डोर का उपयोग कर आम लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। गुरुवार को इंदौर के पाटीदार ब्रिज पर 53 वर्षीय प्रहलाद मोदे का गला चायना डोर से कट गया। हादसे में उनके गले से खून की धार बहने लगी। वहां से गुजर रहे लोगों ने तुरंत उनकी मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। गहरी चोट के चलते उनके गले पर 8 टांके लगाए गए। पुराना दर्द फिर हुआ ताजा यह हादसा उसी पाटीदार ब्रिज पर हुआ, जहां 3 साल पहले चायना डोर से एक छात्रा नेहा की मौत हो गई थी। प्रहलाद मोदे ने बताया कि यह दूसरी बार है जब चायना डोर से उनका गला कटा है। दो साल पहले भी इसी ब्रिज पर उनका गला कटा था, लेकिन उस समय वे बच गए थे। तब से वे हमेशा गले पर मफलर बांधकर ही ऑफिस जाते थे, लेकिन गुरुवार को मफलर पहनना भूल गए, और यह हादसा हो गया। डोर से गला और उंगलियां भी कटी प्रहलाद मोदे ने बताया कि जैसे ही डोर से गला कटा, उन्होंने तुरंत डोर को हाथ से पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान उनकी उंगलियां भी कट गईं। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, लेकिन गहरी चोट के कारण वे अभी बोल नहीं पा रहे हैं। प्रतिबंध के बावजूद उपयोग जारी प्रहलाद के बेटे कुंदन ने नगर निगम और प्रशासन से अपील की है कि पाटीदार ब्रिज जैसे "हॉट स्पॉट" पर दोनों तरफ तार लगाए जाएं, ताकि इस तरह के हादसे रोके जा सकें। साथ ही, बड़े फ्लेक्स लगाकर लोगों को गाड़ी धीरे चलाने और गले को बचाने के उपाय के प्रति जागरूक किया जाए। चायना डोर पर प्रतिबंध के बावजूद इसका उपयोग हो रहा है। समय रहते ठोस कदम उठाए गए, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। ये खबर भी पढ़े... उज्जैन में चाइनीज मांझे से कटा गला, मौत:स्कूटर से जाते समय युवती की गर्दन मांझे में उलझी; वो तड़पती रही और लोग तमाशा देखते रहे