धार में बढ़ सकता है पेयजल संकट:तालाबों से अवैध पाइपलाइन बिछाकर हो रही पानी की चोरी, नपा ने पुलिस से मांगी मदद
धार में बढ़ सकता है पेयजल संकट:तालाबों से अवैध पाइपलाइन बिछाकर हो रही पानी की चोरी, नपा ने पुलिस से मांगी मदद
धार शहर के पेयजल आपूर्ति के प्रमुख तालाबों से पानी की चोरी के कारण शहर जल संकट की ओर बढ़ रहा है। नपा अधिकारियों की एक टीम ने तालाब का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान तालाब में से कई किसान पानी की चोरी करते पाए गए थे। अधिकारियों ने किसानों को हिदायत दी थी कि अब यदि तालाब में मोटर पाई जाती है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। अब नपा की और से एक आवेदन थाने पर दिया गया हैं, जिसमें पानी चोरी रोकने में पुलिस जवानों की मांग की गई है। ताकि मोटर जब्त करने की कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार का विवाद होने पर पहले से पुलिसबल मौजूद रहे। पानी की यह चोरी जारी रही तो दो सप्ताह के भीतर इन तालाबों में करीब 20 से 25 प्रतिशत पानी की कमी हो सकती है। अगर यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो गर्मी के मौसम में तालाबों का पानी तेजी से घट सकता है और इस स्थिति से धार वासियों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। तालाबों का जलस्तर घटने से गर्मी में हाहाकार मच सकता है। खेतों तक पहुंच रहा पानी इन तालाबों के आसपास पाइपों का जाल फैल चुका है, जिनके माध्यम से किसान अपने खेतों तक पानी पहुंचाते हैं। इन पाइपों का जाल काले और सफेद रंग का है और कई स्थानों पर खेतों में भी पाइप फैले हैं। कुछ लोगों ने ने सड़कों को खोदकर इन पाइपों को सड़क के नीचे से डाल लिया है, ताकि पानी उनके खेतों तक पहुंच सके। इस कारण सड़कों पर कई स्थानों पर गड्ढे भी खोद दिए गए हैं। साथ ही कई लीटर पानी सड़कों पर ही बेकार बहता रहता है। आम जनता होगी प्रभावित अगर नगर पालिका इसी तरह से अपनी लापरवाही बरतती रही, तो गर्मी के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। दिलावरा, नटनागरा और सीतापाट तालाबों में फिलहाल 60 से 70 प्रतिशत पानी ही बचा हुआ है। यदि पानी की चोरी नहीं रुकती, तो इन तालाबों का पानी जल्द खत्म हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप शहरवासियों को गर्मी में भारी पानी संकट का सामना करना पड़ सकता है। शहर में जल संकट उत्पन्न हो सकता है। इससे आम जनता भी प्रभावित हो सकती है। नपा इंजीनियर राकेश बैनल के अनुसार किसानों को हिदायत दी हैं, साथ ही थाने पर सूचना देकर पुलिसबल मांगा गया है। तालाब से पानी चोरी रोकने के प्रयास किए जा रहे है
धार शहर के पेयजल आपूर्ति के प्रमुख तालाबों से पानी की चोरी के कारण शहर जल संकट की ओर बढ़ रहा है। नपा अधिकारियों की एक टीम ने तालाब का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान तालाब में से कई किसान पानी की चोरी करते पाए गए थे। अधिकारियों ने किसानों को हिदायत दी थी कि अब यदि तालाब में मोटर पाई जाती है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। अब नपा की और से एक आवेदन थाने पर दिया गया हैं, जिसमें पानी चोरी रोकने में पुलिस जवानों की मांग की गई है। ताकि मोटर जब्त करने की कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार का विवाद होने पर पहले से पुलिसबल मौजूद रहे। पानी की यह चोरी जारी रही तो दो सप्ताह के भीतर इन तालाबों में करीब 20 से 25 प्रतिशत पानी की कमी हो सकती है। अगर यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो गर्मी के मौसम में तालाबों का पानी तेजी से घट सकता है और इस स्थिति से धार वासियों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। तालाबों का जलस्तर घटने से गर्मी में हाहाकार मच सकता है। खेतों तक पहुंच रहा पानी इन तालाबों के आसपास पाइपों का जाल फैल चुका है, जिनके माध्यम से किसान अपने खेतों तक पानी पहुंचाते हैं। इन पाइपों का जाल काले और सफेद रंग का है और कई स्थानों पर खेतों में भी पाइप फैले हैं। कुछ लोगों ने ने सड़कों को खोदकर इन पाइपों को सड़क के नीचे से डाल लिया है, ताकि पानी उनके खेतों तक पहुंच सके। इस कारण सड़कों पर कई स्थानों पर गड्ढे भी खोद दिए गए हैं। साथ ही कई लीटर पानी सड़कों पर ही बेकार बहता रहता है। आम जनता होगी प्रभावित अगर नगर पालिका इसी तरह से अपनी लापरवाही बरतती रही, तो गर्मी के मौसम में शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। दिलावरा, नटनागरा और सीतापाट तालाबों में फिलहाल 60 से 70 प्रतिशत पानी ही बचा हुआ है। यदि पानी की चोरी नहीं रुकती, तो इन तालाबों का पानी जल्द खत्म हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप शहरवासियों को गर्मी में भारी पानी संकट का सामना करना पड़ सकता है। शहर में जल संकट उत्पन्न हो सकता है। इससे आम जनता भी प्रभावित हो सकती है। नपा इंजीनियर राकेश बैनल के अनुसार किसानों को हिदायत दी हैं, साथ ही थाने पर सूचना देकर पुलिसबल मांगा गया है। तालाब से पानी चोरी रोकने के प्रयास किए जा रहे है