नीलय को नीट में 706 अंकों के साथ देशभर में 815वीं रैंक

छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद, 6 जून। महासमुंद नगर के नीलय सूचक ने नीट में 706 अंकों के साथ देशभर में 815वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि हासिल कर उन्होंने नगर का गौरव बढ़ाया है। उनके पिता रितेश कुमार सूचक बिजनेसमैन और मां सेजल सूचक गृहिणी हैं। नीलय सूचक ने बताया कि उनका लक्ष्य एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई करना है। उन्होंने बताया कि रायपुर में रहकर कोचिंग की। चैप्टर के अनुसार लक्ष्य बनाता था। फिजिक्स, केमिस्ट्री के फार्मूले लिखकर हॉस्टल की दीवार पर चिपका दिया। महत्वपूर्ण चैप्टर जो भूल जाता था, उनके भी नोट्स बनाकर चस्पा किया। उन्होंने कहा कि पढऩे का मन नहीं होता था तब या खाना-खाने और सुबह जागने के बाद इन्हीं फार्मूलों को देखता था। इससे भी तैयारी अच्छी हुई। कोचिंग से बहुत सारे स्टडी मटेरियल मिले थे, हफ्ते टेस्ट होते थे। जहां कमी रही शिक्षकों से पूछकर दूर किया। पढ़ाई में मन नहीं लगता तो गाने सुनता था। केसियो भी बजाता था।

नीलय को नीट में 706 अंकों के साथ देशभर में 815वीं रैंक
छत्तीसगढ़ संवाददाता महासमुंद, 6 जून। महासमुंद नगर के नीलय सूचक ने नीट में 706 अंकों के साथ देशभर में 815वीं रैंक हासिल की है। यह उपलब्धि हासिल कर उन्होंने नगर का गौरव बढ़ाया है। उनके पिता रितेश कुमार सूचक बिजनेसमैन और मां सेजल सूचक गृहिणी हैं। नीलय सूचक ने बताया कि उनका लक्ष्य एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई करना है। उन्होंने बताया कि रायपुर में रहकर कोचिंग की। चैप्टर के अनुसार लक्ष्य बनाता था। फिजिक्स, केमिस्ट्री के फार्मूले लिखकर हॉस्टल की दीवार पर चिपका दिया। महत्वपूर्ण चैप्टर जो भूल जाता था, उनके भी नोट्स बनाकर चस्पा किया। उन्होंने कहा कि पढऩे का मन नहीं होता था तब या खाना-खाने और सुबह जागने के बाद इन्हीं फार्मूलों को देखता था। इससे भी तैयारी अच्छी हुई। कोचिंग से बहुत सारे स्टडी मटेरियल मिले थे, हफ्ते टेस्ट होते थे। जहां कमी रही शिक्षकों से पूछकर दूर किया। पढ़ाई में मन नहीं लगता तो गाने सुनता था। केसियो भी बजाता था।