पंच कल्याणक महोत्सव में शांति-बंधुत्व का संदेश:गजरथ शोभायात्रा के साथ हुआ आयोजन का समापन, उमड़े हजारों श्रद्धालु

भोपाल के टीटी नगर जैन मंदिर में पंच कल्याणक महोत्सव का समापन मोक्ष कल्याणक की आराधना के साथ हुआ। इस दौरान भोपाल के विभिन्न मंदिरों की 84 जिन प्रतिमाओं का पाषाण से भगवान बनने का अनुष्ठान संपन्न हुआ। आयोजन स्थल अयोध्या नगरी से गजरथ शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें प्रभु के पांच रथ मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। मार्ग पर केसरिया धर्म ध्वजाएं विश्व शांति और बंधुत्व का संदेश दे रही थीं। विभिन्न मंदिरों के युवा मंडल 'जय अरिहंत' और 'जय जिनेंद्र' के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि निर्वाण की बेला तीनों लोक में शांति और सद्भाव स्थापित करती है। उन्होंने बताया कि यह धार्मिक अनुष्ठान विश्व शांति और जगत कल्याण की भावना से किया जाता है। शोभायात्रा में प्रतीकात्मक हाथी, रथ और बग्गियों पर अनुष्ठान के प्रमुख पात्र विराजमान थे। जिनमें भगवान के माता-पिता बने ऋषभ, राजेश्वरी जैन, सौधर्म इंद्र इंद्राणी, राजेश- सारिका, कुबेर अमर-माया जैन महायज्ञ नायक सुनील-रंजना सहित सभी पात्र प्रभु के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित कर रहे थे। विभिन्न मार्गो से होती हुई शोभायात्रा आयोजन स्थल पहुंची, यहां भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक हुआ। प्रवक्ता सुनील जैनाविन ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुनि संघ को श्री फल अर्पित किया और देश व प्रदेश की उन्नति विकास का आशीर्वाद लिया। शोभायात्रा में राजधानी के मंदिरों के अध्यक्ष, विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी, सोशल ग्रुप महिला मंडल, युवा मंडल, पाठशाला परिवार शामिल हुए।

पंच कल्याणक महोत्सव में शांति-बंधुत्व का संदेश:गजरथ शोभायात्रा के साथ हुआ आयोजन का समापन, उमड़े हजारों श्रद्धालु
भोपाल के टीटी नगर जैन मंदिर में पंच कल्याणक महोत्सव का समापन मोक्ष कल्याणक की आराधना के साथ हुआ। इस दौरान भोपाल के विभिन्न मंदिरों की 84 जिन प्रतिमाओं का पाषाण से भगवान बनने का अनुष्ठान संपन्न हुआ। आयोजन स्थल अयोध्या नगरी से गजरथ शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें प्रभु के पांच रथ मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। मार्ग पर केसरिया धर्म ध्वजाएं विश्व शांति और बंधुत्व का संदेश दे रही थीं। विभिन्न मंदिरों के युवा मंडल 'जय अरिहंत' और 'जय जिनेंद्र' के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे। मुनि प्रमाण सागर महाराज ने कहा कि निर्वाण की बेला तीनों लोक में शांति और सद्भाव स्थापित करती है। उन्होंने बताया कि यह धार्मिक अनुष्ठान विश्व शांति और जगत कल्याण की भावना से किया जाता है। शोभायात्रा में प्रतीकात्मक हाथी, रथ और बग्गियों पर अनुष्ठान के प्रमुख पात्र विराजमान थे। जिनमें भगवान के माता-पिता बने ऋषभ, राजेश्वरी जैन, सौधर्म इंद्र इंद्राणी, राजेश- सारिका, कुबेर अमर-माया जैन महायज्ञ नायक सुनील-रंजना सहित सभी पात्र प्रभु के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित कर रहे थे। विभिन्न मार्गो से होती हुई शोभायात्रा आयोजन स्थल पहुंची, यहां भगवान की प्रतिमाओं का अभिषेक हुआ। प्रवक्ता सुनील जैनाविन ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुनि संघ को श्री फल अर्पित किया और देश व प्रदेश की उन्नति विकास का आशीर्वाद लिया। शोभायात्रा में राजधानी के मंदिरों के अध्यक्ष, विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी, सोशल ग्रुप महिला मंडल, युवा मंडल, पाठशाला परिवार शामिल हुए।