बुलडोजर कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक:76 वर्षीय बुजुर्ग का मकान तोड़ने पर गृह सचिव सहित अन्य को दिया नोटिस
बुलडोजर कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक:76 वर्षीय बुजुर्ग का मकान तोड़ने पर गृह सचिव सहित अन्य को दिया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर से मकान तोड़ने के मामले में विस्तार से केन्द्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश दिए है। लिहाजा इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम आदेश के तहत रोक लगाते हुए मकान का शेष भाग तोड़े जाने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मामले पर गृह सचिव, आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। दरअसल यह याचिका जबलपुर निवासी शकुंतला सिंह की और से दायर की गई है, जिसमें उनके वकील केके पांडे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पति स्व. हरभजन सिंह ने 2003 में बेटे बलविंदर सिंह के नाम ग्वारीघाट में 17 हजार वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। जिस पर जिला प्रशासन ने 13 नवंबर को बुलडोजर चलाया।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि एसडीओ पंकज मिश्रा, तहसीलदार विवेक त्रिपाठी, कैंट बोर्ड के सीएस खराटे और नगर निगम के नीतेश पटेरिया सहित अन्य लोगों ने बुलडोजर की मदद से 50 साल पुराने दर्जनों पेड़ काट दिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर से मकान तोड़ने के मामले में दिशा निर्देश दिए, इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यह कार्रवाई की गई. इतना ही नहीं 76 साल की वृद्धा से बदसलूकी की गई।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की पर उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई, लिहाजा थक हार उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले पर हाईकोर्ट जस्टिस विजय शुक्ला की कोर्ट ने अंतरिम आदेश तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है, साथ ही कहा है कि अगले आदेश तक मकान के शेष भाग को नहीं तोड़ा जाएगा। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर से मकान तोड़ने के मामले में विस्तार से केन्द्र एवं राज्य सरकारों को निर्देश दिए है। लिहाजा इस मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम आदेश के तहत रोक लगाते हुए मकान का शेष भाग तोड़े जाने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मामले पर गृह सचिव, आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। दरअसल यह याचिका जबलपुर निवासी शकुंतला सिंह की और से दायर की गई है, जिसमें उनके वकील केके पांडे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पति स्व. हरभजन सिंह ने 2003 में बेटे बलविंदर सिंह के नाम ग्वारीघाट में 17 हजार वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। जिस पर जिला प्रशासन ने 13 नवंबर को बुलडोजर चलाया।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि एसडीओ पंकज मिश्रा, तहसीलदार विवेक त्रिपाठी, कैंट बोर्ड के सीएस खराटे और नगर निगम के नीतेश पटेरिया सहित अन्य लोगों ने बुलडोजर की मदद से 50 साल पुराने दर्जनों पेड़ काट दिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर 2024 को बुलडोजर से मकान तोड़ने के मामले में दिशा निर्देश दिए, इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यह कार्रवाई की गई. इतना ही नहीं 76 साल की वृद्धा से बदसलूकी की गई।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत की पर उनकी सुनवाई कहीं नहीं हुई, लिहाजा थक हार उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। मामले पर हाईकोर्ट जस्टिस विजय शुक्ला की कोर्ट ने अंतरिम आदेश तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है, साथ ही कहा है कि अगले आदेश तक मकान के शेष भाग को नहीं तोड़ा जाएगा। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।