बसंत पंचमी पर ब्रह्माकुमारीज में आध्यात्मिक चेतना का जागरण:भोपाल ब्लेसिंग हाउस में मां सरस्वती से भक्तों का हुआ मनोबल वर्धन
बसंत पंचमी पर ब्रह्माकुमारीज में आध्यात्मिक चेतना का जागरण:भोपाल ब्लेसिंग हाउस में मां सरस्वती से भक्तों का हुआ मनोबल वर्धन
बसंत पंचमी पर ब्रह्माकुमारीज में आध्यात्मिक चेतना का जागरण, मां सरस्वती के आशीर्वाद से भक्तों का हुआ मनोबल वर्धन" भोपाल के नर्मदापुरम रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज़ ब्लेसिंग हाउस में बसंत पंचमी का पावन त्योहार आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ज्ञानमोती सभागार में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की विशेष आकर्षण कुमारी का मां सरस्वती के रूप में दर्शन था, जिन्होंने उपस्थित सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। सेवाकेंद्र की प्रभारी बी.के. डॉ. रीना दीदी ने बसंत पंचमी के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. रीना दीदी ने बताया कि बसंत पंचमी विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार प्रकृति में आने वाले परिवर्तन का प्रतीक है। जैसे दो महीने की शीत के बाद धरती नई ऊर्जा से जागृत होती है, वैसे ही यह समय मनुष्य के जीवन में भी आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है। उपस्थित सैकड़ो की संख्या में भक्तगणों ने मां सरस्वती देवी की आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्थान के वरिष्ठ भ्राता बीके डॉ. रावेंद्र भाई, हेमराज सूर्यवंशी (एडवाइजर खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड खान मंत्रालय, भारत सरकार) बीके घनश्याम भाई , बीके सुरेश भाई, बीके परिहार भाई , बीके ऋचा, बीके कुंती, बीके सतीश, बीके राम आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित सभी भक्तगणों को प्रसाद वितरण किया गया। ब्रह्मकुमारी रीना दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि परमात्मा से प्रेम करने की यह ऋतु है बसंत। कहा जाता है जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि को रचा तो जैसे कोई जान नहीं थी इस सृष्टि में जान भरने के लिए या उसको सुव्यवस्थित करने के लिए मां सरस्वती का जन्म हुआ और मां सरस्वती ने अपनी ज्ञान वीणा बजाते हुए मधुर स्वर भर दिया। आज के दिन का महत्व है कि मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक प्रज्ञा की जागृति होने लगती है।
बसंत पंचमी पर ब्रह्माकुमारीज में आध्यात्मिक चेतना का जागरण, मां सरस्वती के आशीर्वाद से भक्तों का हुआ मनोबल वर्धन" भोपाल के नर्मदापुरम रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज़ ब्लेसिंग हाउस में बसंत पंचमी का पावन त्योहार आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ज्ञानमोती सभागार में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की विशेष आकर्षण कुमारी का मां सरस्वती के रूप में दर्शन था, जिन्होंने उपस्थित सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। सेवाकेंद्र की प्रभारी बी.के. डॉ. रीना दीदी ने बसंत पंचमी के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. रीना दीदी ने बताया कि बसंत पंचमी विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार प्रकृति में आने वाले परिवर्तन का प्रतीक है। जैसे दो महीने की शीत के बाद धरती नई ऊर्जा से जागृत होती है, वैसे ही यह समय मनुष्य के जीवन में भी आध्यात्मिक चेतना का संचार करता है। उपस्थित सैकड़ो की संख्या में भक्तगणों ने मां सरस्वती देवी की आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्थान के वरिष्ठ भ्राता बीके डॉ. रावेंद्र भाई, हेमराज सूर्यवंशी (एडवाइजर खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड खान मंत्रालय, भारत सरकार) बीके घनश्याम भाई , बीके सुरेश भाई, बीके परिहार भाई , बीके ऋचा, बीके कुंती, बीके सतीश, बीके राम आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित सभी भक्तगणों को प्रसाद वितरण किया गया। ब्रह्मकुमारी रीना दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि परमात्मा से प्रेम करने की यह ऋतु है बसंत। कहा जाता है जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि को रचा तो जैसे कोई जान नहीं थी इस सृष्टि में जान भरने के लिए या उसको सुव्यवस्थित करने के लिए मां सरस्वती का जन्म हुआ और मां सरस्वती ने अपनी ज्ञान वीणा बजाते हुए मधुर स्वर भर दिया। आज के दिन का महत्व है कि मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक प्रज्ञा की जागृति होने लगती है।