भारत ने यूक्रेन पीस समिट के साझा बयान से ख़ुद को अलग किया

भारत ने स्विट्जरलैंड में आयोजित समिट ऑन पीस इन यूक्रेन के साझा बयान से ख़ुद को अलग कर लिया है. 16 जून को पीस समिट के आख़िरी दिन भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (पश्चिम) पवन कपूर ने कहा कि भारत ऐसे ही प्रस्ताव पर सहमति जताएगा, जिसे दोनों ही पक्ष मानते हों, इसलिए भारत इस अंतिम दस्तावेज़ से ख़ुद को अलग कर रहा है. इसके साथ ही भारत उन सात देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने दो दिन तक बर्गेनस्टॉक में चलने वाले इस समिट के बाद साझे बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया. समिट के बाद जारी साझे बयान में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करने का आह्वान किया गया है. ये यूक्रेन के शांति फार्मूले और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रस्तावों पर आधारित है, जिस पर अब तक 80 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. समिट के आखिरी दिन रविवार को विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने भारत के रुख़ को स्पष्ट करते हुए कहा, समिट में हमारी भागीदारी और सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार संपर्क का उद्देश्य संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिहाज से कई विचारों और विकल्पों को समझना है. हमें लगता है कि केवल वो विकल्प जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों,स्थायी शांति की ओर ले जा सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हमने ख़ुद को समिट की ओर से जारी किए जा रहे साझे बयान या किसी भी तरह के अन्य दस्तावेज से ख़ुद को अलग करने का फ़ैसला लिया है.(bbc.com/hindi)

भारत ने यूक्रेन पीस समिट के साझा बयान से ख़ुद को अलग किया
भारत ने स्विट्जरलैंड में आयोजित समिट ऑन पीस इन यूक्रेन के साझा बयान से ख़ुद को अलग कर लिया है. 16 जून को पीस समिट के आख़िरी दिन भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (पश्चिम) पवन कपूर ने कहा कि भारत ऐसे ही प्रस्ताव पर सहमति जताएगा, जिसे दोनों ही पक्ष मानते हों, इसलिए भारत इस अंतिम दस्तावेज़ से ख़ुद को अलग कर रहा है. इसके साथ ही भारत उन सात देशों में शामिल हो गया, जिन्होंने दो दिन तक बर्गेनस्टॉक में चलने वाले इस समिट के बाद साझे बयान का समर्थन करने से इनकार कर दिया. समिट के बाद जारी साझे बयान में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करने का आह्वान किया गया है. ये यूक्रेन के शांति फार्मूले और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रस्तावों पर आधारित है, जिस पर अब तक 80 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. समिट के आखिरी दिन रविवार को विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने भारत के रुख़ को स्पष्ट करते हुए कहा, समिट में हमारी भागीदारी और सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार संपर्क का उद्देश्य संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए आगे का रास्ता खोजने के लिहाज से कई विचारों और विकल्पों को समझना है. हमें लगता है कि केवल वो विकल्प जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों,स्थायी शांति की ओर ले जा सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए हमने ख़ुद को समिट की ओर से जारी किए जा रहे साझे बयान या किसी भी तरह के अन्य दस्तावेज से ख़ुद को अलग करने का फ़ैसला लिया है.(bbc.com/hindi)