महापौर जाते-जाते मना रही हैं दलपत सागर दीपोत्सव -सुशील मौर्य

छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 8 दिसंबर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने दलपत सागर दीपक उत्सव को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जगदलपुर नगर निगम की महापौर सफीरा साहू पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सुशील ने कहा है दलपत सागर के कायाकल्प का सपना तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देखा था जिसका परिणाम ही है,आज वर्तमान का जो दलपत सागर जगदलपुर वासियों के लिए किसी गौरव से कम नहीं। दलपत सागर के प्रति आमजन की श्रद्धा को बढ़ाने तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही दलपत दीपोत्सव का आयोजन आरंभ कराया था,परंतु विगत एक वर्ष से जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव साय वाली सरकार बनी और महापौर सफीरा साहू ने कांग्रेस के साथ विश्वासघात कर नगर की कांग्रेस सरकार की पीठ पर छुरा घोप कर दलपत सागर के कायाकल्प के सपने को भी चकनाचूर कर गयीं, तब से आज पर्यंत तक दलपत सागर के कायाकल्प के लिए एक नयी ईट तक नहीं रखी हैं,जिसका परिणाम स्वरूप आज दलपत सागर की पुन: से वही स्थिति निर्मित हो गई जो विगत 15 वर्ष भारतीय जनता पार्टी की सरकार में बन चुकी थी। पिछले 1 वर्ष में एक नई र्इंट भी दलपत सागर में नहीं रखने वाली महापौर अपने ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने दलपत सागर दीपोत्सव का ढोंग रच रही हैं, जो कि अति निंदनीय है। दलपत सागर की सफाई को लेकर महापौर सफीरा साहू और नगर निगम की भाजपा सरकार पिछले एक वर्ष में कितनी गंभीर रही इस बात को भी सब ने देखा है। आज महापौर चौतरफा भ्रष्टाचार के आरोप से घिर चुकी हैं। श्री मौर्य ने कहा यदि दलपत सागर को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जो सपना देखा था और महापौर सफीरा साहू को गढ़बो नया जगदलपुर का नारा दिया था। इस गढ़बो नवा जगदलपुर की ही कल्पना थी गढ़बो नवा दलपत सागर, यदि उन्होंने उसे साकार कर दिया,यदि उन्होंने दलपत सागर का पानी को साफ कर दिया,यदि उन्होंने दलपत सागर का कायाकल्प कर दिया तो दीपोत्सव की जगह यदि उनमें साहस हो तो दलपत सागर के विषैला पानी के अंदर डुबकी लगाकर दिखाएं। सुशील मौर्य ने कहा -मात्र कुछ ही दिन शेष रहे गए हैं, महापौर अपने पद पर रहेगीं उन्हें दलपत देव से दलपत सागर से और जगदलपुर की जनता से हाथ जोडक़र माफी मांगना चाहिए और अपनी गलती को स्वीकारते हुए क्षमा याचना करनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस काल में देखे गए सपने को महापौर ने अपने निजी स्वार्थ के लिए चकनाचूर कर दिया।

महापौर जाते-जाते मना रही हैं दलपत सागर दीपोत्सव -सुशील मौर्य

छत्तीसगढ़ संवाददाता जगदलपुर, 8 दिसंबर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने दलपत सागर दीपक उत्सव को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जगदलपुर नगर निगम की महापौर सफीरा साहू पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सुशील ने कहा है दलपत सागर के कायाकल्प का सपना तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देखा था जिसका परिणाम ही है,आज वर्तमान का जो दलपत सागर जगदलपुर वासियों के लिए किसी गौरव से कम नहीं। दलपत सागर के प्रति आमजन की श्रद्धा को बढ़ाने तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही दलपत दीपोत्सव का आयोजन आरंभ कराया था,परंतु विगत एक वर्ष से जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव साय वाली सरकार बनी और महापौर सफीरा साहू ने कांग्रेस के साथ विश्वासघात कर नगर की कांग्रेस सरकार की पीठ पर छुरा घोप कर दलपत सागर के कायाकल्प के सपने को भी चकनाचूर कर गयीं, तब से आज पर्यंत तक दलपत सागर के कायाकल्प के लिए एक नयी ईट तक नहीं रखी हैं,जिसका परिणाम स्वरूप आज दलपत सागर की पुन: से वही स्थिति निर्मित हो गई जो विगत 15 वर्ष भारतीय जनता पार्टी की सरकार में बन चुकी थी। पिछले 1 वर्ष में एक नई र्इंट भी दलपत सागर में नहीं रखने वाली महापौर अपने ऊपर लग रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से जनता का ध्यान भटकाने दलपत सागर दीपोत्सव का ढोंग रच रही हैं, जो कि अति निंदनीय है। दलपत सागर की सफाई को लेकर महापौर सफीरा साहू और नगर निगम की भाजपा सरकार पिछले एक वर्ष में कितनी गंभीर रही इस बात को भी सब ने देखा है। आज महापौर चौतरफा भ्रष्टाचार के आरोप से घिर चुकी हैं। श्री मौर्य ने कहा यदि दलपत सागर को लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जो सपना देखा था और महापौर सफीरा साहू को गढ़बो नया जगदलपुर का नारा दिया था। इस गढ़बो नवा जगदलपुर की ही कल्पना थी गढ़बो नवा दलपत सागर, यदि उन्होंने उसे साकार कर दिया,यदि उन्होंने दलपत सागर का पानी को साफ कर दिया,यदि उन्होंने दलपत सागर का कायाकल्प कर दिया तो दीपोत्सव की जगह यदि उनमें साहस हो तो दलपत सागर के विषैला पानी के अंदर डुबकी लगाकर दिखाएं। सुशील मौर्य ने कहा -मात्र कुछ ही दिन शेष रहे गए हैं, महापौर अपने पद पर रहेगीं उन्हें दलपत देव से दलपत सागर से और जगदलपुर की जनता से हाथ जोडक़र माफी मांगना चाहिए और अपनी गलती को स्वीकारते हुए क्षमा याचना करनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस काल में देखे गए सपने को महापौर ने अपने निजी स्वार्थ के लिए चकनाचूर कर दिया।