विजयपुर में ब्रह्माकुमारी संस्थान ने निकाली आध्यात्मिक शिव बारात:बीके बहन बोलीं- धतूरा हमारे जीवन में आई बुराइयों का प्रतीक

विजयपुर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय और नशा मुक्त भारत अभियान के मेडिकल विंग ने संयुक्त रूप से बुधवार को शहर में आध्यात्मिक शिव बारात निकाली। महाशिवरात्रि के मौके पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रभारी बीके शशि बहन ने मुख्यालय पर शिव ध्वजारोहण किया। इसके बाद शोभायात्रा निकाली गई। उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव को औढरदानी भी कहा जाता है। इसका आध्यात्मिक अर्थ है कि वह सभी मनुष्य आत्माओं के पिता हैं। वे इस समय धरती पर आकर सभी मनुष्यों से उनके अवगुणों और विकारों का दान स्वीकार कर रहे हैं। अक, धतूरा और बेर के आध्यात्मिक महत्व के बारे में बताया शशि बहन ने अक, धतूरा और बेर के आध्यात्मिक महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि ये हमारे जीवन में आई बुराइयों का प्रतीक हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे शिव की याद में रहकर सभी से प्रेम भाव रखें। साथ ही सरल और सादगीपूर्ण जीवन जीएं। कार्यक्रम में बच्चों ने सुंदर झांकी प्रस्तुत की। इसमें शिव, शंकर, पार्वती, ऋषि-मुनि और नंदी गण को दर्शाया गया। शिव भक्तों ने शोभायात्रा का स्वागत किया और शिवलिंग की पूजा की।

विजयपुर में ब्रह्माकुमारी संस्थान ने निकाली आध्यात्मिक शिव बारात:बीके बहन बोलीं- धतूरा हमारे जीवन में आई बुराइयों का प्रतीक
विजयपुर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय और नशा मुक्त भारत अभियान के मेडिकल विंग ने संयुक्त रूप से बुधवार को शहर में आध्यात्मिक शिव बारात निकाली। महाशिवरात्रि के मौके पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की प्रभारी बीके शशि बहन ने मुख्यालय पर शिव ध्वजारोहण किया। इसके बाद शोभायात्रा निकाली गई। उन्होंने बताया कि परमात्मा शिव को औढरदानी भी कहा जाता है। इसका आध्यात्मिक अर्थ है कि वह सभी मनुष्य आत्माओं के पिता हैं। वे इस समय धरती पर आकर सभी मनुष्यों से उनके अवगुणों और विकारों का दान स्वीकार कर रहे हैं। अक, धतूरा और बेर के आध्यात्मिक महत्व के बारे में बताया शशि बहन ने अक, धतूरा और बेर के आध्यात्मिक महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि ये हमारे जीवन में आई बुराइयों का प्रतीक हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे शिव की याद में रहकर सभी से प्रेम भाव रखें। साथ ही सरल और सादगीपूर्ण जीवन जीएं। कार्यक्रम में बच्चों ने सुंदर झांकी प्रस्तुत की। इसमें शिव, शंकर, पार्वती, ऋषि-मुनि और नंदी गण को दर्शाया गया। शिव भक्तों ने शोभायात्रा का स्वागत किया और शिवलिंग की पूजा की।