शिक्षक की कमी से जूझ रहा हीरापुर स्कूल, अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से की शिकायत
शिक्षक की कमी से जूझ रहा हीरापुर स्कूल, अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से की शिकायत
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 अप्रैल। जनपद पंचायत माकड़ी के ग्राम पंचायत हीरापुर में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी समस्या को लेकर छात्रों के पालक व जनप्रतिनिधियों का एक समूह 2 अप्रैल को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और उचित समाधान की मांग की।
हीरापुर के उप सरपंच मंगलेश राठौर सहित ग्रामीणों व अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई कि विद्यालय में केवल हीरापुर ही नहीं, बल्कि आसपास के 10 ग्राम पंचायतों के 300 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। हालांकि, यहां 14 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 7 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षकों की इस कमी के कारण पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है।
अभिभावकों का कहना है कि बार-बार मांग के बावजूद शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा सकता है। इसी को लेकर वे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने की मांग की। इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने कहा कि, शिक्षकों की कमी को लेकर ग्रामीणों की शिकायत मिली है।
चूंकि यह शैक्षणिक सत्र का अंतिम चरण है, इसलिए नए सत्र में कलेक्टर की अनुशंसा पर अन्य विद्यालयों से समन्वय बनाकर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 अप्रैल। जनपद पंचायत माकड़ी के ग्राम पंचायत हीरापुर में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी समस्या को लेकर छात्रों के पालक व जनप्रतिनिधियों का एक समूह 2 अप्रैल को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और उचित समाधान की मांग की।
हीरापुर के उप सरपंच मंगलेश राठौर सहित ग्रामीणों व अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई कि विद्यालय में केवल हीरापुर ही नहीं, बल्कि आसपास के 10 ग्राम पंचायतों के 300 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं। हालांकि, यहां 14 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 7 शिक्षक ही कार्यरत हैं। शिक्षकों की इस कमी के कारण पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है।
अभिभावकों का कहना है कि बार-बार मांग के बावजूद शिक्षकों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा सकता है। इसी को लेकर वे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने की मांग की। इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने कहा कि, शिक्षकों की कमी को लेकर ग्रामीणों की शिकायत मिली है।
चूंकि यह शैक्षणिक सत्र का अंतिम चरण है, इसलिए नए सत्र में कलेक्टर की अनुशंसा पर अन्य विद्यालयों से समन्वय बनाकर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।