श्रीगुरु भागवत छत्तीसगढ़ी और कोसली का विमोचन

भटगांव, 3 जुलाई।हरियाणा के गुरुग्राम स्थित साई का आंगन परिसर में गुरु जी डॉ. चन्द्रभानु सतपथी द्वारा श्री गुरुभागवत छत्तीसगढ़ी एवं श्रीगुरु भागवत कोसली नामक दो डिजिटल एलबम का विमोचन किया गया। साथ में गुरु भागवत छत्तीसगढ़ी प्रार्थना किताब का विमोचन भी किया गया। गुरु भागवत छत्तीसगढ़ी प्रार्थना , गुरु जी श्री चन्द्र भानू सतपथी जी के द्वारा लिखित गुरु भागवत उडिय़ा से ली गयी 34 पंक्तियां हैं जिसे उड़ीसा के मंदिरों में प्रार्थना के रूप में गाई जाती हैं। दोनों एल्बम में गीत व संगीत डॉ. चन्द्र भानू सतपथी द्वारा प्रदान किया गया है। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत डॉ. सतपथी जी ने इनका विमोचन किया। इस अवसर पर अखिलेश चौबे ने श्रीगुरु भागवत छत्तीसगढ़ी की व चारुदत्त मिश्रा ने श्रीगुरु भागवत कोसली की आवश्यकता और उपादेयता पर विस्तार से प्रकाश डाला। अन्त में साई के आंगन के बच्चों ने श्रीगुरु भागवत की कुछ पंक्तियों का गायन और संबलपुरी नृत्य का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में गुरु ग्राम के अलावा छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओडिशा के अनेक बुद्धिजीविओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। डॉ. सतपथी द्वारा गुरु शिष्य परंपरा की महानता को ध्यान में रखते हुए श्री गुरु भागवत की ओडिय़ा भाषा में रचना की है, मूल रूप से ओडिय़ा में लिखी गयी श्री गुरु भागवत का अब तक देश की 19 भाषाओं अनुवाद किया गया है।

श्रीगुरु भागवत छत्तीसगढ़ी और कोसली का विमोचन
भटगांव, 3 जुलाई।हरियाणा के गुरुग्राम स्थित साई का आंगन परिसर में गुरु जी डॉ. चन्द्रभानु सतपथी द्वारा श्री गुरुभागवत छत्तीसगढ़ी एवं श्रीगुरु भागवत कोसली नामक दो डिजिटल एलबम का विमोचन किया गया। साथ में गुरु भागवत छत्तीसगढ़ी प्रार्थना किताब का विमोचन भी किया गया। गुरु भागवत छत्तीसगढ़ी प्रार्थना , गुरु जी श्री चन्द्र भानू सतपथी जी के द्वारा लिखित गुरु भागवत उडिय़ा से ली गयी 34 पंक्तियां हैं जिसे उड़ीसा के मंदिरों में प्रार्थना के रूप में गाई जाती हैं। दोनों एल्बम में गीत व संगीत डॉ. चन्द्र भानू सतपथी द्वारा प्रदान किया गया है। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत डॉ. सतपथी जी ने इनका विमोचन किया। इस अवसर पर अखिलेश चौबे ने श्रीगुरु भागवत छत्तीसगढ़ी की व चारुदत्त मिश्रा ने श्रीगुरु भागवत कोसली की आवश्यकता और उपादेयता पर विस्तार से प्रकाश डाला। अन्त में साई के आंगन के बच्चों ने श्रीगुरु भागवत की कुछ पंक्तियों का गायन और संबलपुरी नृत्य का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में गुरु ग्राम के अलावा छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओडिशा के अनेक बुद्धिजीविओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। डॉ. सतपथी द्वारा गुरु शिष्य परंपरा की महानता को ध्यान में रखते हुए श्री गुरु भागवत की ओडिय़ा भाषा में रचना की है, मूल रूप से ओडिय़ा में लिखी गयी श्री गुरु भागवत का अब तक देश की 19 भाषाओं अनुवाद किया गया है।