सोनीपत में सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर सोसाइटी गायब:FD और RD में पैसे जमा कराए थे; मोटा इन्सेंटिव देकर जोड़े थे एजेंट, 13 पर FIR

हरियाणा के सोनीपत में सैकड़ों लोगों व एजेंटों के करोड़ों रुपए लेकर एक कोआपरेटिव सोसाइटी गायब हो गई है। सोसाइटी ने करीब 6 साल तक लोगों व एजेंटों को मोटे मुनाफे का झांसा देकर रुपए जमा कराए गए। निवेशकों के रुपए लौटाने का समय आया तो सोसाइटी ने बहानेबाजी शुरू कर दी। फिर इससे जुड़े संचालकों व अधिकारियों ने अपने संपर्क खत्म कर लिए। धोखाधड़ी व जालसाजी करके लोगों के करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं। पुलिस छानबीन कर रही है। हसनपुर गांव के रहने वाले विपुल ने डीजीपी को ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत भेजी थी। इसमें उसने बताया कि वर्ष 2016 से 2023 तक सोसाइटी ने समय पर भुगतान और योजनाओं का सुचारू संचालन किया। निवेशकों को परिपक्वता राशि समय पर दी गई। एजेंट्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर इंसेंटिव दिया गया। बड़ी सभाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सोसाइटी ने अपना भरोसा बनाए रखा। उसने बताया कि ऐसा करके सोसाइटी ने अपनी वास्तविक मंशा को छिपाते हुए धोखाधड़ी के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। 2023 में संकट की शुरुआत हुई। सोसाइटी के कामकाज में गंभीर समस्याएं आनी शुरू हुई। पहले एजेंट्स के इंसेंटिव रोक दिए गए। निवेशकों की परिपक्वता राशि का भुगतान भी बाधित होने लगा। सोसाइटी के अधिकारी "सिस्टम अपग्रेडेशन" का बहाना बनाकर देरी को जायज ठहराने की कोशिश करते रहे। उसने बताया कि निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। धीरे-धीरे, सोसाइ‌टी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली। सोसाइटी लोगों के जमा कराए गए करोड़ों रुपए लेकर फुर्र हो गई। सितंबर 2016 में हुई थी पंजीकृत जानकारी के अनुसार ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सोसाइटी बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत इंदौर में पंजीकृत थी और 16 सितंबर 2016 से हरियाणा सहित कई राज्यों में कार्यरत थी। सोसाइटी ने लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और आवर्ती जमा (RD) योजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित किया। इसके लिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का लालच दिया गया और एजेंटों को आकर्षक इंसेंटिव देकर बड़ी संख्या में लोगों से पैसे जमा कराए। मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया सोसाइटी ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया, जिसमें एजेंटों को नए निवेशकों को जोड़ने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाता था। सोसाइटी ने शुरुआत में खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में पेश किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और समय पर मैच्योरिटी राशि का भुगतान किया जाएगा। हालांकि, अब सोसाइटी के संचालक करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए हैं। सोसाइटी मालिकों व अन्य पर केस दर्ज पुलिस ने थाना मुरथल में विपुल की शिकायत पर संचालक नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परीक्षित पारसे, आरके शेट्टी, राजेश टैगोर (मुख्य ट्रेनर), संजय मुदगिल (मुख्य ट्रेनर) श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ (ब्रांड एंबेसडर, जिन्होंने सोसाइटी को प्रमोट किया), पप्पू शर्मा (हरियाणा हैड), आकाश श्रीवास्तव (हरियाणा हैड), रामकवार झा (चेस्ट ब्रांच), शबाबै हुसैन व आलोक नाथ के खिलाफ धारा धारा 316(2),318(2),(4) BNS में केस दर्ज किया है।

सोनीपत में सैकड़ों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर सोसाइटी गायब:FD और RD में पैसे जमा कराए थे; मोटा इन्सेंटिव देकर जोड़े थे एजेंट, 13 पर FIR
हरियाणा के सोनीपत में सैकड़ों लोगों व एजेंटों के करोड़ों रुपए लेकर एक कोआपरेटिव सोसाइटी गायब हो गई है। सोसाइटी ने करीब 6 साल तक लोगों व एजेंटों को मोटे मुनाफे का झांसा देकर रुपए जमा कराए गए। निवेशकों के रुपए लौटाने का समय आया तो सोसाइटी ने बहानेबाजी शुरू कर दी। फिर इससे जुड़े संचालकों व अधिकारियों ने अपने संपर्क खत्म कर लिए। धोखाधड़ी व जालसाजी करके लोगों के करोड़ों रुपए हड़प लिए हैं। पुलिस छानबीन कर रही है। हसनपुर गांव के रहने वाले विपुल ने डीजीपी को ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत भेजी थी। इसमें उसने बताया कि वर्ष 2016 से 2023 तक सोसाइटी ने समय पर भुगतान और योजनाओं का सुचारू संचालन किया। निवेशकों को परिपक्वता राशि समय पर दी गई। एजेंट्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर इंसेंटिव दिया गया। बड़ी सभाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सोसाइटी ने अपना भरोसा बनाए रखा। उसने बताया कि ऐसा करके सोसाइटी ने अपनी वास्तविक मंशा को छिपाते हुए धोखाधड़ी के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। 2023 में संकट की शुरुआत हुई। सोसाइटी के कामकाज में गंभीर समस्याएं आनी शुरू हुई। पहले एजेंट्स के इंसेंटिव रोक दिए गए। निवेशकों की परिपक्वता राशि का भुगतान भी बाधित होने लगा। सोसाइटी के अधिकारी "सिस्टम अपग्रेडेशन" का बहाना बनाकर देरी को जायज ठहराने की कोशिश करते रहे। उसने बताया कि निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। धीरे-धीरे, सोसाइ‌टी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली। सोसाइटी लोगों के जमा कराए गए करोड़ों रुपए लेकर फुर्र हो गई। सितंबर 2016 में हुई थी पंजीकृत जानकारी के अनुसार ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सोसाइटी बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत इंदौर में पंजीकृत थी और 16 सितंबर 2016 से हरियाणा सहित कई राज्यों में कार्यरत थी। सोसाइटी ने लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और आवर्ती जमा (RD) योजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित किया। इसके लिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का लालच दिया गया और एजेंटों को आकर्षक इंसेंटिव देकर बड़ी संख्या में लोगों से पैसे जमा कराए। मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया सोसाइटी ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया, जिसमें एजेंटों को नए निवेशकों को जोड़ने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाता था। सोसाइटी ने शुरुआत में खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में पेश किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और समय पर मैच्योरिटी राशि का भुगतान किया जाएगा। हालांकि, अब सोसाइटी के संचालक करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए हैं। सोसाइटी मालिकों व अन्य पर केस दर्ज पुलिस ने थाना मुरथल में विपुल की शिकायत पर संचालक नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परीक्षित पारसे, आरके शेट्टी, राजेश टैगोर (मुख्य ट्रेनर), संजय मुदगिल (मुख्य ट्रेनर) श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ (ब्रांड एंबेसडर, जिन्होंने सोसाइटी को प्रमोट किया), पप्पू शर्मा (हरियाणा हैड), आकाश श्रीवास्तव (हरियाणा हैड), रामकवार झा (चेस्ट ब्रांच), शबाबै हुसैन व आलोक नाथ के खिलाफ धारा धारा 316(2),318(2),(4) BNS में केस दर्ज किया है।