हाथी दल ने फसलें रौंदी, आंसू बहाने मजबूर हुए किसान

छत्तीसगढ़ संवाददाता उदयपुर, 26 सितंबर। सरगुजा जिला के वन परिक्षेत्र उदयपुर में विगत आठ सितंबर से 12 हाथियों का दल अपनी धमक से ग्रामीणों में भय का वातावरण बनाए हुए है। हाथी मानव द्वंद के बीच नुकसान जनता का ही होना है, इसका उदाहरण ग्राम रामनगर में देखने को मिला। यहां 12 हाथियों का दल शाम 7 बजे करीब कलेश्वर पारा के नजदीक पहुंचा और ग्रामीणों के धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया। अंधेरे में हाथी आगमन की सूचना पर ग्रामीण टार्च मोबाइल लेकर अपनी खेती बचाने दौड़ पड़े। चारों तरफ से आदमी का झुंड, लाइट की रोशनी देखकर हाथी दल झुंझलाहट में इधर से उधर दौडऩा फसलों को रौंदना शुरू कर दिया। हाथियों को भगाने कोई पटाखा का उपयोग कर रहा तो कोई गुलेल चला रहा तो कोई चोंगा लगाकर पेपे की आवाज से हाथियों को बेचैन करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसी बीच उग्र होकर कभी-कभी लोगों को दौड़ाता तो लोग बेहिसाब भागते नजर आते रहे। वन अमला की 15 से 20 लोगों की टीम प्रतिदिन दो वाहनों से अलग-अलग चौक-चौराहों पर बैरिके ड्स, रोड बंद ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने भेजने की कोशिश करते हुए नजर आए। हाथियों के नजदीक नहीं जाने हाथियों को नहीं छेडऩे की समझाइश देते रहे, परंतु आधे अधिक लोग बात मानने को तैयार ही नहीं हुए। सब हाथियों के अगल-बगल टार्च लेकर दौड़ते रहे, इसी बीच एक दर्जन से अधिक किसानों की फसलों को हाथियों ने बुरी तरह से रौंद डाला। रामनगर में हाथियों ने 19 किसानों का फसल बर्बाद किया है।

छत्तीसगढ़ संवाददाता उदयपुर, 26 सितंबर। सरगुजा जिला के वन परिक्षेत्र उदयपुर में विगत आठ सितंबर से 12 हाथियों का दल अपनी धमक से ग्रामीणों में भय का वातावरण बनाए हुए है। हाथी मानव द्वंद के बीच नुकसान जनता का ही होना है, इसका उदाहरण ग्राम रामनगर में देखने को मिला। यहां 12 हाथियों का दल शाम 7 बजे करीब कलेश्वर पारा के नजदीक पहुंचा और ग्रामीणों के धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया। अंधेरे में हाथी आगमन की सूचना पर ग्रामीण टार्च मोबाइल लेकर अपनी खेती बचाने दौड़ पड़े। चारों तरफ से आदमी का झुंड, लाइट की रोशनी देखकर हाथी दल झुंझलाहट में इधर से उधर दौडऩा फसलों को रौंदना शुरू कर दिया। हाथियों को भगाने कोई पटाखा का उपयोग कर रहा तो कोई गुलेल चला रहा तो कोई चोंगा लगाकर पेपे की आवाज से हाथियों को बेचैन करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसी बीच उग्र होकर कभी-कभी लोगों को दौड़ाता तो लोग बेहिसाब भागते नजर आते रहे। वन अमला की 15 से 20 लोगों की टीम प्रतिदिन दो वाहनों से अलग-अलग चौक-चौराहों पर बैरिके ड्स, रोड बंद ग्रामीणों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने भेजने की कोशिश करते हुए नजर आए। हाथियों के नजदीक नहीं जाने हाथियों को नहीं छेडऩे की समझाइश देते रहे, परंतु आधे अधिक लोग बात मानने को तैयार ही नहीं हुए। सब हाथियों के अगल-बगल टार्च लेकर दौड़ते रहे, इसी बीच एक दर्जन से अधिक किसानों की फसलों को हाथियों ने बुरी तरह से रौंद डाला। रामनगर में हाथियों ने 19 किसानों का फसल बर्बाद किया है।