धार में राजस्व महाअभियान 3.0:किसानों की समस्याओं का हो रहा निराकरण, 70 पटवारी मैदानी काम में लगे

सरकार ने किसानों को तहसील के चक्कर न लगाने देने के लिए राजस्व महाअभियान 3.0 की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक जिले भर में लंबित राजस्व प्रकरणों का समाधान किया जाएगा। धार में चल रहे राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत किसानों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का निराकरण तेजी से किया जा रहा है। इस अभियान के तहत तहसीलदार और राजस्व अधिकारी गांवों में जाकर किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनका समाधान कर रहे हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके ने रामपुर और नवासा तहसील में चल रहे अभियान का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और सीमांकन जैसे मामलों का शीघ्र निपटारा करें। साथ ही, परंपरागत रास्तों का चिन्हांकन और स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाए। 265 गांवों में 70 पटवारी लगे हुए हैं जिले के 265 राजस्व गांवों में 70 पटवारी, दो नायब तहसीलदार, तीन राजस्व निरीक्षक और एक तहसीलदार एसडीएम मैदानी स्तर पर काम कर रहे हैं। धार तहसील में 12 हजार 721 मामलों का लक्ष्य रखा गया है और अब तक 700 से अधिक मामलों का निराकरण किया जा चुका है। तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम तहसील कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां पटवारियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर पटवारी अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करे। राजस्व महाअभियान 3.0 का उद्देश्य इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निराकरण करना है। साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि किसानों को अपनी जमीन से जुड़े मामलों के लिए तहसील के चक्कर न लगाने पड़ें। इस अभियान से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। उन्हें अब अपनी जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। इस अभियान के तहत भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के अंतर्गत परंपरागत और मान्यता प्राप्त सड़कों, रास्तों और सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। इससे रास्ता विवाद और जल निकासी विवाद जैसे मामलों का निराकरण होगा। ये अभियान 15 नवंबर से शुरू हुआ है और 15 दिसंबर तक चलेगा। अभियान के आंकड़े-

धार में राजस्व महाअभियान 3.0:किसानों की समस्याओं का हो रहा निराकरण, 70 पटवारी मैदानी काम में लगे
सरकार ने किसानों को तहसील के चक्कर न लगाने देने के लिए राजस्व महाअभियान 3.0 की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक जिले भर में लंबित राजस्व प्रकरणों का समाधान किया जाएगा। धार में चल रहे राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत किसानों की जमीन से जुड़ी समस्याओं का निराकरण तेजी से किया जा रहा है। इस अभियान के तहत तहसीलदार और राजस्व अधिकारी गांवों में जाकर किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनका समाधान कर रहे हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर रोशनी पाटीदार और तहसीलदार दिनेश उईके ने रामपुर और नवासा तहसील में चल रहे अभियान का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और सीमांकन जैसे मामलों का शीघ्र निपटारा करें। साथ ही, परंपरागत रास्तों का चिन्हांकन और स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाए। 265 गांवों में 70 पटवारी लगे हुए हैं जिले के 265 राजस्व गांवों में 70 पटवारी, दो नायब तहसीलदार, तीन राजस्व निरीक्षक और एक तहसीलदार एसडीएम मैदानी स्तर पर काम कर रहे हैं। धार तहसील में 12 हजार 721 मामलों का लक्ष्य रखा गया है और अब तक 700 से अधिक मामलों का निराकरण किया जा चुका है। तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम तहसील कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां पटवारियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर पटवारी अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करे। राजस्व महाअभियान 3.0 का उद्देश्य इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षों से लंबित राजस्व मामलों का निराकरण करना है। साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि किसानों को अपनी जमीन से जुड़े मामलों के लिए तहसील के चक्कर न लगाने पड़ें। इस अभियान से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है। उन्हें अब अपनी जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। इस अभियान के तहत भू-राजस्व संहिता की धारा 131 के अंतर्गत परंपरागत और मान्यता प्राप्त सड़कों, रास्तों और सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। इससे रास्ता विवाद और जल निकासी विवाद जैसे मामलों का निराकरण होगा। ये अभियान 15 नवंबर से शुरू हुआ है और 15 दिसंबर तक चलेगा। अभियान के आंकड़े-