पटाखा फैक्ट्री ब्लॉस्ट के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत:किडनी ट्रांसप्लांट कराने दायर की थी याचिका; पीड़ित परिवार बोले- हमें न्याय कब मिलेगा?
पटाखा फैक्ट्री ब्लॉस्ट के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत:किडनी ट्रांसप्लांट कराने दायर की थी याचिका; पीड़ित परिवार बोले- हमें न्याय कब मिलेगा?
हरदा में इसी साल 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार गुप्ता की डबल बेंच ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अग्रवाल की जमानत मंजूर की। ब्लॉस्ट के बाद से ही आरोपी जेल में था। आरोपी राजेश अग्रवाल को कोर्ट ने छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दी है। उधर बीते आठ महीनों से न्याय की आस लगाए बैठे पीड़ित परिवारों के लोग हताश नजर आए। उनका कहना है कि हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। हादसे मे 58 परिवार बेघर हो गए थे जो आईटीआई में बनाए गए राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार की महिलाओं का कहना है कि उन्हें उनके घर का मुआवजा मिल जाता फिर भले ही आरोपी को इलाज के लिए बेल मिल जाती। दरअसल, जबलपुर हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जमानत मांगी थी। कलेक्टर बोले- रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे
आरोपी को जमानत मिलने के बाद कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि आरोपी राजेश अग्रवाल की अंतरिम जमानत पर रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे। कलेक्टर सिंह ने कहा, 'हमने इस विषय पर बैठक की, जिसमें एसपी समेत जिले के अधिकारी शामिल हुए थे। हमारी कोशिश रहेगी कि अगर गैर जरूरी बेल मिली हो तो रिव्यू कराया जाए। न्याय संगत कार्रवाई हो। कलेक्टर ने कहा कि ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट के सेक्शन 9 के तहत ऐसे ऑपरेशन के लिए ऑथराइजेशन कमेटी से परमिशन लेना जरूरी है। राजेश अग्रवाल को अब तक कमेटी का ऑथराइजेशन नहीं मिला है। इसी विषय को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाएंगे। पीड़ित परिवार बोले हमें कब मिलेगा न्याय
आरोपी को जमानत मिलने के बाद हरदा ब्लास्ट के पीड़ित परिवार कलेक्टर से मिलने पहुंचे। उन्होंने पूछा- फैक्ट्री मालिक को जमानत मिल गई, लेकिन हम लोगों के मकान कब बनेंगे?
हरदा में इसी साल 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के मुख्य आरोपी राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार गुप्ता की डबल बेंच ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अग्रवाल की जमानत मंजूर की। ब्लॉस्ट के बाद से ही आरोपी जेल में था। आरोपी राजेश अग्रवाल को कोर्ट ने छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दी है। उधर बीते आठ महीनों से न्याय की आस लगाए बैठे पीड़ित परिवारों के लोग हताश नजर आए। उनका कहना है कि हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है। हादसे मे 58 परिवार बेघर हो गए थे जो आईटीआई में बनाए गए राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं। पीड़ित परिवार की महिलाओं का कहना है कि उन्हें उनके घर का मुआवजा मिल जाता फिर भले ही आरोपी को इलाज के लिए बेल मिल जाती। दरअसल, जबलपुर हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जमानत मांगी थी। कलेक्टर बोले- रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे
आरोपी को जमानत मिलने के बाद कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा कि आरोपी राजेश अग्रवाल की अंतरिम जमानत पर रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे। कलेक्टर सिंह ने कहा, 'हमने इस विषय पर बैठक की, जिसमें एसपी समेत जिले के अधिकारी शामिल हुए थे। हमारी कोशिश रहेगी कि अगर गैर जरूरी बेल मिली हो तो रिव्यू कराया जाए। न्याय संगत कार्रवाई हो। कलेक्टर ने कहा कि ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट के सेक्शन 9 के तहत ऐसे ऑपरेशन के लिए ऑथराइजेशन कमेटी से परमिशन लेना जरूरी है। राजेश अग्रवाल को अब तक कमेटी का ऑथराइजेशन नहीं मिला है। इसी विषय को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाएंगे। पीड़ित परिवार बोले हमें कब मिलेगा न्याय
आरोपी को जमानत मिलने के बाद हरदा ब्लास्ट के पीड़ित परिवार कलेक्टर से मिलने पहुंचे। उन्होंने पूछा- फैक्ट्री मालिक को जमानत मिल गई, लेकिन हम लोगों के मकान कब बनेंगे?