पायल कपाड़िया की 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' को मिला आठ मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन

नई दिल्ली, 24 मई । पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट ने गुरुवार रात कान में अपने वर्ल्ड प्रीमियर में धूम मचाई और इंटरनेशनल क्रिटिक्स से तारीफें बटोरी। ऑल वी इमेजिन... 30 सालों में फेस्टिवल के कंपटीशन सेक्शन के लिए क्वालीफाई होने वाली पहली भारतीय फिल्म है। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद आठ मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया, जो निश्चित रूप से फिल्म फेस्टिवल के इस एडिशन की सबसे लंबी स्क्रीनिंग में से एक थी। कपाड़िया यूरोपीय दिग्गजों जैसे जैक्स ऑडियार्ड और योर्गोस लैंथिमोस, अमेरिकी लेखक डेविड क्रोनबर्ग और पॉल श्रेडर और एशियाई दूरदर्शी जिया झांगके के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं। फिल्म को ट्रॉफी मिले या न मिले, लेकिन स्क्रीनिंग ने इंटरनेशनल क्रिटिक्स को काफी प्रभावित किया। द गार्जियन के पीटर ब्रैडशॉ ने फिल्म की फ्रेशनेस और इमोशनल क्लेरिटी के लिए इसकी प्रशंसा की और कपाड़िया की स्टोरीटेलिंग की तुलना क्लासिक महानगर और अरण्येर दिन रात्रि में सत्यजीत रे से की जा रही है। स्क्रीनिंग के बाद आने वाले शुरुआती रिव्यू शानदार थे। इंटरनेशनल क्रिटिक फियोनुआला होलिगन ने लिखा, डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली एक टैलेंटेड निर्माता की फिक्शन में यह शुरुआत ल्यूक्रेसिया मार्टेल या ऐलिस रोहरवाचेर के काम को याद दिलाती है, फिर भी इसमें एक मजबूत रोमांटिक तत्व है जो हांगकांग शहर के साथ वोंग कार-वाई के प्रेम संबंध को भी याद दिलाती है। क्या जूरी ऑल वी इमेजिन... के जोरदार स्वागत के पीछे की भावना को साझा करेगी, या आठ मिनट के स्टैंडिंग ओवेशन को देखेगी? क्या कपाड़िया पाल्मे डीओर घर वापस लाएंगी? ये तो पुरस्कार की घोषणा के बाद ही पता चलेगा। (आईएएनएस)

पायल कपाड़िया की 'ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट' को मिला आठ मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन
नई दिल्ली, 24 मई । पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट ने गुरुवार रात कान में अपने वर्ल्ड प्रीमियर में धूम मचाई और इंटरनेशनल क्रिटिक्स से तारीफें बटोरी। ऑल वी इमेजिन... 30 सालों में फेस्टिवल के कंपटीशन सेक्शन के लिए क्वालीफाई होने वाली पहली भारतीय फिल्म है। फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद आठ मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया, जो निश्चित रूप से फिल्म फेस्टिवल के इस एडिशन की सबसे लंबी स्क्रीनिंग में से एक थी। कपाड़िया यूरोपीय दिग्गजों जैसे जैक्स ऑडियार्ड और योर्गोस लैंथिमोस, अमेरिकी लेखक डेविड क्रोनबर्ग और पॉल श्रेडर और एशियाई दूरदर्शी जिया झांगके के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं। फिल्म को ट्रॉफी मिले या न मिले, लेकिन स्क्रीनिंग ने इंटरनेशनल क्रिटिक्स को काफी प्रभावित किया। द गार्जियन के पीटर ब्रैडशॉ ने फिल्म की फ्रेशनेस और इमोशनल क्लेरिटी के लिए इसकी प्रशंसा की और कपाड़िया की स्टोरीटेलिंग की तुलना क्लासिक महानगर और अरण्येर दिन रात्रि में सत्यजीत रे से की जा रही है। स्क्रीनिंग के बाद आने वाले शुरुआती रिव्यू शानदार थे। इंटरनेशनल क्रिटिक फियोनुआला होलिगन ने लिखा, डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली एक टैलेंटेड निर्माता की फिक्शन में यह शुरुआत ल्यूक्रेसिया मार्टेल या ऐलिस रोहरवाचेर के काम को याद दिलाती है, फिर भी इसमें एक मजबूत रोमांटिक तत्व है जो हांगकांग शहर के साथ वोंग कार-वाई के प्रेम संबंध को भी याद दिलाती है। क्या जूरी ऑल वी इमेजिन... के जोरदार स्वागत के पीछे की भावना को साझा करेगी, या आठ मिनट के स्टैंडिंग ओवेशन को देखेगी? क्या कपाड़िया पाल्मे डीओर घर वापस लाएंगी? ये तो पुरस्कार की घोषणा के बाद ही पता चलेगा। (आईएएनएस)