भोपाल में अनुवाद कौशल कार्यशाला का आयोजन:केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 5 दिवसीय कार्यशाला शुरू, डॉ. गिरिधर राव शामिल

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में सोमवार को पांच दिवसीय अनुवाद कौशल कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की भारतीय भाषा समिति के अकादमिक समन्वयक डॉ. गिरिधर राव उपस्थित रहे। डॉ. राव ने अपने संबोधन में अनुवाद कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे वैदिक वाङ्मय एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़कर समझाया। उन्होंने कहा कि अनुवाद कौशल सभी के लिए आवश्यक है, जिससे हिंदी और अन्य भाषाओं के ग्रंथों को संस्कृत में अनूदित किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्य विद्याशाखा के समन्वयक प्रो. सनंदन कुमार त्रिपाठी ने अनुवाद की विभिन्न विधियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला में विशेष महत्वपूर्ण ग्रंथों के अनुवाद का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला में प्रशिक्षण देने के लिए परिसर के उन प्राध्यापकों को चुना गया है, जिन्होंने केंद्रीय स्तर पर अनुवाद कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। डॉ. प्रताप इस कार्यशाला के संयोजक हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वरुण सौरभ पोखरियाल ने किया। यह कार्यशाला 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।

भोपाल में अनुवाद कौशल कार्यशाला का आयोजन:केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 5 दिवसीय कार्यशाला शुरू, डॉ. गिरिधर राव शामिल
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में सोमवार को पांच दिवसीय अनुवाद कौशल कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की भारतीय भाषा समिति के अकादमिक समन्वयक डॉ. गिरिधर राव उपस्थित रहे। डॉ. राव ने अपने संबोधन में अनुवाद कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे वैदिक वाङ्मय एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़कर समझाया। उन्होंने कहा कि अनुवाद कौशल सभी के लिए आवश्यक है, जिससे हिंदी और अन्य भाषाओं के ग्रंथों को संस्कृत में अनूदित किया जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्य विद्याशाखा के समन्वयक प्रो. सनंदन कुमार त्रिपाठी ने अनुवाद की विभिन्न विधियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला में विशेष महत्वपूर्ण ग्रंथों के अनुवाद का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला में प्रशिक्षण देने के लिए परिसर के उन प्राध्यापकों को चुना गया है, जिन्होंने केंद्रीय स्तर पर अनुवाद कौशल का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। डॉ. प्रताप इस कार्यशाला के संयोजक हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वरुण सौरभ पोखरियाल ने किया। यह कार्यशाला 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।